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Uttar Pradesh News : काशी में शिव-पार्वती बनकर अर्घ्य देने पहुंचे भक्त, नाचते-गाते किन्नर पहुंचे घाट, लखनऊ-गोरखपुर में बारिश के बीच भी भीगी आस्था

UP news in hindi : उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हुआ छठ महापर्व, 3 लाख से अधिक महिलाओं ने घाटों पर किया पूजन, पूरे प्रदेश में दिखी आस्था और उल्लास की झलक

Devotees dressed as Shiva and Parvati offering Arghya during Chhath Puja in Kashi | UP News

वाराणसी के 88 घाटों पर सोमवार की सुबह आस्था का महासागर उमड़ पड़ा जब तीन लाख से अधिक महिलाओं और श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन किया। गंगा किनारे सूप और फल-फूल लिए महिलाएं नदी में उतरकर भगवान सूर्य की उपासना करती रहीं। घाटों पर हर ओर “छठी मइया” के गीत गूंजते रहे और आरती की लौ के साथ आकाश में आतिशबाजी से उजाला फैल गया। इस दौरान कई भक्तों ने भगवान शिव और पार्वती का रूप धारण कर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया, जिससे दृश्य और भी दिव्य बन गया। घाटों पर पहुंचे विदेशी पर्यटक इस परंपरा को देखकर मंत्रमुग्ध रह गए और श्रद्धालुओं के साथ तस्वीरें खींचते दिखे। गंगा की लहरों पर तैरती दीयों की रोशनी, फूलों से सजे सूप और मंत्रोच्चारण के बीच ऐसा लगा मानो पूरा काशी शहर भक्ति और आस्था में डूब गया हो। वहीं, किन्नर समाज के लोगों ने भी इस महापर्व में शामिल होकर समाज को संदेश दिया कि छठ केवल परंपरा नहीं बल्कि लोक आस्था और समानता का प्रतीक है। रूबी नामक किन्नर ने बताया कि वे पिछले पंद्रह वर्षों से यह व्रत रखती हैं ताकि देश में सुख-शांति बनी रहे और सबके जीवन में समृद्धि आए।

लखनऊ और गोरखपुर में बारिश के बीच भी नहीं टूटा उत्साह

राजधानी लखनऊ, गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज और कानपुर में भी छठ पूजा का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। सोमवार की सुबह बूंदाबांदी और ठंडी हवा के बावजूद व्रती महिलाएं घाटों पर पहुंचीं और पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर के उदय का इंतजार करती रहीं। कई जगहों पर बारिश के चलते महिलाओं ने बैनर और प्लास्टिक शीट को छाता बनाकर पूजा संपन्न की। लखनऊ के लक्ष्मण मेला घाट और कुकरैल नदी किनारे भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां तक कि बारिश के दौरान भी श्रद्धालु “कांच ही बांस के बहंगिया” जैसे पारंपरिक गीतों पर झूमते रहे। गोरखपुर में श्रद्धालुओं ने घाटों पर डीजे की धुन पर नाचते हुए भगवान सूर्य को जल अर्पित किया, तो प्रयागराज में महिलाओं ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर लोकगीत गाते हुए अर्घ्य दिया। जौनपुर की विधायक रागिनी सोनकर, कानपुर और अयोध्या के कई जनप्रतिनिधि भी श्रद्धालुओं के साथ घाटों पर पहुंचे और सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया। अयोध्या में सरयू नदी के घाटों पर भक्तों ने बूंदाबांदी के बीच ढोल-नगाड़ों पर थिरकते हुए भगवान सूर्य की उपासना की। इस अवसर पर हर ओर श्रद्धा, उल्लास और एकता का दृश्य देखने को मिला। बारिश भी लोगों की आस्था को डिगा नहीं सकी, बल्कि इसने माहौल को और अधिक आध्यात्मिक बना दिया।

सुरक्षा और व्यवस्था में प्रशासन रहा सतर्क, पूरा प्रदेश भक्ति में सराबोर

पूरे प्रदेश में छठ पर्व के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। वाराणसी में पुलिस, पीएसी, RAF और SDRF की टीमें तैनात रहीं। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस कर्मियों की अलग ड्यूटी लगाई गई थी, जबकि गोताखोरों को भी घाटों पर सतर्क रखा गया था। वाराणसी के ACP गौरव कुमार ने बताया कि ड्रोन से लगातार निगरानी रखी गई और किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। लखनऊ में तैनात महिला इंस्पेक्टर ने व्रती महिला से सिंदूर लगवाकर समरसता का सुंदर उदाहरण पेश किया। प्रयागराज, देवरिया और कुशीनगर में भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में घाटों पर पहुंचे और पूजा-अर्चना में भाग लिया। कुशीनगर में एक महिला व्रती ने दंडवत करके लगभग एक किलोमीटर की यात्रा तय कर पोखरे तक पहुंचकर पूजा की, जो इस पर्व की गहरी श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है। भाजपा विधायक मोहन वर्मा ने कहा कि 2014 के बाद से सनातन संस्कृति और परंपराओं में लोगों की आस्था पहले से अधिक मजबूत हुई है और छठ महापर्व इसका सबसे जीवंत उदाहरण है। उन्होंने इसे भारत की सांस्कृतिक एकता का पर्व बताया। काशी, अयोध्या, प्रयागराज, लखनऊ और गोरखपुर के घाटों पर घंटों तक मंत्रोच्चारण और पूजा-पाठ चलता रहा। जैसे ही उगते सूर्य के दर्शन हुए, महिलाओं ने जल अर्पित कर अपने 36 घंटे के निर्जला व्रत को पूरा किया और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। काशी के दशाश्वमेध, अस्सी और नमो घाटों का नजारा इतना मनमोहक था कि देखने वाले भावविभोर हो उठे। आतिशबाजी से गंगा किनारे का आसमान रंगीन हो गया और भक्तों की आंखों में आस्था की चमक दिखी। पूरे उत्तर प्रदेश में छठ पर्व ने न केवल भक्ति की ज्योति जलाई बल्कि समाज में एकता, श्रद्धा और लोक परंपराओं की ताकत को भी फिर से उजागर किया।

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