बरेली में तौकीर रजा के करीबी और फर्जी डॉक्टर नफीस के खिलाफ वक्फ संपत्ति हड़पने का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि नफीस और उसकी पत्नी फरहत बेगम ने मिलकर मोहल्ला साहूकारा के रहने वाले मोहम्मद कमर अख्तर के परिवार की वक्फ संपत्ति पर कब्जा किया। कमर अख्तर के मुताबिक, उनकी दादी ने बमनपुरी इलाके में वक्फ संख्या 26-ए के तहत 95 वर्ग गज का मकान और पांच दुकानें बनवाई थीं और उन्हें अपने भाई साबिर हुसैन और उनके बेटों के नाम वसीयत कर दिया था। आरोप है कि नफीस ने साबिर हुसैन के बेटे शाकिर हुसैन को भरोसे में लेकर 30 साल की लीज पर संपत्ति अपनी पत्नी के नाम करवा ली और शाकिर की मृत्यु के बाद फर्जी दस्तावेज बनाकर संपत्ति अपने बेटों के नाम करवा ली।
पुलिस कार्रवाई और पूर्व विवाद
एसएसपी अनुराग आर्य के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने नफीस और फरहत बेगम के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है। यह वही नफीस है, जिसने पहले ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर हटाने गई पुलिस से बदसलूकी की थी और इंस्पेक्टर को हाथ काटने की धमकी दी थी। नफीस पहले से ही बरेली बवाल और भीड़ भड़काने, फर्जी हस्ताक्षर करने जैसे गंभीर मामलों में जेल में बंद है और उसके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। एसएसपी ने बताया कि नफीस धार्मिक आवरण का इस्तेमाल कर संपत्ति और लोगों को ठगने का काम करता रहा है और पुलिस उसकी भूमिका की गहन जांच कर रही है।
पीड़ित का पक्ष और मांगें
पीड़ित मोहम्मद कमर अख्तर ने कहा कि वक्फ संपत्ति उनकी कानूनी संपत्ति है और इसे नफीस ने अवैध तरीके से हड़प लिया। उन्होंने एसएसपी से मांग की है कि संपत्ति वापस दिलाई जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इसके अलावा परिवार ने पहले से दर्ज मामलों और सुरक्षा को लेकर भी पुलिस से विशेष ध्यान की मांग की है। इस मामले ने बरेली में वक्फ संपत्ति के संरक्षण और धार्मिक संपत्ति पर अवैध कब्जे के खिलाफ लोगों में चिंता और विवाद को जन्म दिया है। पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की संभावना भी जताई है।




