उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में रविवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां सुबह करीब पांच बजे डेढ़ साल की मासूम बच्ची को भेड़िया उठा ले गया। यह घटना कैसरगंज तहसील के कंदौली गांव की है। बच्ची अपनी मां के साथ घर के बरामदे में सो रही थी, तभी अचानक जंगल से निकले भेड़िए ने उस पर हमला कर दिया। उसने बच्ची को जबड़ों में दबोच लिया और भागने लगा। बच्ची की दर्दनाक चीख से मां की नींद खुली, जिसने तुरंत शोर मचाया और लाठी-डंडे लेकर गांव के लोग दौड़ पड़े। लेकिन भेड़िया बच्ची को लेकर खेतों की ओर भाग गया। कुछ दूरी पर खून के निशान और मांस के टुकड़े मिले, जिससे अंदेशा हुआ कि मासूम की जान जा चुकी है। बच्ची की मां बेहोश हो गई और पिता राकेश यादव का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पूरे गांव में दहशत फैल गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आसपास के जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। टीमों ने ड्रोन और डॉग स्क्वॉड की मदद से भेड़िए की तलाश तेज की। वन रेंजर ओंकार यादव ने बताया कि इलाके में पहले से ही ऐसे भेड़िए सक्रिय थे जो इंसानों पर हमला कर रहे थे, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी।
11 घंटे तक चला एनकाउंटर, शूटर ने गन्ने के खेत में किया ढेर
भेड़िए की लोकेशन कंदौली से करीब चार किलोमीटर दूर बभननपुरवा गांव के पास गन्ने के खेत में ट्रेस की गई। ग्रामीणों ने शाम चार बजे के आसपास उसे देखा और तुरंत वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही एसडीएम अखिलेश सिंह, रेंजर ओंकार यादव और पेशेवर शूटर आरिश मौके पर पहुंचे। ड्रोन से लोकेशन की पुष्टि के बाद करीब 11 घंटे चले इस ऑपरेशन में शूटर ने भेड़िए को निशाना बनाया और गोली मार दी। एनकाउंटर के बाद पुष्टि की गई कि यह मादा भेड़िया थी, जिसे ग्रामीणों ने कई बार गांव के आसपास घूमते देखा था। कैसरगंज के एसडीएम ने बताया कि मारा गया भेड़िया संभवतः वही है जिसने मासूम बच्ची पर हमला किया था। हालांकि, अभी तक बच्ची का शव नहीं मिल सका है। भेड़िए के मारे जाने के बाद गांव के लोग उसके शव को खेत से बाहर घसीट लाए और टांगकर ले गए। बताया गया कि इस साल बहराइच में अब तक भेड़िए छह लोगों की जान ले चुके हैं और 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वन विभाग के अनुसार, इस क्षेत्र में चार भेड़िए सक्रिय थे जिनमें से तीन को पहले ही मारा जा चुका है, जबकि चौथा घायल होकर भाग निकला था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुछ सप्ताह पहले स्पष्ट निर्देश दिया था कि यदि भेड़िए पकड़े न जाएं तो उन्हें मार गिराया जाए, ताकि ग्रामीणों में भय खत्म हो सके।
भेड़ियों के हमलों से दहशत में गांव, अब तक नौ बच्चों की हो चुकी मौत
बहराइच जिले में पिछले एक साल से भेड़ियों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं। 2024 में ही महसी तहसील के कई गांवों-मक्का पुरवा, नकवा, कुलैला, हिंद सिंह और सिसैया चूड़ामणि-में भेड़ियों ने नौ बच्चों को मार डाला था और 25 से अधिक लोगों को घायल किया था। उस समय भी वन विभाग को महीनों तक अभियान चलाकर इन भेड़ियों को पकड़ना पड़ा था। विशेषज्ञों के अनुसार, जंगलों में भोजन की कमी और इंसानी बस्तियों के फैलाव से भेड़िए अब गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। रविवार की घटना ने एक बार फिर इस खतरे को उजागर किया है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक महीने से रात के समय खेतों और घरों के आसपास भेड़ियों की मौजूदगी बढ़ गई थी। कई लोगों ने प्रशासन को शिकायत भी की थी, लेकिन बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। अब जबकि बच्ची को भेड़िए ने उठा लिया, तब वन विभाग को सक्रिय होना पड़ा। घटना के बाद क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गांवों में गश्त के लिए वन और पुलिस टीमों की तैनाती की गई है। प्रधान मेहीलाल यादव ने बताया कि बच्चों को शाम के बाद घरों से बाहर न निकलने की सख्त हिदायत दी गई है। पूर्व जिला अध्यक्ष विजय सिंह रायफल लेकर मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से शांत रहने की अपील की। वन रेंजर ओंकार यादव ने कहा कि यह ऑपरेशन समाप्त नहीं हुआ है, इलाके में दो और भेड़ियों की मौजूदगी की सूचना मिली है, जिन्हें जल्द ही पकड़ने या मार गिराने के लिए ड्रोन निगरानी जारी है। बहराइच के ग्रामीणों में अब भी दहशत का माहौल है, पर राहत इस बात की है कि इंसानों पर हमला करने वाले सबसे खतरनाक भेड़िए का अंत आखिरकार हो गया।




