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अलीगढ़ मेले में झूले पर शुरू हुआ प्रसव दर्द, महिला ने 40 फीट ऊंचाई पर दिया बच्चे को जन्म, नवजात की मौत से खुशियां मातम में बदलीं

जाहरवीर मेले में दर्शन के बाद झूला झूल रही महिला को अचानक प्रसव पीड़ा, चलते झूले में दिया बच्चे को जन्म, अस्पताल पहुंचने से पहले नवजात ने तोड़ा दम

Aligarh woman gives birth on 40-feet swing during fair baby dies before hospital

अलीगढ़ न्यूज़, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के विजयगढ़ क्षेत्र में आयोजित जाहरवीर मेले में एक ऐसी घटना घटी जिसने वहां मौजूद हर शख्स को हिला दिया। एक महिला ने चलते हुए झूले में ही बच्चे को जन्म दे दिया। हालांकि, यह खुशी मातम में बदल गई क्योंकि नवजात ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।

दर्शन के बाद झूला झूलने गई महिला

मानिकपुर गांव की रहने वाली शिवानी (उम्र 26 वर्ष) अपने परिवार के साथ 18 अगस्त की रात जाहरवीर बाबा के मेले में पहुंची थीं। वह अपने पहले बच्चे की मां बनने वाली थीं और इसी उम्मीद के साथ बाबा के दरबार में प्रार्थना करने आई थीं। परिवार ने बाबा से मन्नत मांगी कि आने वाला बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित रहे। दर्शन के बाद पूरा परिवार मेले का आनंद लेने निकल पड़ा और झूलों की ओर बढ़ गया।

झूला चलते ही शुरू हुआ लेबर पेन

शिवानी अपने पति और परिवार के साथ 40 फीट ऊंचे झूले पर बैठ गईं। झूला चलना शुरू हुआ ही था कि अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। धीरे-धीरे प्रसव पीड़ा तेज हो गई। दर्द असहनीय होते ही महिला ने वहीं पर बच्चे को जन्म दे दिया। चलते झूले में प्रसव की यह घटना देखकर अन्य लोग घबरा गए और शोर मचाने लगे।

झूला रोका गया, मची अफरातफरी

जैसे ही लोगों को पता चला कि झूले में महिला ने बच्चे को जन्म दिया है, तुरंत झूला रोका गया। मेले में अफरातफरी मच गई। परिवार और मेले में मौजूद लोगों की मदद से महिला और नवजात को नीचे उतारा गया और तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।

अस्पताल पहुंचने से पहले नवजात की मौत

स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों ने तुरंत जांच की लेकिन नवजात को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों का कहना है कि जन्म के समय आई जटिलताओं और अस्पताल पहुंचने में हुई देरी के कारण बच्चे को बचाया नहीं जा सका। हालांकि, महिला की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है और वह इलाज के बाद सामान्य स्थिति में आ रही हैं।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

पहले बच्चे की खुशियों का इंतजार कर रहा परिवार अचानक मातम में डूब गया। शिवानी और उनके पति के लिए यह खबर बेहद दुखदायी थी। पूरे गांव में इस घटना की चर्चा है और हर कोई स्तब्ध है कि मन्नत मांगने के तुरंत बाद इतनी बड़ी त्रासदी कैसे हो गई।

मेले में मौजूद लोग हुए भावुक

मेले में मौजूद लोगों के अनुसार, यह दृश्य बेहद भावुक करने वाला था। जिस महिला ने बाबा से खुशियों की मन्नत मांगी थी, उसी को कुछ ही देर बाद इतना बड़ा सदमा झेलना पड़ा। कई लोग वहां मौजूद थे जो इस घटना को देखकर आंसू नहीं रोक पाए।

स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल

इस घटना के बाद स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं पर भी सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मेले जैसे बड़े आयोजनों में एंबुलेंस और इमरजेंसी मेडिकल टीम की मौजूदगी जरूरी होती है। यदि मौके पर उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होतीं तो शायद बच्चे की जान बचाई जा सकती थी।

डॉक्टरों और प्रशासन का बयान

डॉक्टरों ने बताया कि महिला की डिलीवरी अचानक शुरू हो गई थी, जो असामान्य परिस्थितियों में हुई। नवजात को तुरंत वेंटिलेशन और उन्नत चिकित्सा की आवश्यकता थी। वहीं, जिला प्रशासन ने कहा है कि घटना की जांच कराई जाएगी और आने वाले समय में मेले जैसे आयोजनों में स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

मानिकपुर गांव और आसपास के लोग इस घटना से बेहद दुखी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जिस परिवार को खुशी मिलने वाली थी, उसी ने अपने पहले बच्चे को खो दिया। कई लोग यह मान रहे हैं कि यह घटना लापरवाही का नतीजा है।

अलीगढ़ का यह मामला एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करता है कि सार्वजनिक आयोजनों और मेलों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कितना ध्यान दिया जाता है। अगर समय रहते उचित मदद मिलती तो शायद नवजात की जान बच सकती थी। यह घटना न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए एक सबक है कि ऐसी परिस्थितियों में तैयार रहना कितना जरूरी है।