समस्तीपुर जिले में चुनावी ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग पोस्टल बैलेट के माध्यम से किया। जिला प्रशासन द्वारा इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता और अनुशासन के साथ आयोजित किया गया। इस विशेष मतदान का उद्देश्य उन कर्मियों को अवसर देना था जो चुनाव के दिन विभिन्न मतदान केंद्रों पर तैनात रहेंगे और अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाकर मतदान नहीं कर सकेंगे। प्रशासन ने लोकतंत्र के इस महापर्व में सभी कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अलग से फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किए, जहां शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित माहौल में मतदान प्रक्रिया संपन्न कराई गई। मतदान के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था या तकनीकी अड़चन सामने नहीं आई, जिससे प्रशासन की तैयारी और प्रबंधन की क्षमता स्पष्ट रूप से दिखाई दी। इस अवसर पर कर्मियों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान किया और उसे निर्धारित मतपेटिका में सुरक्षित रूप से डाला।
फैसिलिटेशन सेंटरों पर सख्त निगरानी और बेहतर प्रबंधन
जिला प्रशासन ने समस्तीपुर में तीन प्रमुख फैसिलिटेशन सेंटर-संत कबीर महाविद्यालय, डीएवी पब्लिक स्कूल (मोहनपुर), और समाहरणालय परिसर-में मतदान की व्यवस्था की। इन केंद्रों पर विधानसभा-वार काउंटर बनाए गए, ताकि प्रत्येक कर्मी को अपनी विधानसभा के अनुसार मतदान की सुविधा मिल सके। संत कबीर महाविद्यालय केंद्र पर जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक विवेक कुमार शर्मा और सहायक नोडल पदाधिकारी अनुष्का कुमारी ने मतदान प्रक्रिया का नेतृत्व किया। दोनों अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि कर्मियों को मतपत्र प्राप्त करने से लेकर मतपेटिका में डालने तक हर चरण में पूरी सहायता दी जाए। वहीं, डीएवी पब्लिक स्कूल केंद्र पर वरीय पदाधिकारी राजेश कुमार सिंह स्वयं मतदान प्रक्रिया की निगरानी कर रहे थे। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि किसी कर्मी को कतार में अधिक समय तक प्रतीक्षा न करनी पड़े और सभी को मतदान का समान अवसर मिले। समाहरणालय केंद्र पर भी अधिकारियों ने पूरी सजगता के साथ मतदान कराया, जिससे वातावरण शांत और अनुशासित बना रहा। प्रशासनिक अधिकारियों ने कर्मियों को मतदान प्रक्रिया के सभी निर्देशों का पालन करने की अपील की, ताकि मतों की गोपनीयता और निष्पक्षता बनी रहे।
कर्मियों ने की प्रशासन की सराहना, 1566 ने दिया आवेदन
मतदान समाप्त होने के बाद अधिकांश कर्मियों ने जिला प्रशासन की कार्यकुशलता और प्रबंधन की सराहना की। उनका कहना था कि इतनी सुव्यवस्थित व्यवस्था प्रशासन की संवेदनशीलता और लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कई कर्मियों ने मतपत्र से मतदान के इस अनुभव को गौरवपूर्ण और जिम्मेदारी निभाने का अवसर बताया। जिला प्रशासन की इस पहल ने न केवल कर्मचारियों की सुविधा बढ़ाई, बल्कि लोकतांत्रिक भागीदारी की भावना को भी सशक्त किया। इस प्रक्रिया के लिए जिले के कुल 1566 सरकारी कर्मियों ने आवेदन दिया था, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व, पुलिस, पंचायत और अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। इनमें से कई कर्मचारी समस्तीपुर के अलावा अन्य जिलों जैसे खगड़िया, शेखपुरा, नालंदा, दरभंगा, बेगूसराय, मुंगेर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, मधेपुरा, भोजपुर और बक्सर में भी ड्यूटी पर तैनात हैं, जहां पहले चरण में मतदान होना है। इन्हीं कर्मियों को विशेष रूप से पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा दी गई। प्रशासन का कहना है कि यह व्यवस्था लोकतंत्र की मजबूती और कर्मचारियों की सहभागिता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिला प्रशासन ने यह भी बताया कि मतदान प्रक्रिया के बाद सभी मतपेटिकाओं को सुरक्षित रूप से सील कर निर्वाचन कार्यालय में रखा गया है, ताकि मतगणना के समय उन्हें संबंधित नियमों के तहत खोला जा सके। समस्तीपुर के जिलाधिकारी ने सभी कर्मियों को समय पर मतदान करने और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया यह दर्शाती है कि प्रशासनिक सेवा में भी लोकतंत्र की आत्मा जीवित है और प्रत्येक कर्मी अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करने के प्रति जागरूक है। इस पहल से न केवल समस्तीपुर जिले का प्रशासनिक स्तर सुदृढ़ हुआ है, बल्कि यह अन्य जिलों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन सकता है।




