बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है। मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) का 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बरेली जाकर हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात करने वाला था, लेकिन रवाना होने से पहले ही पुलिस ने सभी नेताओं को अलग-अलग जिलों में हाउस अरेस्ट कर लिया।
पार्टी का आरोप है कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए विपक्ष की आवाज दबा रही है। मेरठ जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी ने कहा कि “अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय सरकार उन लोगों को रोक रही है जो पीड़ितों से मिलने जा रहे हैं।
योगी सरकार अपनी असफलता पर पर्दा डालने के लिए प्रशासनिक तानाशाही पर उतर आई है।” बताया जा रहा है कि बुधवार को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव भी बरेली का दौरा कर सकते हैं, जिससे राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ने की संभावना है।
आप नेताओं ने सरकार पर लगाया तानाशाही और दमन का आरोप
गाजियाबाद से लेकर लखनऊ तक आप नेताओं के आवासों पर पुलिस तैनात कर दी गई है। पिछड़ा प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. छवि यादव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा कि रात 11 बजे पुलिस उनके आवास पर पहुंच गई और उन्हें बाहर निकलने नहीं दिया गया।
उन्होंने सीएम योगी से सवाल किया – “अगर इतनी तत्परता महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकने में दिखाई जाती, तो प्रदेश अपराधमुक्त हो जाता।” इसी तरह, आप नेता इमरान तलीफ ने बताया कि उनके घर पर भी पुलिस पहरा दे रही है और प्रदेश कार्यालय को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि “सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को नजरअंदाज कर बुलडोजर चला रही है, फर्जी मुकदमे दर्ज कर रही है और अब लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।” पार्टी ने लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय पर हुई बैरिकेडिंग की निंदा करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता से मिलना अपराध नहीं हो सकता।
विपक्षी दलों का हमला तेज, लोकतंत्र पर बहस छिड़ी
आप सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि “सरकार बुलडोजर चलाने में सक्रिय है, लेकिन पीड़ितों से मिलने जाने वालों को रोक रही है।” उन्होंने कहा कि यह रवैया लोकतंत्र के खिलाफ है। इस बीच, आप के युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष पंकज अवाना और किसान प्रकोष्ठ प्रमुख कमांडो अशोक को भी पुलिस ने रोक दिया। पार्टी ने आरोप लगाया कि “जब प्रदेश में हत्या, लूट और बलात्कार जैसी घटनाएं होती हैं, तब पुलिस घंटों बाद पहुंचती है, लेकिन राजनीतिक दौरे रोकने में तुरंत सक्रिय हो जाती है।
” इंजीनियर जनक प्रसाद, जो आप के तिरंगा शाखा प्रदेश अध्यक्ष हैं, ने कहा कि “हम लोग केवल लोगों का दुख-दर्द सुनने जा रहे थे, लेकिन हमें लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित किया गया।” उन्होंने आगे कहा कि “कंस भी जिनसे डरता था, उन्हें कैद करता था, लेकिन उसका भी अंत हुआ। इतिहास बताता है कि तानाशाही ज्यादा समय तक नहीं टिकती।” विपक्षी दलों ने इस घटना को प्रदेश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है और कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह संघर्ष अब सड़कों पर लड़ा जाएगा।