नई दिल्ली: अक्टूबर माह की शुरुआत में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) नियंत्रित स्तर पर था, लेकिन दिवाली के बाद प्रदूषण तेजी से बढ़ा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को इस सीजन का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया। हवाओं की धीमी गति और तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषक तत्व फैलने में असमर्थ रहे, जिससे राजधानी में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। अक्टूबर के शेष दिनों में यह स्थिति बनी रहने की संभावना है।
राजधानी के विभिन्न इलाकों में AQI का विवरण
मुख्य प्रदूषक पीएम 2.5 है, जिसकी वजह से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। नेहरू नगर में AQI 401, पंजाबी बाग में 416, आर के पुरम में 387 और वजीरपुर में 397 दर्ज किया गया। अन्य प्रभावित क्षेत्रों में आनंद विहार, अशोक विहार, बुराड़ी, दिलशाद गार्डन, पटपड़गंज, पूसा, रोहिणी और विवेक विहार शामिल हैं, जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब से गंभीर स्तर तक पहुंच चुकी है। आसपास के एनसीआर क्षेत्रों जैसे गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा में भी AQI उच्च स्तर पर रहा, जिससे स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से अलर्ट जारी किया गया है।
सावधानियां और अगले दिनों की स्थिति
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 23 से 25 अक्टूबर तक वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी रह सकती है। इसके बाद अगले छह दिनों तक यह खराब से बेहद खराब स्तर पर बनी रहने की संभावना है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि सुबह और शाम के समय बाहरी गतिविधियों से परहेज किया जाए, लंबे समय तक बाहर न रहें, जॉगिंग की बजाय शॉर्ट वॉक करें और बीच-बीच में ब्रेक लें। घर में खिड़कियां बंद रखें, एसी में फ्रेश एयर इनटेक बंद करें और धूप, मोमबत्ती या अगरबत्ती का इस्तेमाल न करें। इस समय सांस से संबंधित बीमारियों और एलर्जी से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतना आवश्यक है।




