बाराबंकी जिले में श्रीराम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी के बाहर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों पर हुए लाठीचार्ज प्रकरण ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जानकारी मिलते ही सख्त रुख अपनाया और पुलिस अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। शहर कोतवाल आरके राणा और गदिया चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया, वहीं सीओ सिटी हर्षित चौहान को एसपी ऑफिस में संबद्ध कर दिया गया। मामले की जांच का जिम्मा अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार को सौंपा गया है। सीएम ने अधिकारियों से शाम तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। साथ ही मंडलायुक्त अयोध्या को विश्वविद्यालय में चल रहे पाठ्यक्रमों की वैधता की जांच करने का निर्देश भी दिया गया है। बताया जा रहा है कि लाठीचार्ज में घायल हुए छात्रों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि गंभीर रूप से जख्मी कुछ छात्रों को लखनऊ स्थित अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
आंदोलन की पृष्ठभूमि और बढ़ता विवाद
यह पूरा विवाद विश्वविद्यालय में चल रहे उन पाठ्यक्रमों को लेकर भड़का जिन्हें कथित रूप से बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त नहीं थी। छात्रों का आरोप है कि बिना मान्यता के ही एलएलबी, बीए एलएलबी और बीबीए एलएलबी जैसे कोर्स में अवैध तरीके से दाखिले दिए जा रहे हैं। कई दिनों से छात्र इस मुद्दे पर आक्रोश व्यक्त कर रहे थे, लेकिन सोमवार को उनका गुस्सा उफान पर पहुंच गया। सुबह से ही यूनिवर्सिटी परिसर में छात्रों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था और दिनभर हंगामा होता रहा। दोपहर तक हालात बिगड़ने पर जब छात्रों ने विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया तो प्रबंधन और छात्रों के बीच तीखी झड़प हो गई। मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थिति संभालने के बजाय बल प्रयोग का सहारा लिया और छात्रों को लाठी फटकारकर खदेड़ा। इस दौरान नाराज छात्रों ने गदिया पुलिस चौकी पर भी पथराव कर दिया, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में लगभग दो दर्जन से अधिक छात्र और एबीवीपी कार्यकर्ता घायल हुए।
छात्रों का आरोप और राजनीतिक माहौल
घटना के बाद एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने के लिए जानबूझकर बर्बर लाठीचार्ज किया। घायल छात्रों में एबीवीपी के प्रांत सह मंत्री अभिषेक बाजपेई, जिला संयोजक अनुराग मिश्रा सहित कई पदाधिकारी शामिल हैं। लगभग 24 छात्रों के घायल होने की पुष्टि की गई है, जिनमें से आठ को गंभीर चोटें आईं। छात्रों ने सीओ सिटी हर्षित चौहान पर लाठीचार्ज का आदेश देने का सीधा आरोप लगाया है। घटना के विरोध में देर रात एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने डीएम आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने लाठीचार्ज में शामिल पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। मुख्यमंत्री योगी द्वारा तत्काल संज्ञान लेकर अधिकारियों को हटाने और जांच बैठाने से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। अब सबकी निगाहें उस जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो शाम तक सरकार के समक्ष प्रस्तुत की जानी है। इस रिपोर्ट से यह तय होगा कि आगे किन अधिकारियों पर और गाज गिरेगी तथा छात्रों के आरोपों की सच्चाई कितनी है। सरकार के इस कदम ने जहां छात्रों में उम्मीद जगाई है, वहीं पुलिस प्रशासन पर जवाबदेही का दबाव और बढ़ गया है।