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Delhi CM पर जनसुनवाई के दौरान हमला.. रेखा गुप्ता पर हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या बताया?

दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर चौंकाने वाला हमला, पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया। इस घटना के प्रत्यक्षदर्शिों ने बताया कि कैसे शख्स ने हमला किया।

Delhi CM Rekha Gupta attacked during public hearing

Delhi News, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह उस समय हमला हो गया जब वह अपने सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर जनता की समस्याएं सुन रही थीं। जनसुनवाई के दौरान एक शख्स ने पहले उन्हें कुछ कागजात सौंपे और फिर अचानक थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना से वहां मौजूद लोग सन्न रह गए और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मौके पर मौजूद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हमलावर को हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू कर दी है।

प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी: “हैरान कर देने वाला पल”

घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह पूरी घटना कुछ ही सेकंड में घटित हुई और बेहद चौंकाने वाली थी।

जनसुनवाई में शामिल होने आई अंजलि नामक महिला ने कहा,
“यह पूरी तरह गलत है। अगर सीएम तक कोई आसानी से पहुंचकर थप्पड़ मार सकता है, तो सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठते हैं। मैं वहीं मौजूद थी। वह शख्स पहले कुछ कागज दिखा रहा था और अचानक उसने थप्पड़ जड़ दिया। पुलिस तुरंत उसे पकड़कर ले गई।”

वहीं उत्तम नगर से आए शैलेंद्र कुमार ने बताया,
“मैं अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंचा था। तभी अचानक हंगामा हुआ और पता चला कि किसी ने सीएम को थप्पड़ मार दिया। यह घटना बिल्कुल अस्वीकार्य है।”

एक अन्य चश्मदीद सुरेश खंडेलवाल ने कहा,
“मुख्यमंत्री जैसे ही जनता से मिलने बाहर आईं, आरोपी मौके की तलाश में था। उसने पास जाकर कागज दिए और तुरंत हमला कर दिया। यह घटना सुबह करीब 8 बजकर 10 मिनट पर हुई। पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए उसे दबोच लिया।”

जनसुनवाई में कैसे हुआ हमला?

जनसुनवाई का आयोजन हर सप्ताह सीएम आवास पर किया जाता है जहां सैकड़ों लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं। बुधवार को भी भीड़ इकट्ठा थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, लगभग 35 वर्षीय आरोपी शुरू से ही वहां मौजूद था। वह अपनी बारी आने का इंतजार कर रहा था। जैसे ही सीएम रेखा गुप्ता जनता से रूबरू हुईं, उसने नजदीक जाकर उन्हें कागज दिए।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कागज देने के बाद आरोपी कुछ कहने ही वाला था कि अचानक उसने थप्पड़ मार दिया। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि किसी को कुछ समझ नहीं आया। सुरक्षाकर्मी तुरंत हरकत में आए और आरोपी को पकड़कर बाहर ले गए।

सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

दिल्ली जैसे संवेदनशील शहर में सीएम की सुरक्षा पर इस तरह का हमला गंभीर चिंता का विषय है। यह सवाल उठ रहा है कि आखिर एक आम व्यक्ति इतनी आसानी से मुख्यमंत्री तक कैसे पहुंच गया और उस पर हाथ उठा दिया। राजनीतिक हलकों में इस घटना को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

विपक्षी दलों ने दिल्ली सरकार और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री तक कोई व्यक्ति इस तरह हमला कर सकता है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या हाल होगा।

आरोपी पुलिस हिरासत में

दिल्ली पुलिस ने हमलावर को हिरासत में लेकर सिविल लाइंस थाने पहुंचाया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी से पूछताछ की जा रही है ताकि हमले के पीछे की वजह का पता चल सके।

दिल्ली सीएमओ ने बयान जारी करते हुए कहा,
“आज जनसुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने सीएम रेखा गुप्ता पर हमला किया। आरोपी को तुरंत पकड़ लिया गया है और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।”

फिलहाल आरोपी की पहचान और हमले की वजह सामने नहीं आई है। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट जानकारी दी जाएगी।

घटना का राजनीतिक असर

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस घटना के दूरगामी राजनीतिक असर हो सकते हैं। मुख्यमंत्री पर जनसुनवाई के दौरान हमला होना केवल कानून-व्यवस्था की कमजोरी नहीं दिखाता, बल्कि यह आम जनता और प्रशासन के बीच अविश्वास की गहराई को भी उजागर करता है।

दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने सुरक्षा में चूक को मानते हुए भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों में अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम करने की बात कही है।

जनता की प्रतिक्रिया

घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कई लोगों ने इसे शर्मनाक बताया और कहा कि किसी भी असंतोष को व्यक्त करने का यह तरीका गलत है। वहीं, कुछ यूजर्स ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए और कहा कि अगर सीएम तक आसानी से पहुंचा जा सकता है, तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या होगा।

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हुआ यह हमला राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। हालांकि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ लिया है, लेकिन इस घटना ने राजनीतिक हलकों के साथ-साथ जनता को भी झकझोर दिया है।

आने वाले दिनों में जांच से यह साफ होगा कि आरोपी की मंशा क्या थी और उसने मुख्यमंत्री पर हमला क्यों किया। फिलहाल यह घटना लोकतंत्र के खुले मंच पर अभिव्यक्ति और सुरक्षा के बीच संतुलन की गंभीर चुनौती को सामने लाती है।