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Uttar Pradesh News : भाई दूज पर मथुरा में उमड़ी श्रद्धा की लहर, यमुना स्नान के लिए पहुंचे 1.25 लाख श्रद्धालु, यमराज मंदिर में रात से लगी लाइन

UP news in hindi :भाई की अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना के साथ श्रद्धालुओं ने किया यमुना स्नान, यमराज-यमुना मंदिर में वैदिक विधि से पूजा-अर्चना

Devotees taking Yamuna Snan at Vishram Ghat Mathura on Bhai Dooj 2025 | UP News

भाई दूज के पावन पर्व पर गुरुवार तड़के से ही मथुरा के विश्राम घाट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। करीब 1.25 लाख से अधिक लोग भाई की लंबी उम्र और अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना के साथ यमुना स्नान करने पहुंचे। यमराज मंदिर में रात से ही लंबी कतारें लगी थीं। बड़े-बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक, सभी ने पूरे विधि-विधान के साथ यमुना स्नान किया। भाई-बहनों ने एक-दूसरे का हाथ थामकर स्नान किया और यम फांस (अकाल मृत्यु) से मुक्ति की प्रार्थना की। इसके बाद बहनों ने भाइयों को आसन पर बिठाकर तिलक किया और मिठाई खिलाई।

स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने यमराज और यमुना देवी के मंदिर में दीप जलाकर वैदिक विधि से पूजा-अर्चना की। पंडों ने भाई-बहनों का विशेष पूजन कराया और चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दिया। मथुरा के घाटों पर “जय यमराज, जय यमुना मैया” के जयकारे गूंजते रहे।

पौराणिक मान्यता और कथा

भाई दूज का पर्व यमराज और यमुना की कथा से जुड़ा है। पुराणों के अनुसार, सूर्यदेव और संज्ञा की संतान यमराज और यमुना में अत्यंत स्नेह था। यमराज अपने कार्यों में व्यस्त रहने के कारण लंबे समय तक बहन यमुना के घर नहीं जा सके। एक दिन उन्होंने बहन के घर भोजन करने का वचन दिया और कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमुना के घर पहुंचे।

यमुना ने अपने भाई का आदरपूर्वक सत्कार किया। प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान मांगा कि जो भाई इस दिन अपनी बहन के घर भोजन करेगा, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होगी। तभी से यह पर्व “यम द्वितीया” या “भाई दूज” के रूप में मनाया जाने लगा। इसी परंपरा के तहत आज भी भाई-बहन यमुना में स्नान कर इस पवित्र बंधन को निभाते हैं।

शुभ मुहूर्त और योग

इस वर्ष भाई दूज की द्वितीया तिथि 23 अक्टूबर की रात 10:46 बजे तक रही। शुभ टीका मुहूर्त दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक का रहा, जो कुल 2 घंटे 15 मिनट तक चला। इस दिन आयुष्मान योग और शिववास योग का भी संयोग रहा।

  • आयुष्मान योग: 24 अक्टूबर की सुबह 5 बजे तक रहा। मान्यता है कि इसमें यम देव की पूजा से अभय और दीर्घायु का वरदान मिलता है।
  • शिववास योग: रात 10:46 बजे तक रहा। कहा जाता है कि इस योग में भगवान शिव कैलाश पर माता पार्वती के साथ विराजते हैं, जिससे पारिवारिक सौभाग्य और समृद्धि मिलती है।
  • ज्योतिषाचार्यों ने राहु काल में तिलक करने से परहेज की सलाह दी।

भक्ति और आस्था से सराबोर मथुरा

मथुरा के विश्राम घाट, केशव घाट, और बंगाली घाट पर सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी रही। यमराज-यमुना मंदिर में दीपदान और आरती का दृश्य देखते ही बनता था। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। एसएसपी और नगर आयुक्त ने घाटों का दौरा कर व्यवस्था का निरीक्षण किया।

पूरे शहर में “भाई दूज की शुभकामनाएं” लिखे बैनर, दीपों से सजे मंदिर और भक्तों की भीड़ ने दिवाली के बाद की इस द्वितीया को अद्भुत आस्था का रूप दे दिया।

भक्तों ने कहा – “यमुना जी में स्नान कर ऐसा लगता है जैसे सारे दुख और भय मिट गए हों। यमराज और यमुना का यह पर्व हमें जीवन में स्नेह, श्रद्धा और दीर्घायु का संदेश देता है।”

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