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Uttar Pradesh News : आगरा यूनिवर्सिटी प्रोफेसर पर पीएचडी स्कॉलर से रेप का आरोप, दो साल तक शादी का झांसा, अब FIR दर्ज

UP news in hindi : पीड़िता ने कहा-प्रोफेसर कहते थे पत्नी अच्छी नहीं, तुमसे शादी करूंगा, पुलिस ने मेडिकल जांच कराई, यूनिवर्सिटी ने ICC कमेटी गठित की

Agra University Professor accused of rape by PhD scholar | UP News

आगरा के डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में एक पीएचडी स्कॉलर ने बेसिक साइंस विभाग के केमिस्ट्री प्रोफेसर गौतम जैसवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा का कहना है कि प्रोफेसर ने दो वर्षों तक उसे शादी का भरोसा देकर शारीरिक शोषण किया। यह घटनाएं सिर्फ विश्वविद्यालय परिसर तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि प्रोफेसर उसे मथुरा और मध्यप्रदेश के होटलों में भी लेकर गए, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया। शिकायत के अनुसार, प्रोफेसर अकसर रविवार को छात्रा को खंदारी कैंपस स्थित अपने ऑफिस में बुलाते थे और दोपहर से शाम तक वहीं रोककर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न करते थे। छात्रा का आरोप है कि प्रोफेसर बार-बार अपनी शादीशुदा जिंदगी से असंतोष जताते और कहते कि उनकी पत्नी अच्छी नहीं है, इसलिए वे जल्द ही उससे शादी करेंगे। इन बातों से प्रभावित होकर छात्रा ने उनके झांसे में आकर रिश्ते को स्वीकार कर लिया। लेकिन जब उसे एहसास हुआ कि प्रोफेसर के इरादे सच्चे नहीं हैं, उसने दूरी बनाने की कोशिश की, जिसके बाद आरोपी ने धमकियां देनी शुरू कर दीं।

FIR के बाद पुलिस की कार्रवाई और मेडिकल जांच में लापरवाही के आरोप

छात्रा ने शनिवार, 25 अक्टूबर को हुई घटना के बाद साहस जुटाकर मामला पुलिस तक पहुंचाया। उसने अपनी चैट और कॉल रिकॉर्डिंग बतौर सबूत न्यू आगरा थाने में जमा कीं। अगले दिन पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ रेप, धमकी और शोषण की धाराओं में FIR दर्ज कर ली। FIR दर्ज होने के बाद पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया, लेकिन छात्रा ने आरोप लगाया कि मेडिकल प्रक्रिया में भी लापरवाही बरती गई। उसके अनुसार, जांच करने वाली डॉक्टर ने विस्तृत परीक्षण करने से परहेज किया और दबाव में आकर उससे इंटरनल जांच न कराने की सहमति पर हस्ताक्षर करवाए। इस लापरवाही के कारण छात्रा ने अब मेडिकल रिपोर्ट की पुनः जांच की मांग की है ताकि जांच निष्पक्ष और तथ्यात्मक हो सके। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और प्रोफेसर को जल्द पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जाएगा। न्यू आगरा क्षेत्र के एसीपी ने बताया कि मामला गंभीर है, इसलिए प्रत्येक स्तर पर साक्ष्य की जांच की जा रही है।

यूनिवर्सिटी प्रबंधन की सख्त कार्रवाई और जांच कमेटी का गठन

जैसे ही मामला मीडिया में सामने आया, विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आ गया। कुलपति प्रोफेसर आशु रानी ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए एक आंतरिक शिकायत समिति (ICC) का गठन किया है। इस समिति में महिला वकील, शिक्षाविद और लैंगिक समानता विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं ताकि पीड़िता को न्याय दिलाने की प्रक्रिया पारदर्शी हो सके। कुलपति ने कहा कि यदि जांच में प्रोफेसर दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें नौकरी से निष्कासन (termination) तक शामिल है। वहीं, राजभवन ने भी विश्वविद्यालय प्रबंधन से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। दूसरी ओर, छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन कर पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है। छात्रों का कहना है कि यदि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो उच्च शिक्षा संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े हो जाएंगे। इस बीच, महिला आयोग ने भी पूरे मामले पर संज्ञान लेने की बात कही है। वर्तमान में पुलिस, मेडिकल और विश्वविद्यालय – तीनों स्तरों पर जांच चल रही है, और सभी की निगाहें इस मामले के अगले कदम पर टिकी हैं।

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