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गोरखपुर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर का बैग बस में छूटा, पुलिस ने 6 घंटे में लौटाया, 20 से अधिक सीसीटीवी फुटेज से मिली सफलता

नेपाल से लौट रहे महाराष्ट्र के रिटायर्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियर का कीमती दस्तावेजों और रुपए से भरा बैग बस में छूट गया था; गोरखपुर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए रिकॉर्ड समय में बरामद कर दिया

गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास उस समय अफरा-तफरी मच गई जब नेपाल से लौट रहे महाराष्ट्र के रिटायर्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियर विनायक मधुकर का कीमती दस्तावेजों और नकदी से भरा बैग बस में छूट गया। अन्नपूर्णा पर्वत श्रृंखला में ट्रैकिंग का रोमांचक सफर पूरा कर लौट रहे मधुकर के पासपोर्ट, आधार कार्ड, दवाइयां, 15 हजार नेपाली और 8 हजार भारतीय रुपए सहित यात्रा के टिकट उसी बैग में थे। घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने गोरखपुर रेलवे पुलिस चौकी में संपर्क किया और मदद की गुहार लगाई। चौकी प्रभारी सुधांशु सिंह ने शिकायत सुनते ही टीम को सक्रिय किया और बस की पहचान के लिए आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने बिना देर किए कार्रवाई शुरू की, क्योंकि बैग में महत्वपूर्ण दस्तावेज और यात्रा संबंधी कागजात थे जो उनके भारत लौटने के लिए आवश्यक थे।

20 से अधिक सीसीटीवी फुटेज से मिली सुराग, पुलिस ने दिखाई तत्परता

पुलिस टीम ने शहर के विभिन्न स्थानों और बस अड्डे के आसपास लगे 20 से अधिक सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से विश्लेषण किया। कई घंटे तक चली खोजबीन के बाद अधिकारियों को उस बस की फुटेज मिली जिसमें विनायक मधुकर यात्रा कर रहे थे। बस की पहचान होते ही पुलिस ने ड्राइवर और कंडक्टर से संपर्क साधा और उन्हें घटना की जानकारी दी। बताया जा रहा है कि बस सोनौली बॉर्डर से गोरखपुर आने के बाद आगे बढ़ चुकी थी, लेकिन पुलिस की सक्रियता के चलते बस कर्मियों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बैग को सुरक्षित रखते हुए उसे गोरखपुर रेलवे पुलिस चौकी तक पहुंचाया। पूरी प्रक्रिया को पूरा करने में पुलिस को महज छह घंटे लगे, जो प्रशासनिक तत्परता और तकनीकी दक्षता का उदाहरण है। रेलवे पुलिस चौकी प्रभारी सुधांशु सिंह ने बताया कि टीम ने बिना रुके लगातार काम किया ताकि यात्री का सामान शीघ्र वापस दिलाया जा सके।

यात्री हुए भावुक, गोरखपुर पुलिस की ईमानदारी की तारीफ की

जब विनायक मधुकर को उनका बैग वापस मिला तो उनकी आंखों में खुशी और राहत झलक रही थी। उन्होंने कहा कि गोरखपुर पुलिस की ईमानदारी और तत्परता सराहनीय है। “मैंने सोचा था कि मेरा पासपोर्ट और दस्तावेज शायद कभी वापस नहीं मिलेंगे, लेकिन पुलिस ने जिस तरह तेजी से काम किया, वह वाकई प्रशंसनीय है,” उन्होंने कहा। यह घटना न केवल पुलिस की जिम्मेदारी का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि तकनीक और मानवीय संवेदनशीलता के मेल से किसी की परेशानी को कितनी जल्दी हल किया जा सकता है। स्थानीय नागरिकों ने भी गोरखपुर पुलिस की कार्यशैली की प्रशंसा की और कहा कि ऐसे उदाहरण आम जनता में भरोसा बढ़ाते हैं। रेलवे पुलिस की टीम ने जिस तरह बिना किसी औपचारिकता के तत्परता दिखाई, उसने यह साबित कर दिया कि सही नीयत और त्वरित कार्रवाई से कोई भी असंभव कार्य संभव हो सकता है। प्रशासन का यह प्रयास यात्रियों की सुरक्षा और विश्वास के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, जो भविष्य में पुलिस और जनता के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा।

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