बरेली के डेलापीर तालाब और शाहबाद मोहल्ले में रहने वाले परिवारों के लिए आज भारी दिन है। नगर निगम ने डेलापीर तालाब के किनारे 14 और शाहबाद मोहल्ले में 27 घरों पर बुलडोजर चलाने का आदेश दिया है। कुल 41 घरों को उजाड़ा जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे 50-60 सालों से इसी जगह रह रहे हैं और अपने हाथों की मेहनत से घर बनाए हैं। उन्होंने मेयर और स्थानीय अधिकारियों को टैक्स देने के बावजूद सुनवाई नहीं होने की बात कही। बुजुर्ग रामबेटी और अन्य परिवारजन मोदी-योगी को अपना परिवार मानते हैं, लेकिन अब उनके आशियाने उजड़ने जा रहे हैं।
नोटिस और खाली करने की प्रक्रिया
नगर निगम ने सभी परिवारों को 15 दिन के भीतर घर खाली करने का नोटिस जारी किया था। नोटिस में यह भी कहा गया था कि यदि घर खाली नहीं किए गए, तो बुलडोजर का खर्चा भी उन्हें देना होगा। 24 अक्टूबर तक नोटिस की अवधि पूरी हो गई। कुछ लोग अपने घर खाली कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग विरोध जताते हुए कह रहे हैं कि वे बुलडोजर के नीचे दबकर मर जाएंगे लेकिन अपना आशियाना नहीं छोड़ेंगे। डेलापीर तालाब के किनारे बने 14 घर और शाहबाद मोहल्ले के 27 घर ऐसे हैं, जहां मजदूर वर्ग और दलित-ओबीसी परिवार लंबे समय से रहते आए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे कमाई-खर्च कर जीविका चलाते हैं। पुरुष रिक्शा चलाते हैं और महिलाएं घरों में काम कर परिवार पालती हैं। परिवारों के कई सदस्यों का जन्म यहीं हुआ और कई लड़कियों की शादी भी यहीं हुई। अब वे अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हैं। लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य अधिकारियों से मिलने की कोशिश की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि गरीब होने के कारण उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है और वे सड़क पर रहने को विवश होंगे। इस कार्रवाई से प्रभावित परिवारों का जीवन संकट में आ गया है और उनकी भावनाओं पर भारी चोट लगी है।




