शेखपुरा जिले में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का समापन मंगलवार की सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ, लेकिन इस बार छठ के घाटों पर केवल भक्ति और आस्था ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के प्रति जागरूकता की गूंज भी सुनाई दी। जिला प्रशासन ने छठ पर्व के विशाल जनसमूह का उपयोग करते हुए आगामी 6 नवंबर को होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए विशेष मतदाता जागरूकता अभियान चलाया। घाटों पर श्रद्धालुओं के बीच “छठ पूजा की शुभकामनाओं के साथ मतदान अवश्य करेंगे हम” जैसे संदेशों वाले बैनर और पोस्टर लगाए गए। प्रशासनिक अधिकारियों और स्वयंसेवकों ने घाटों पर पहुंचकर लोगों को मतदान के महत्व के बारे में बताया और समझाया कि हर वोट लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। इस मौके पर कई श्रद्धालु स्याही लगी उंगली दिखाकर मतदान करने की प्रतिबद्धता जताते नजर आए। जिला प्रशासन ने इस धार्मिक आयोजन के दौरान जनता के बीच चुनाव आयोग की पहल को सरल और आकर्षक तरीके से पहुंचाया, जिससे लोगों में मतदान को लेकर नया उत्साह दिखाई दिया।
‘चिड़िया LOGO’ बना चर्चा का विषय
शेखपुरा में चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया ‘चिड़िया LOGO’ मतदाताओं के बीच खासा लोकप्रिय हुआ। इस लोगो में उड़ती हुई चिड़िया को प्रतीक के रूप में दिखाया गया है, जो स्वतंत्रता, जागरूकता और सक्रिय भागीदारी का संदेश देती है। “शत प्रतिशत मतदान, भविष्य का निर्माण” जैसे नारे के साथ यह लोगो जिले भर में मतदान को प्रोत्साहित करने का मुख्य प्रतीक बन गया। जिला प्रशासन ने इस प्रतीक को पोस्टर, बैनर, होर्डिंग और डिजिटल माध्यमों से प्रचारित किया। स्थानीय युवाओं और स्वयंसेवी संगठनों ने भी इसे सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लोगों से अपील की कि वे आगामी 6 नवंबर को मतदान केंद्र तक जरूर पहुंचें। लोगों ने इसे न सिर्फ एक सरकारी अभियान माना बल्कि इसे अपने अधिकार और जिम्मेदारी से जोड़कर अपनाया। घाटों पर पूजा के बाद जब श्रद्धालु लौट रहे थे तो कई स्थानों पर बच्चों ने ‘चिड़िया LOGO’ के चित्र बनाकर मतदाता जागरूकता के प्रति अपनी समझदारी दिखाई।
प्रशासन की अपील – “वोट डालकर ही लौटें”
छठ पूजा के दौरान जिला प्रशासन ने यह भी अपील की कि जो लोग पर्व के अवसर पर अपने घर लौटे हैं, वे 6 नवंबर को मतदान करने के बाद ही वापस अपने कार्यस्थल जाएं। अधिकारियों ने कहा कि हर नागरिक का वोट न केवल सरकार चुनने का माध्यम है बल्कि यह भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी भी है। मतदाता सूची में नाम दर्ज होने वाले हर व्यक्ति को लोकतंत्र के इस महोत्सव में भाग लेना चाहिए। प्रशासन ने स्थानीय समुदायों, पंचायत प्रतिनिधियों और शिक्षकों को इस अभियान से जोड़कर गांव-गांव तक संदेश पहुंचाने की योजना बनाई है ताकि मतदान प्रतिशत में वृद्धि हो सके। अधिकारियों ने कहा कि जिस तरह छठ पर्व में अनुशासन, आस्था और एकजुटता दिखाई देती है, उसी भावना के साथ अगर सभी मतदाता मतदान केंद्र पहुंचेंगे तो बिहार एक मजबूत लोकतंत्र का उदाहरण बन जाएगा। छठ घाटों से लेकर गांवों की गलियों तक अब “6 नवंबर को मतदान जरूर करें” का नारा गूंज रहा है, और शेखपुरा जिला प्रशासन की यह पहल बताती है कि जब जनआस्था और जनजागरूकता एक साथ आती हैं, तो लोकतंत्र और भी सशक्त हो जाता है।




