Bihar News, बिहार की राजनीति इस समय पूरी तरह से गरमाई हुई है। एक ओर आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों में सत्ताधारी और विपक्षी दल पूरे दमखम के साथ जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर सड़क पर उतर कर जनता से सीधा संवाद करने की कवायद भी तेज हो चुकी है। इसी क्रम में महागठबंधन द्वारा आयोजित वोटर अधिकार यात्रा मंगलवार को नवादा जिले से गुजर रही थी। इस दौरान एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया जब कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की गाड़ी के नीचे एक पुलिसकर्मी आ गया।
कैसे हुआ हादसा?
मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे के आसपास यह घटना घटी। राहुल गांधी का काफिला नवादा के व्यस्त इलाके से गुजर रहा था। भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा घेरा बनाए रखने में पुलिस बल तैनात था। अचानक भगदड़ जैसी स्थिति बनी और उसी दौरान एक पुलिसकर्मी संतुलन खो बैठा और राहुल गांधी की गाड़ी के ठीक नीचे फिसल गया। गनीमत रही कि गाड़ी समय रहते रोक दी गई, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
राहुल गांधी की तत्परता
हादसे के तुरंत बाद सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय पुलिस ने जवान को बाहर निकाला। उसके पैर में चोट आई थी, लेकिन स्थिति गंभीर नहीं थी। इस दौरान खुद राहुल गांधी गाड़ी से बाहर निकले, जवान का हाल-चाल पूछा, उसे पानी की बोतल दी और फिर अपने वाहन में बैठा लिया। यह दृश्य वहां मौजूद आम लोगों और मीडिया कैमरों में कैद हो गया। वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें राहुल गांधी को घायल जवान के प्रति संवेदनशीलता दिखाते देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
इस घटना का वीडियो सामने आते ही ट्विटर और फेसबुक पर चर्चा तेज हो गई। कांग्रेस समर्थक राहुल गांधी की मानवीय संवेदना की सराहना कर रहे हैं, तो वहीं भाजपा समर्थक इसे ‘राजनीतिक नौटंकी’ बताकर आलोचना कर रहे हैं। कुछ यूजर्स ने लिखा, “ऐसे ही छोटे-छोटे काम राहुल गांधी को जनता के और करीब लाते हैं।” वहीं कुछ लोगों का कहना है कि काफिले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियां उजागर हुई हैं।
बीजेपी कार्यकर्ताओं का विरोध और हंगामा
इस घटना से पहले भी नवादा में राहुल गांधी की यात्रा के दौरान हंगामा देखने को मिला। हिसुआ इलाके में जब वोटर अधिकार यात्रा पहुंची तो थाने के अंदर से ही भाजपा समर्थक राहुल गांधी मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। उस वक्त राहुल गांधी कुछ पल के लिए रुके, फिर मुस्कुराते हुए विरोधियों की ओर अंगूठा दिखाकर आगे बढ़ गए। उनका यह वीडियो भी वायरल हो रहा है।
दरअसल, विवाद की जड़ उस समय पड़ी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर पर कांग्रेस विधायक नीतू कुमारी का पोस्टर चिपका दिया गया। इससे नाराज होकर भाजपा के नेता और कार्यकर्ता थाने में धरने पर बैठ गए। पूर्व विधायक अनिल सिंह समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया और थाने भेज दिया।
राहुल गांधी का नवादा में संबोधन
हादसे और विरोध प्रदर्शनों के बीच राहुल गांधी ने नवादा में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि बिहार में लाखों ऐसे मतदाता हैं जिनका नाम वोटर लिस्ट से गायब कर दिया गया है। उन्होंने सीधे तौर पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा—
“संविधान आपको वोट का अधिकार देता है, लेकिन मोदी-शाह मिलकर इसे छीन रहे हैं। बिहार में नए तरीके से वोट चोरी हो रही है और चुनाव आयोग इसमें भागीदार बना हुआ है। लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह देश अडानी-अंबानी का नहीं बल्कि किसानों और मजदूरों का है।”
तेजस्वी यादव का बयान
महागठबंधन के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी राहुल गांधी के साथ मंच पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और अगली बार राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाएगी। तेजस्वी ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है, किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा और महंगाई चरम पर है।
स्थानीय राजनीति पर असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा सिर्फ बिहार चुनावों तक सीमित नहीं है, बल्कि 2029 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर कांग्रेस ने इसे रणनीतिक तरीके से डिजाइन किया है। राहुल गांधी की कोशिश है कि जनता के बीच सीधे जाकर ‘जन नेता’ की छवि को मजबूत किया जाए। नवादा की यह घटना उन्हें मानवीय और संवेदनशील नेता के रूप में पेश करने में मदद कर सकती है।
विपक्ष का हमला, सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया
भाजपा ने इस घटना पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी हमेशा मीडिया में दिखने के लिए ऐसे मौके तलाशते हैं। वहीं जेडीयू नेताओं ने सुरक्षा व्यवस्था की खामियों पर सवाल उठाए। दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने जिस तरह से घायल जवान की मदद की, वह उनकी संवेदनशीलता और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।
जनता की प्रतिक्रिया
नवादा के आम लोगों ने इस घटना को मिश्रित नजरिए से देखा। कुछ ने कहा कि इतनी बड़ी यात्रा में हादसा होना स्वाभाविक है, जबकि कुछ का कहना था कि सुरक्षाबलों को और सतर्क रहना चाहिए था। स्थानीय व्यापारी राजेश गुप्ता ने कहा—“राहुल गांधी ने जवान की मदद कर इंसानियत दिखाई, लेकिन ऐसी घटनाएं सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठाती हैं।”
नवादा की यह घटना महज एक हादसा नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति का बड़ा संदेश भी देती है। एक ओर यह राहुल गांधी की संवेदनशील छवि को मजबूत करती है, वहीं दूसरी ओर चुनावी माहौल में सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच बढ़ते तनाव को भी उजागर करती है। वोटर अधिकार यात्रा अब धीरे-धीरे राजनीतिक विमर्श का केंद्र बन रही है, और इस यात्रा के हर पड़ाव से जुड़े घटनाक्रम राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनते जा रहे हैं।