उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाल ही में दिए गए ‘चारा घोटाला’ संबंधी बयान ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। सहरसा में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधान परिषद सदस्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने इस टिप्पणी को अनुचित और तथ्यों से परे बताया। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को किसी भी मुद्दे पर बिना साक्ष्य सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहिए। डॉ. सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ का बयान केवल राजनीतिक लाभ के लिए दिया गया है, जिसका मकसद जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाना है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव पर लगाए गए आरोप अदालत में विचाराधीन हैं, इसलिए इस तरह की टिप्पणी करना न्याय प्रक्रिया का अपमान है। डॉ. सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में आरोप लगाना आसान है, लेकिन सबूत देना मुश्किल होता है और बिना निर्णय के किसी को अपराधी कहना न सिर्फ अनुचित बल्कि कानून के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ को अपने राज्य की कानून व्यवस्था और अपराध की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि उत्तर प्रदेश आज अपराध के मामले में शीर्ष पर पहुंच चुका है।
दूसरा खंड: योगी पर व्यक्तिगत आरोप – ‘जिनके घर शीशे के हों, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए’
डॉ. अजय कुमार सिंह ने योगी आदित्यनाथ पर सीधा हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं हत्या के आरोपों का सामना कर चुके हैं और अपनी सरकार बनने के बाद उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मामलों को वापस ले लिया। उन्होंने कहा, “जिनके घर शीशे के हों, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए।” आरजेडी नेता ने दावा किया कि योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक सफर कई विवादों से घिरा रहा है और उन्होंने सत्ता में आते ही अपने ऊपर से गंभीर धाराओं को हटवाकर यह संदेश दिया कि कानून उनके लिए अलग और आम लोगों के लिए अलग है। डॉ. सिंह ने कहा कि इस तरह का दोहरा चरित्र भारतीय राजनीति के लिए खतरनाक संकेत है। उन्होंने भाजपा के कई नेताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि पार्टी में ऐसे लोग हैं जिन पर हत्या, दुष्कर्म और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप हैं, फिर भी वे पदों पर बने हुए हैं। इस संदर्भ में उन्होंने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नाम का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब भाजपा के भीतर इतने गंभीर मामलों के आरोपी लोग सक्रिय राजनीति में हैं, तो फिर मुख्यमंत्री को नैतिकता का पाठ पढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है।
तीसरा खंड: अपराध और राजनीति पर आरजेडी का पलटवार – ‘जनता बदलाव के लिए तैयार’
डॉ. अजय सिंह ने आगे कहा कि एनसीआरबी के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। हत्या, लूट, दुष्कर्म और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में प्रदेश शीर्ष पर है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति दर्शाती है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह असफल रही है। डॉ. सिंह ने भाजपा की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब विपक्ष के किसी नेता पर आरोप लगता है, तो जांच एजेंसियां तुरंत सक्रिय हो जाती हैं, लेकिन जब भाजपा के नेताओं के खिलाफ मामले सामने आते हैं, तब चुप्पी साध ली जाती है। उन्होंने असम सहित भाजपा शासित राज्यों में भी ऐसे कई नेताओं के उदाहरण दिए जिन पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। डॉ. सिंह ने कहा कि जनता अब इस दोहरे रवैये को समझ चुकी है और आने वाले चुनावों में इसका जवाब देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब घोटालों, भ्रष्टाचार और दिखावे की राजनीति से तंग आ चुकी है और वह उन नेताओं को चुनना चाहती है जो विकास, रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दों पर काम करें। अंत में उन्होंने कहा कि ‘घोटालेबाजों और दोहरे चरित्र’ की राजनीति अब ज्यादा दिन नहीं चलेगी, जनता बदलाव चाहती है और समय आने पर इसका निर्णय अपने वोट से करेगी।




