Delhi News, दिल्ली की राजनीति बुधवार की सुबह अचानक सनसनीखेज घटना से हिल गई जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला हो गया। यह घटना सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हुई, जहां रोजाना की तरह सुबह जनता की समस्याएं सुनने का कार्यक्रम चल रहा था। सुबह करीब साढ़े आठ बजे जब मुख्यमंत्री नागरिकों की शिकायतें सुन रही थीं, तभी भीड़ में खड़े एक शख्स ने अचानक आगे बढ़कर पहले उन्हें कागज थमाया और फिर उनके चेहरे पर थप्पड़ जड़ दिया।
हमले के बाद पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षाकर्मी तुरंत हरकत में आए और हमलावर को दबोच लिया। घटना स्थल पर मौजूद लोग भी सकते में आ गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया। हमले की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।
पुलिस जांच में जुटी
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आरोपी की पहचान फिलहाल गुप्त रखी गई है और उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि हमला किसी व्यक्तिगत नाराजगी का नतीजा था या इसके पीछे कोई संगठित साजिश रची गई थी। अधिकारियों ने बताया कि घटना के समय आरोपी ने कोई नारेबाजी या धमकी नहीं दी, बल्कि अचानक यह हरकत की।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में आरोपी के पास से कुछ कागजात बरामद हुए हैं। यह कागज संभवतः किसी शिकायत से संबंधित हो सकते हैं। यह भी जांच का विषय है कि वह व्यक्ति पहले से जनसुनवाई में शामिल होने आया था या योजना बनाकर सीएम तक पहुंचा। सुरक्षा एजेंसियां सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही हैं ताकि पूरी घटना का क्रम स्पष्ट किया जा सके।
सीएमओ का बयान
हमले के तुरंत बाद मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से बयान जारी किया गया। बयान में कहा गया कि “आज जनसुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करने की कोशिश की। आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया है और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। मुख्यमंत्री सुरक्षित हैं और जनसुनवाई का कार्यक्रम कुछ समय के लिए रोक दिया गया है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई। भारतीय जनता पार्टी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि जनता की चुनी हुई मुख्यमंत्री पर इस तरह का हमला लोकतंत्र पर सीधा प्रहार है। बीजेपी नेताओं ने मांग की है कि हमलावर को सख्त से सख्त सजा दी जाए। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर चूक बताया है। उनका कहना है कि सीएम आवास पर इस तरह की घटना होना सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल खड़े करता है।
मुख्यमंत्री जनसेवा सदन में बढ़ी सुरक्षा
गौरतलब है कि हाल ही में सिविल लाइंस इलाके के राजनिवास मार्ग पर स्थित ‘मुख्यमंत्री जनसेवा सदन’ कैंप ऑफिस को आम जनता की समस्याएं सुनने और निपटाने के लिए शुरू किया गया था। यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग अपनी शिकायतें और आवेदन लेकर आते हैं। अब इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस ने पूरे परिसर को घेर लिया है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
गवाहों की आंखोंदेखी
घटना स्थल पर मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि आरोपी अचानक भीड़ से उठा और सीधे मुख्यमंत्री की ओर बढ़ा। वह हाथ में एक कागज लिए हुए था। सीएम ने जैसे ही कागज लेने की कोशिश की, उसने थप्पड़ मार दिया। वहां मौजूद लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ कि इतनी सुरक्षा के बीच कोई इस तरह का हमला कर सकता है। चश्मदीदों का कहना है कि घटना बेहद तेजी से हुई और सुरक्षाकर्मी अगर तत्परता नहीं दिखाते तो आरोपी और भी गंभीर कदम उठा सकता था।
राजधानी की सुरक्षा पर सवाल
दिल्ली जैसे संवेदनशील शहर में मुख्यमंत्री पर हमला होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती है। यह घटना केवल व्यक्तिगत हमले तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके दूरगामी राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव हो सकते हैं। राजधानी में पहले भी कई बार नेताओं पर हमले की कोशिशें हुई हैं, लेकिन इस बार मामला सीधे मुख्यमंत्री से जुड़ा होने के कारण इसकी गंभीरता और बढ़ गई है।
सोशल मीडिया पर बहस
जैसे ही यह खबर फैली, सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #RekhaGuptaAttack ट्रेंड करने लगा। लोग मुख्यमंत्री के प्रति चिंता व्यक्त कर रहे हैं और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं कुछ लोगों ने सवाल उठाए कि जब मुख्यमंत्री जैसी हस्ती सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिक की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी।
अगला कदम
फिलहाल आरोपी पुलिस हिरासत में है और पूछताछ जारी है। जांच एजेंसियां आरोपी की पृष्ठभूमि, उसकी राजनीतिक या सामाजिक संबद्धता और मानसिक स्थिति की गहन जांच कर रही हैं। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के बाद ही स्पष्ट होगा कि हमला पूर्व नियोजित था या किसी निजी आक्रोश का नतीजा।
इस घटना ने एक बार फिर से दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सुरक्षित हैं, लेकिन इस तरह का हमला लोकतंत्र और जनता दोनों के लिए चिंता का विषय है। सवाल यह भी उठता है कि जनता से सीधे संवाद और जनसुनवाई जैसे कार्यक्रमों में नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना अब कितना चुनौतीपूर्ण हो गया है। आने वाले दिनों में इस मामले की जांच से कई बड़े खुलासे हो सकते हैं और यह देखना होगा कि आरोपी की मंशा क्या थी और उसने इस साहसिक कदम को क्यों उठाया।