फ्लाईओवर बनाने की जरूरत और उद्देश्य
दिल्ली सरकार ने कश्मीरी गेट बस अड्डे पर रोजाना लगने वाले जाम को कम करने के लिए एक 2.5 से 3 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बनाने की योजना बनाई है। यह परियोजना राजधानी में ट्रैफिक को सुगम बनाने और यातायात की भीड़ को कम करने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। नया फ्लाईओवर रिंग रोड और रिंग रोड बाईपास जंक्शन से शुरू होकर मेट्रो स्टेशन गेट नंबर-1 के पास से गुजरेगा और मेटकाफ हाउस के प्रस्तावित फ्लाईओवर से जुड़ा जाएगा। इस फ्लाईओवर के बनने से न केवल कश्मीरी गेट बस अड्डे पर जाम कम होगा बल्कि आसपास के मुख्य मार्गों पर भी वाहन सहजता से गुजर सकेंगे।
परियोजना का विस्तार और फिजिबिलिटी स्टडी
इस योजना के तहत पहले मेटकाफ हाउस टी-जंक्शन पर 680 मीटर लंबा फ्लाईओवर बनाया जाना था। लेकिन इस प्लान में कश्मीरी गेट बस अड्डा शामिल नहीं था, जिससे वहां की ट्रैफिक समस्या जस की तस बनी रहती। अब योजना में बदलाव कर कश्मीरी गेट बस अड्डा को भी मुख्य मार्ग में जोड़ा गया है। इसके लिए विस्तृत फिजिबिलिटी स्टडी कराई जाएगी, जिसमें यह देखा जाएगा कि फ्लाईओवर मेट्रो स्टेशन गेट नंबर-1 से होकर किस तरह गुजर सकता है। प्रस्तावित फ्लाईओवर युधिष्ठिर फ्लाईओवर के ऊपर से होकर मेटकाफ हाउस फ्लाईओवर से जुड़ेगा, ताकि पूरे इलाके में ट्रैफिक सुचारू रूप से बह सके।
राजधानी में ट्रैफिक सुधार और उम्मीद
नई दिल्ली में इस फ्लाईओवर के बनने से न केवल कश्मीरी गेट बस अड्डे पर जाम की समस्या कम होगी, बल्कि शहर के मुख्य ट्रैफिक मार्गों की रंगत भी बदल जाएगी। PWD और संबंधित विभाग इस परियोजना को जल्द से जल्द शुरू करने की योजना बना रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि जब यह फ्लाईओवर बनकर तैयार हो जाएगा, तो यातायात के मुख्य जंक्शन पर समय की बचत होगी और निजी तथा सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही और भी सुरक्षित और तेज हो जाएगी। राजधानी में ट्रैफिक की चुनौती को देखते हुए यह परियोजना शहरवासियों के लिए राहत का बड़ा कदम साबित होगी।