बरेली जिले के राजश्री मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के छात्र गौरव का अपहरण उसी के दोस्तों ने कर लिया। घटना रविवार दोपहर की है जब गौरव को उसके दो क्लासमेट्स ने घूमने के बहाने कॉलेज से बाहर बुलाया। दोनों छात्रों को यह भ्रम था कि गौरव के बैंक खाते में काफी बड़ी रकम जमा है। कॉलेज में लंबे समय से इस बात की चर्चा थी कि गौरव आर्थिक रूप से सक्षम परिवार से है और उसके खाते में लाखों रुपये हैं। इसी लालच में दोनों ने बाहरी दो युवकों से संपर्क किया और पैसे निकलवाने की साजिश रच डाली। योजना के अनुसार, दोनों दोस्तों ने गौरव को विश्वास में लेकर कार में बैठाया, जिसमें पहले से बाहरी युवक मौजूद थे। बातचीत करते हुए चारों ने कार को शहर से बाहर सुनसान इलाके की ओर मोड़ दिया और फतेहगंज पश्चिमी के पास एक जंगलनुमा जगह पर पहुंच गए। वहां गौरव को धमकाया गया और उसके बैंक खाते से रुपये निकलवाने का दबाव बनाया गया। जांच में सामने आया कि अपहरणकर्ताओं ने यह मान लिया था कि गौरव के खाते में करोड़ों रुपये हैं, लेकिन वास्तविकता में उसके खाते में केवल 80 हजार रुपये ही थे। जब उन्हें यह बात पता चली तो उन्होंने सोमवार सुबह एटीएम से रुपये निकलवाने का निर्णय लिया और गौरव को पूरी रात अपने कब्जे में रखा।
रातभर सर्च ऑपरेशन में जुटी पुलिस, मोबाइल लोकेशन से मिली सफलता
रात 10 बजे तक जब गौरव हॉस्टल नहीं लौटा और उसके दो साथी भी गायब रहे, तो अन्य छात्रों को शक हुआ। उन्होंने कॉलेज प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद फतेहगंज पश्चिमी पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। पुलिस ने तुरंत SOG, सर्विलांस सेल और स्थानीय थाने की संयुक्त टीम गठित की। जांच के दौरान तीनों छात्रों के मोबाइल की अंतिम लोकेशन ट्रेस की गई, जो पिथुपुरा रोड के आसपास मिली। पुलिस टीम जैसे ही उस दिशा में बढ़ी, अपहरणकर्ताओं को इसकी भनक लग गई। अपनी लोकेशन ट्रेस होते देख बदमाश घबरा गए और गौरव को रास्ते में ही छोड़कर फरार होने की कोशिश करने लगे। वे कार लेकर भागे, लेकिन कुछ ही दूरी पर पुलिस की घेराबंदी देखकर वाहन छोड़ दिया और खेतों के रास्ते भाग निकले। गौरव को सुरक्षित बरामद कर लिया गया जबकि पुलिस ने कार नंबर के आधार पर उसके मालिक को हिरासत में लिया। पूछताछ में पता चला कि गाड़ी उसने अपने एक परिचित को दी थी, जिसने इसे अपहरण में इस्तेमाल किया था। वहीं गौरव के दोनों क्लासमेट्स को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ चल रही है। बाहरी दोनों आरोपी अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश के लिए पुलिस ने कई जगह दबिश दी है।
पुलिस की तत्परता से टली बड़ी वारदात, लालच बना अपराध का कारण
एसपी नॉर्थ मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में अपहरण का कारण आर्थिक लालच ही पाया गया है। गौरव के दोस्तों ने यह मान लिया था कि उसके पास भारी रकम है और उसी के आधार पर यह षड्यंत्र रचा गया। मिश्रा ने कहा कि हिरासत में लिए गए दोनों छात्रों से पूछताछ जारी है, जबकि पीड़ित की ओर से अभी औपचारिक तहरीर नहीं दी गई है। तहरीर मिलते ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और फरार आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की त्वरित कार्रवाई के चलते एक बड़ी वारदात टल गई, अन्यथा छात्र के साथ गंभीर अनहोनी हो सकती थी। इस घटना ने कॉलेज परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं। प्रशासन अब हॉस्टल और कॉलेज कैंपस में छात्रों की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाने की तैयारी में है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। गौरव को सकुशल बचा लिया गया है और फिलहाल वह सुरक्षित है। यह मामला एक बार फिर इस बात की चेतावनी है कि लालच इंसान को अपराध की राह पर धकेल सकता है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि अपहरण की योजना कब से बन रही थी और बाहरी युवकों से संपर्क किसने कराया। शुरुआती जांच के अनुसार, दोनों आरोपी छात्रों ने पैसे की झूठी चर्चा के आधार पर अपने ही दोस्त की जान खतरे में डाल दी। बरेली पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने न केवल एक छात्र की जान बचाई बल्कि अपराधियों को यह संदेश भी दिया कि कानून के शिकंजे से बच पाना आसान नहीं है।




