लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से बैंकॉक के लिए चलने वाली एअर इंडिया एक्सप्रेस की सीधी उड़ान अब बंद कर दी गई है। एयरलाइन ने यह निर्णय यात्रियों की लगातार घटती संख्या और संचालन में बढ़ते घाटे के कारण लिया है। यह रूट पिछले कई महीनों से कम मांग का सामना कर रहा था, जिसके चलते कंपनी को उड़ान की लागत निकालना मुश्किल हो गया था। जानकारी के अनुसार, एयरलाइन ने अब इस रूट पर चलने वाले विमान को रियाद (सऊदी अरब) रूट पर शिफ्ट कर दिया है, जहां यात्री मांग अपेक्षाकृत अधिक है। इससे पहले, लखनऊ से बैंकॉक के लिए एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX-106 रोजाना सुबह 9:36 बजे उड़ान भरती थी और दोपहर 2:50 बजे थाईलैंड के सुवर्णभूमि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचती थी। वहीं वापसी की उड़ान IX-105 दोपहर 3:50 बजे बैंकॉक से उड़कर रात 9:45 बजे लखनऊ लौटती थी। यह सेवा यात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय मानी जाती थी क्योंकि यह थाईलैंड जाने का सबसे तेज़ और सीधा विकल्प थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों से यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई, जिसके चलते एयरलाइन को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा और अंततः उड़ान को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया गया।
थाई एअर एशिया बनी एकमात्र सीधी सेवा, किराया बढ़ने की संभावना
एअर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान बंद होने के बाद अब लखनऊ से बैंकॉक के लिए केवल एक सीधा विकल्प बचा है – थाई एअर एशिया की फ्लाइट। यह उड़ान FD-147 रात 11:30 बजे लखनऊ से उड़ान भरती है और सुबह 4:20 बजे बैंकॉक पहुंचती है, जबकि वापसी में FD-146 बैंकॉक से रात 8:30 बजे उड़ान भरकर रात 10:35 बजे लखनऊ लौटती है। ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि अब एकमात्र सीधी उड़ान बचने से टिकट दरों में इजाफा होने की संभावना है। आमतौर पर नवंबर से फरवरी के बीच थाईलैंड जाने वाले भारतीय यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे पर्यटन सीजन में बुकिंग की मांग तेजी से बढ़ती है। ऐसे में एअर इंडिया एक्सप्रेस के हटने से थाई एअर एशिया को लगभग एकाधिकार की स्थिति मिल जाएगी और टिकट दरें 15-25% तक बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सीधी उड़ानें बंद होने से यात्रियों को अब दिल्ली या कोलकाता के माध्यम से कनेक्टिंग फ्लाइट्स लेनी पड़ सकती हैं, जिससे यात्रा समय और खर्च दोनों बढ़ जाएंगे।
घाटे में जा रही थी एअर इंडिया एक्सप्रेस, रियाद रूट पर अधिक संभावनाएं
एयरलाइन सूत्रों ने बताया कि लखनऊ-बैंकॉक रूट सीमित ऑपरेशन वाला मार्ग था और इसका लोड फैक्टर लगातार गिर रहा था। जहां थाई एअर एशिया की फ्लाइट बैंकॉक से आगे बाली और अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई गंतव्यों तक जाती है, वहीं एअर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान केवल लखनऊ-बैंकॉक तक सीमित थी। इस कारण उसकी आय का स्रोत संकुचित था और फ्यूल कॉस्ट तथा अन्य परिचालन व्यय निकालना कठिन हो गया था। कंपनी ने स्थिति का विश्लेषण करते हुए निर्णय लिया कि विमान को रियाद रूट पर भेजा जाए, जहां भारतीय प्रवासी मजदूरों और व्यापार यात्रियों की संख्या अधिक है। इससे एयरलाइन को बेहतर राजस्व मिलने की उम्मीद है। एयरलाइन उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक, यह निर्णय व्यावसायिक दृष्टि से तर्कसंगत है क्योंकि एयर इंडिया एक्सप्रेस फिलहाल अपने नेटवर्क का पुनर्गठन कर रही है ताकि घाटे वाले रूटों को समाप्त कर मुनाफे वाले क्षेत्रों पर फोकस किया जा सके। हालांकि यात्रियों के लिए यह खबर निराशाजनक है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो थाईलैंड को अपने पसंदीदा पर्यटन गंतव्य के रूप में देखते हैं। ट्रैवल एजेंट्स ने कहा कि लखनऊ जैसे शहरों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या पहले से ही सीमित है, और अब इस रूट के बंद होने से अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी पर असर पड़ेगा। फिलहाल, यात्रियों के पास थाई एअर एशिया के अलावा कोई सीधी उड़ान नहीं बची है, और यह देखना होगा कि क्या भविष्य में कोई अन्य एयरलाइन इस लोकप्रिय मार्ग को फिर से शुरू करती है या नहीं।




