उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में मंगलवार देर रात हुए एक भीषण सड़क हादसे में इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवान और रोडवेज बस के ड्राइवर की मौत हो गई, जबकि 15 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब आगरा डिपो की बस आगरा से हल्द्वानी की ओर जा रही थी। रात करीब 12:30 बजे बरेली-मथुरा हाईवे पर उझानी कोतवाली क्षेत्र के अलीपुर तिराहे के पास बस सड़क किनारे खड़े एक ट्रक में पीछे से जा घुसी। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से चकनाचूर हो गया और अंदर बैठे यात्री एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े। कई यात्री बस की सीटों और लोहे की चादरों के बीच दब गए। हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई और मौके पर अफरातफरी का माहौल बन गया। आस-पास के गांवों से लोग और राहगीर घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया और घायल यात्रियों को गोद में उठाकर अपने वाहनों से अस्पताल पहुंचाया। पुलिस को सूचना मिलते ही उझानी थाने की टीम और हाईवे पेट्रोलिंग यूनिट मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू अभियान शुरू किया।
आईटीबीपी जवान की मौके पर मौत, ड्राइवर भी नहीं बच सका
इस दर्दनाक हादसे में मैनपुरी जिले के गोरधना गांव निवासी आईटीबीपी जवान धर्मेंद्र कुमार (46) और आगरा के पूरामहाराज निवासी बस ड्राइवर हाकिम सिंह (56) की मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, जवान धर्मेंद्र कुमार आईटीबीपी की 36वीं बटालियन में तैनात थे और उनकी पोस्टिंग हल्द्वानी में थी। वे दीपावली और छठ की छुट्टी मनाकर वापस अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे। बताया जा रहा है कि वे बस के ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठे थे, जिसके कारण ट्रक से टकराने के बाद बस के आगे के हिस्से में बुरी तरह फंस गए। हादसे में बस में सवार 45 यात्रियों में से 15 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें आगरा, अलीगढ़, बरेली, बदायूं और रामपुर के यात्री शामिल हैं। घायलों में ड्राइवर रामअवतार (55), गोपाल शर्मा (66), अंजू (18), तन्वी (18), अफरीद (19), एकनाव (55), दीपाली (21), सूरज (21) और कमला देवी (45) शामिल हैं। सभी घायलों को राजकीय मेडिकल कॉलेज बदायूं में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि सभी घायल अब खतरे से बाहर हैं और उनका इलाज जारी है। हादसे के बाद लोगों में भारी आक्रोश देखा गया। स्थानीय लोगों ने ट्रक चालक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने सड़क किनारे बिना चेतावनी के वाहन खड़ा कर दिया था, जिससे यह बड़ा हादसा हुआ।
राहत कार्य में जुटे राहगीर, ट्रक चालक की तलाश में जुटी पुलिस
हादसे के बाद ग्रामीणों और राहगीरों ने जिस तरह मानवीय संवेदना दिखाई, उसने सभी का दिल जीत लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस के आगे का हिस्सा इतनी बुरी तरह फंस गया था कि लोगों को निकालने के लिए दरवाजे और खिड़कियां तोड़नी पड़ीं। कई लोग घायल यात्रियों को अपने कंधे पर उठाकर सड़क किनारे लाए और निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया। कुछ यात्रियों को एम्बुलेंस की मदद से मेडिकल कॉलेज भेजा गया। हादसे के बाद सड़क पर लंबे समय तक जाम की स्थिति बनी रही। उझानी कोतवाली पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। सीओ उझानी डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि ट्रक चालक की तलाश जारी है और प्राथमिक जांच में वाहन को लापरवाही से सड़क किनारे खड़ा करने की बात सामने आई है। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारी ने कहा कि सड़क पर इस तरह वाहन खड़ा करना घोर लापरवाही है और इस वजह से निर्दोष लोगों की जान चली गई। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। इस हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि राजमार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी को लेकर कितना लापरवाह रवैया अपनाया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए सड़कों पर खड़े वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि दोबारा किसी परिवार को अपने प्रियजन की जान न गंवानी पड़े।




