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गोरखपुर में पूर्व ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ छात्रा ने दर्ज कराई छेड़छाड़-शीर्षक में आरोप पिस्टल के सहारे कपड़े उतारने तक का, पुलिस जांच में जुटी

पूर्व ब्लॉक प्रमुख पर गंभीर आरोप: वाराणसी की डीएलएड छात्रा ने कहा-होटल कमरे में लॉक कर जबरन नग्न कर खड़े हुए और पिस्टल रखकर धमकाया; गोरखपुर कैंट पुलिस मामले की जांच कर रही है

Former block head accused of attempted molestation in Gorakhpur hotel | Gorakhpur News

गोरखपुर में एक 25 वर्षीय डीएलएड छात्रा ने स्थानीय पूर्व ब्लॉक प्रमुख और एक कॉलेज प्रबंधक के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा का कहना है कि वह परीक्षा देने आई हुई थी और परीक्षण के सिलसिले में वह अपने देवर व देवरानी के साथ शहर में रुकी थी। उसी दौरान संबंधित शख्स ने उन्हें होटल बदलने के लिए दबाव डाला और बाद में अपने बताए होटल में उनका ठहराव करवा दिया। पीड़िता ने बताया कि 28 अक्टूबर की शाम जब उसके देवर व देवरानी टहलने के लिए गए थे, तब आरोपी कमरे में घुस आया और अंदर से दरवाजा लॉक कर दिया। वह आगे बढ़कर असभ्य हरकत करने लगा तथा कपड़े उतरवा कर न्यूड होकर उनके सामने खड़ा हो गया। विरोध करने पर उसने पिस्टल निकाली और छात्रा के सिर पर सटाकर धमकी दी कि उसकी बात मानो वरना गोली मार दूंगा। पीड़िता के अनुसार उसने तुरंत अपने देवर को इमरजेंसी मैसेज भेजा, फिर जैसे ही परिजन वापस आए तो दरवाजा खोला और आरोपी धमकी देते हुए वहाँ से भाग गया। पीड़िता और उसके परिजनों ने तुरंत दूसरे होटल शिफ्ट होकर सुरक्षित रहने का निर्णय लिया और अगले दिन वाराणसी लौटकर पूरे प्रकरण की जानकारी दी। पीड़िता ने गोरखपुर पहुंचकर प्रेसवार्ता में न्याय की गुहार लगाई और पुलिस को अपना आवेदन सौंपा, इस पर कैंट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर होटल के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ-साथ अभियुक्त के बयान और अन्य साक्ष्यों की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी बता रहे हैं कि शुरुआती शिकायत पर टीम सक्रिय है और तफ्तीश में किसी भी तरह की अनदेखी या कोताही मिलने पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

आरोपी का बयान, परिवारिक पृष्ठभूमि और आरोपों की पृष्ठभूमि

आरोपित पूर्व ब्लॉक प्रमुख ईश्वर चंद जायसवाल का स्थानीय स्तर पर अलग परिचय है-वह कुछ वर्षों से राजनीतिक व सामाजिक सक्रियता में रहे हैं और एक डिग्री कॉलेज के प्रबंधक भी बताए जा रहे हैं। आरोप के बाद जायसवाल ने स्वयं को बचाव में बोलते हुए कहा है कि ये आरोप पारिवारिक रंजिश और पुरानी खुन्नस का नतीजा हैं। उनका कहना है कि पहले भी उन पर कुछ गंभीर आरोप लगाये गए थे जिनमें से कई पुलिस जांच में फर्जी साबित हुए और उन मामलों में फाइनल रिपोर्ट भी दाखिल हो चुकी है। जायसवाल ने आश्वासन दिया कि वह पुलिस जांच में पूरा सहयोग करेंगे और जो भी तथ्य सामने आएंगे उन्हें स्पष्ट करेंगे। पीड़िता ने जो घटनाक्रम बताया है, उसमें रिश्तेदारी का पैटर्न भी जुड़ा हुआ है-उसने कहा कि आरोपी उसके पति के दूर के रिश्तेदार और रिश्ते में नाना के समकक्ष हैं, जिनके कहने पर उसने व उसकी देवरानी ने उसी के कॉलेज में एडमिशन लिया था। पीड़िता के अनुसार आरोपी ने दाखिले और नौकरी का वादा कर भरोसा बनाया था, जो आगे चलकर भरोसे की खामियों का कारण बना। घटना की गंभीरता और आरोपों की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने न सिर्फ सीसीटीवी व गेस्ट रजिस्टर की जांच का निर्देश दिया है, बल्कि होटल स्टाफ और आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटनास्थल के समय की सटीक स्थिति, किसी भी प्रकार के दबाव या पूर्व-संरचना के संकेतों का पता चल सके। स्थानीय समाज और पीड़िता के परिजन इस समय गहरे सदमे और चिंतित हैं; पीड़िता ने बताया कि घटना के बाद उसने और उसके परिवार ने सुरक्षा के लिए शहर छोड़ने का निर्णय लिया था और अब न्याय मिलने की बाट जोह रहे हैं।

जांच प्रक्रियाएँ, पुलिस के कदम और सामाजिक-न्यायिक आयाम

घटना के सार्वजनिक होने के बाद कैंट पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेकर कई जरूरी कदम उठाये हैं। पुलिस द्वारा होटल में लगे सीसीटीवी कैमरों का फुटेज खंगाला जा रहा है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आरोपी कब और किस तरह कमरे में गया तथा वहां से किस समय निकला। इसके साथ ही गेस्ट बुक, होटल की बुकिंग-रसीद और स्टाफ के बयानों को कापी कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और कानूनी प्रक्रिया के तहत आरोपित की भूमिका की न्यायसंगत रूप से पड़ताल की जा रही है। जांच के दायरे में मोबाइल फोरेंसिक, मैसेजेस और कॉल-डेटा भी शामिल किए जा सकते हैं ताकि घटना संबंधी समय-रेखा को सुदृढ़ किया जा सके। स्थानीय सामाजिक संगठन और छात्र समुदाय ने भी मामले को गंभीरता से लिया है; कई मानवाधिकार व महिलाओं के अधिकारों से जुड़े समूह पीड़िता के समर्थन में खड़े हुए हैं और पुलिस से शीघ्रता में निष्पक्ष जांच व सुरक्षा के लिए आग्रह कर रहे हैं। इस पूरे प्रकरण ने एक व्यापक प्रश्न उठाया है-शिक्षण संस्थानों के प्रबंधकों व स्थानीय प्रभावशाली लोगों के द्वारा शक्ति के दुरुपयोग के किस तरह के जोखिम होते हैं और क्या प्रवेश, भर्ती व नौकरी के वादों का प्रयोग शोषण हेतु किया जाता है। न्यायिक प्रक्रिया के साथ-साथ प्रशासनिक स्तर पर भी यह अपेक्षा की जा रही है कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो न केवल आपराधिक धाराओं के तहत कार्रवाई होगी, बल्कि संबंधित संस्थागत लाइसेंस व प्रबंधन पर भी आवश्यक परीक्षाएं की जाएँ। पीड़िता ने स्पष्ट किया कि उसका उद्देश्य सिर्फ सजा नहीं बल्कि यह भी है कि भविष्य में किसी और छात्रा के साथ ऐसी दुर्दशा न हो-इसलिए वह चाहते हैं कि मामला पारदर्शी तरीके से सुलझे और दोषियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाये जाएँ। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जांच चल रही है और हर उपलब्ध साक्ष्य को तौलकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी; साथ ही पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाये जा रहे हैं।

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