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सहारनपुर से गिरफ्तार डॉ. अदील का आतंकी नेटवर्क बेनकाब: फरीदाबाद में डॉक्टर साथी के घर से मिला 300 किलो RDX, AK-47 और 84 कारतूस

जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा डॉक्टर अदील श्रीनगर पुलिस की पूछताछ में आया पकड़ा, फरीदाबाद के डॉक्टर मुजाहिल शकील के ठिकाने से विस्फोटक सामग्री बरामद

File photo of terrorist Dr. Adil Ahmed, accused of being linked to the Jaish-e-Mohammed network.

सहारनपुर में गिरफ्तार जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े डॉक्टर अदील अहमद की पूछताछ में एक बड़ा आतंकी नेटवर्क सामने आया है। श्रीनगर पुलिस ने अदील की निशानदेही पर हरियाणा के फरीदाबाद स्थित एक मकान में छापा मारकर 300 किलो आरडीएक्स, एक एके-47 राइफल और 84 कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार, यह विस्फोटक सामग्री डॉक्टर मुजाहिल शकील के किराए के मकान में छिपाई गई थी। जांच में सामने आया है कि डॉ. मुजाहिल शकील मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले का रहने वाला है और उसने फरीदाबाद में मकान सिर्फ आतंकी सामग्री रखने के लिए किराए पर लिया था। मौके से मिले केमिकल भरे बैगों और बारूद की मात्रा को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इसका इस्तेमाल किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश में किया जाना था।

पोस्टर लगाने से आया रडार पर, सहारनपुर से हुई गिरफ्तारी

जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, श्रीनगर में कुछ दिन पहले जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें आतंकी संगठन की विचारधारा का प्रचार किया गया था। घटना के बाद श्रीनगर में तनाव फैल गया था। जांच में पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिले, जिनमें डॉ. अदील अहमद राठर पोस्टर लगाते हुए दिखाई दिए। अदील मूल रूप से अनंतनाग का निवासी है और सहारनपुर के अंबाला रोड स्थित फेमस हॉस्पिटल में मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत था। पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस के जरिए उसकी लोकेशन ट्रेस की और फिर स्थानीय पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार कर लिया। सहारनपुर कोर्ट में पेशी के बाद श्रीनगर पुलिस आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रवाना हुई।

अदील से पूछताछ के बाद श्रीनगर पुलिस ने 9 नवंबर को फरीदाबाद में डॉक्टर मुजाहिल के किराए के मकान पर छापा मारा। वहां भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने के बाद आसपास का क्षेत्र खाली कराया गया और बम निरोधक दस्ते ने मौके पर जांच की। मकान मालिक के अनुसार, मुजाहिल वहां ठहरता नहीं था और केवल सामान रखने के लिए जगह ली थी। शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ है कि जैश-ए-मोहम्मद भारत में अपने स्लीपर मॉड्यूल के लिए डॉक्टरों का इस्तेमाल कर रहा था। अब जम्मू-कश्मीर पुलिस, यूपी एटीएस, हरियाणा पुलिस और गुजरात की सुरक्षा एजेंसियां मिलकर इस नेटवर्क की गहराई से पड़ताल कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस गिरोह के अन्य सदस्य अब भी देश के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय हो सकते हैं।

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