किशनगंज जिले के बहादुरगंज नगर परिषद के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि वशीकुर रहमान ने शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में AIMIM और उसके प्रत्याशी तौसीफ आलम पर तीखा हमला बोला। रहमान ने अपने बयान में कहा कि अब वक्त आ गया है जब विधानसभा क्षेत्र के मतदाता यह तय करें कि उन्हें एक प्रोफेसर विधायक चाहिए या एक अनपढ़ नेता। उन्होंने कहा कि पिछले 17 वर्षों में तौसीफ आलम विधायक रहे, लेकिन उनके कार्यकाल में ऐसा कोई उल्लेखनीय काम नहीं हुआ, जिस पर जनता गर्व कर सके। रहमान के अनुसार, तौसीफ आलम न तो विधानसभा में जनता के हितों की बात रख पाए और न ही क्षेत्र के बुनियादी मुद्दों पर आवाज़ उठा पाए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जिनके पास जनता की समस्याओं का समाधान नहीं, वे अब भाषणों और धार्मिक भावनाओं का सहारा लेकर वोट मांग रहे हैं। रहमान ने कहा कि मतदाताओं को चाहिए कि वे इस बार अपनी ताकत समझें और किसी भी तरह के लालच में न आएं। उन्होंने AIMIM नेतृत्व पर आरोप लगाया कि यह पार्टी चुनावी मौसम में धार्मिक नारों के जरिए वोटों का सौदा करती है, जबकि असली विकास के मुद्दे पीछे छूट जाते हैं।
“500 रुपए, मुर्गा या शराब के बदले वोट न बेचें”
वशीकुर रहमान ने मतदाताओं से सीधे अपील करते हुए कहा कि लोकतंत्र में वोट सबसे बड़ा हथियार है और इसे कुछ रुपयों, चावल, मुर्गा या शराब के बदले बेचना अपने भविष्य को गिरवी रखने जैसा है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मुसब्बिर आलम को एक शिक्षित, ईमानदार और दूरदर्शी उम्मीदवार बताते हुए कहा कि ऐसे प्रतिनिधि ही इलाके में नई योजनाओं और विकास कार्यों को आगे बढ़ा सकते हैं। रहमान ने महानंदा बेसिन परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की बड़ी योजनाएं केवल वही नेता ला सकता है, जो नीतियों की समझ रखता हो और प्रशासनिक अनुभव रखता हो। उन्होंने AIMIM प्रत्याशी तौसीफ आलम की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि 17 साल के लंबे कार्यकाल में उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता के लिए 10 भी ठोस कार्य नहीं किए। रहमान ने उनकी विधानसभा में निष्क्रियता को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि “जो विधायक जनता की आवाज़ नहीं उठा सके, उन्हें अब जवाब देना होगा।” उन्होंने पूर्व राजद विधायक अंजार नईमी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे हमेशा सदन में सक्रिय रहे और जनता की समस्याओं को मुखरता से उठाते रहे।
ओवैसी को बताया ‘सौदागर’ और ‘जादूगर’
प्रेस वार्ता में रहमान ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को ‘सौदागर’ और ‘जादूगर’ करार देते हुए कहा कि ओवैसी बिहार में आकर झूठे वादों के ज़रिए मतदाताओं को गुमराह करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ओवैसी कोचाधामन में रेलवे स्टेशन, अस्पताल और खून दान जैसी बातें करके लोगों का विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं, जबकि उनके सारे दावे केवल भाषणों तक सीमित रहते हैं। रहमान ने कहा कि ओवैसी पहली बार किसी क्षेत्र में आते हैं तो लोगों को प्रभावित करने के लिए भावनात्मक कार्ड खेलते हैं और उसके बाद फिर वहां का रुख नहीं करते। उन्होंने AIMIM को कौम और मजहब के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि यह संगठन समाज को बांटने का काम कर रहा है। रहमान ने मतदाताओं से एकजुट होकर जागरूक मतदान की अपील की और कहा कि किशनगंज जैसे शिक्षित इलाके को अब ऐसे नेता की जरूरत है जो गंगा-जमुनी तहजीब, सामाजिक सौहार्द और विकास की भावना के साथ काम करे। उन्होंने कहा कि “कौम की असली सेवा वही है जो सबको साथ लेकर चले, न कि उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ भड़काए।” उनके इस बयान के बाद किशनगंज की राजनीति में नया ताप आ गया है और चुनावी माहौल और अधिक गरम होता दिखाई दे रहा है।




