बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 7 नवंबर से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक 10 दिन की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा निकालेंगे। यह यात्रा दिल्ली के प्रसिद्ध कात्यायनी देवी मंदिर से आरंभ होगी और लगभग 150 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। आयोजकों के अनुसार इस ऐतिहासिक यात्रा में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्म की एकता, राष्ट्र गौरव और सांस्कृतिक जागरण का संदेश पूरे देश में फैलाना बताया जा रहा है। 13 नवंबर को यह पदयात्रा जब मथुरा की सीमा में प्रवेश करेगी, तो स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। बुधवार को वृंदावन के एक होटल में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें आगरा के कमिश्नर शैलेंद्र सिंह, डीआईजी शैलेश पांडे, डीएम चंद्र प्रकाश सिंह, एमवीडीए उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार, एसपी सिटी राजीव कुमार सिंह समेत विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में तय किया गया कि यात्रा मार्ग पर विशेष निगरानी रखी जाएगी और संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी। यात्रा के दौरान सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी रहेंगे और भीड़ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ली जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए अधिकारियों ने पदयात्रा मार्ग पर ट्रैफिक प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं, जल आपूर्ति और साफ-सफाई की विशेष तैयारियों के निर्देश दिए।
मार्ग, पड़ाव और धार्मिक विवाद
पदयात्रा के मार्ग और पड़ावों को लेकर भी प्रशासन ने विस्तृत योजना तैयार की है। अधिकारियों की टीम ने मथुरा जिले में यात्रा के पड़ाव स्थलों का निरीक्षण किया। यात्रा 13 नवंबर को कोसी मंडी पहुंचेगी, जहां पहला पड़ाव निर्धारित किया गया है। इसके बाद 14 नवंबर को बिलौठी गांव (छाता क्षेत्र) में रात्रि विश्राम होगा, जबकि 15 नवंबर को यात्रा जैंत गांव के पास राधा गोविंद मंदिर में रुकेगी। यात्रा का समापन 16 नवंबर को वृंदावन के चार धाम मंदिर में होगा, जहां धीरेंद्र शास्त्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन कर समापन की घोषणा करेंगे। इस बीच, यात्रा से जुड़ा एक नया विवाद भी उभरकर सामने आया है। सोशल मीडिया पर धीरेंद्र शास्त्री का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि इस यात्रा में लगभग 300 मुस्लिम भाई भी शामिल होंगे। इस बयान के बाद ब्रज क्षेत्र के साधु-संतों और हिंदू संगठनों में असंतोष फैल गया। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर मामले के याचिकाकर्ता दिनेश फलाहारी ने कहा कि “ब्रजभूमि में किसी गैर सनातनी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।” इस बयान के बाद कई संगठनों ने नारेबाजी करते हुए मुस्लिमों की भागीदारी पर आपत्ति जताई। वृंदावन के विष्णु धाम में आयोजित एक बैठक में महामंडलेश्वर रामदास महाराज, महामंडलेश्वर राधानंद गिरी, समाजसेवी राजेश पाठक, अनिल कृष्ण शास्त्री, अंकित शास्त्री, वल्लभाचार्य, कन्हैया कौशिक, नरेश ठाकुर और अन्य संतों ने एक स्वर में विरोध दर्ज कराया। प्रशासन ने संभावित तनाव को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिसबल तैनात करने का निर्णय लिया है ताकि यात्रा शांतिपूर्वक पूरी हो सके।
सनातन एकता और हिंदू राष्ट्र निर्माण का संदेश
वृंदावन के भागवत मंदिर में धर्म रक्षा संघ की ओर से आयोजित धर्म संगोष्ठी में सनातन हिंदू एकता पदयात्रा को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता स्वामी अतुल कृष्णदास महाराज ने की, जिसमें धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ समेत कई संतों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। सौरभ गौड़ ने कहा कि यह यात्रा केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण और हिंदू राष्ट्र निर्माण के संकल्प का प्रतीक है। उनके अनुसार यह पदयात्रा समाज में एकता, समानता और धार्मिक जागरूकता का संदेश लेकर निकलेगी और भारत की प्राचीन संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम बनेगी। स्वामी अतुल कृष्णदास महाराज ने कहा कि सनातन एकता पदयात्रा का उद्देश्य समाज में समरसता और धर्म के प्रति आस्था को मजबूत करना है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे बड़ी संख्या में इस यात्रा में शामिल होकर सनातन धर्म की एकता का परिचय दें। महंत मोहिनी बिहारी शरण महाराज ने कहा कि इस यात्रा में उन सभी पंथों और संप्रदायों के अनुयायियों का स्वागत किया जाएगा जो सनातन धर्म में आस्था रखते हैं और हिंदू राष्ट्र के आदर्शों को मानते हैं। आचार्य बद्रीश ने इसे भारत की सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जीवन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। 16 नवंबर को जब यात्रा वृंदावन पहुंचेगी, तो वहां हजारों भक्तों के साथ भव्य स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। पूरी यात्रा को लेकर प्रशासनिक और धार्मिक दोनों स्तरों पर व्यापक तैयारियां की जा चुकी हैं ताकि यह आयोजन शांति और श्रद्धा के माहौल में सम्पन्न हो सके।




