अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) परिसर में रविवार को सिटी स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्र प्रशांत राठी पर हुए हमले ने विवाद खड़ा कर दिया है। अलीगढ़ के पुरानी चुंगी निवासी प्रशांत अपने दोस्त उजैफ जहीर से मिलने अल्लामा इकबाल हॉल हॉस्टल गया था। बातचीत के दौरान तीन अन्य छात्र वहां पहुंचे और प्रशांत से कलमा पढ़ने की बात कही। पीड़ित के अनुसार, उसने इस धार्मिक वाक्य को पढ़ने से मना किया तो आरोपियों ने उसे पकड़कर जमीन पर गिरा दिया और बेरहमी से पीटने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमला इतना गंभीर था कि आरोपियों ने उसके सिर पर पिस्टल की बट मार दी, जिससे वह लहूलुहान हो गया। इस दौरान आसपास मौजूद कुछ छात्रों ने हस्तक्षेप कर किसी तरह उसकी जान बचाई और घायल प्रशांत को तत्काल जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, जहां उसका इलाज जारी है। घटना के बाद आरोपी छात्र धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। इस हमले ने न केवल छात्रों में भय का माहौल पैदा किया बल्कि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस जांच में जुटी, आरोपी छात्रों की पहचान व पृष्ठभूमि की पड़ताल
घटना की जानकारी मिलते ही सिविल लाइंस थाना पुलिस मौके पर पहुंची और प्रारंभिक जांच शुरू की। पीड़ित छात्र ने लिखित शिकायत में बताया कि वह आरोपियों को पहचानता है जिनमें एक प्रतापगढ़, एक गाजीपुर और एक अलीगढ़ का रहने वाला है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सभी आरोपी छात्र एएमयू से जुड़े हुए हैं, जिनमें से कुछ वर्तमान छात्र हैं जबकि कुछ हाल ही में पासआउट हुए हैं। थाना प्रभारी पंकज मिश्रा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला आपसी कहासुनी के बाद हुई मारपीट का प्रतीत होता है, लेकिन पीड़ित के बयान को ध्यान में रखते हुए हर एंगल से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि कलमा पढ़वाने की बात की पुष्टि अभी नहीं हुई है, मगर यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि हमलावरों की गतिविधियों का पता लगाया जा सके। पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त कर ली है और आरोपियों की तलाश में दबिशें दी जा रही हैं।
एएमयू प्रशासन ने कहा- सख्त कार्रवाई होगी, धार्मिक कोण की नहीं मिली पुष्टि
एएमयू प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली ने कहा कि सिटी स्कूल के छात्र के साथ मारपीट की घटना दुखद है और इस मामले को गंभीरता से लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रॉक्टोरियल टीम ने पीड़ित से बात की है और हॉस्टल प्रबंधन से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी गई है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि हमले में शामिल कुछ छात्र पहले से यूनिवर्सिटी से जुड़े रहे हैं। यदि वे वर्तमान में छात्र पाए गए तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन या निष्कासन तक शामिल हो सकता है। प्रो. अली ने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक की जांच में “कलमा पढ़वाने” जैसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है, हालांकि पुलिस की जांच जारी है और अंतिम निष्कर्ष रिपोर्ट आने के बाद ही दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने परिसर में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था करने और हॉस्टलों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं। इस बीच, छात्र संगठनों ने प्रशासन से पारदर्शी जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि एएमयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में इस तरह की घटनाएं संस्थान की छवि को धूमिल करती हैं। फिलहाल पुलिस, यूनिवर्सिटी प्रॉक्टोरियल टीम और सुरक्षा एजेंसियां मामले की तह तक जाने में जुटी हैं, ताकि वास्तविक वजह और जिम्मेदार लोगों की पहचान कर निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।




