बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मोकामा में हुई दुलारचंद राय की हत्या ने राज्य की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर तीखे प्रहार शुरू कर दिए हैं। वैशाली जिले के महुआ से आरजेडी विधायक मुकेश रौशन ने शनिवार को इस मामले में एक तीखा बयान जारी करते हुए सरकार को सीधे कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि बिहार में इस वक्त कानून का नहीं, बल्कि ‘राक्षस राज’ का शासन चल रहा है।
रौशन ने नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “मुख्यमंत्री ने अनंत सिंह जैसे अपराधियों को जेल से निकलवाकर निर्दोष लोगों की हत्या करवाने की राह खोल दी है। यह सरकार अपराध और भ्रष्टाचार के दो इंजनों पर चल रही है-एक इंजन अपराध में, दूसरा भ्रष्टाचार में।” उन्होंने कहा कि सरकार का दोहरा चरित्र जनता के सामने आ चुका है। जो सरकार खुद अपराधियों को संरक्षण दे रही है, वह कानून-व्यवस्था की बात करने का अधिकार खो चुकी है।
विधायक ने दुलारचंद यादव को एक ईमानदार और सामाजिक रूप से सक्रिय व्यक्ति बताते हुए कहा कि उनकी हत्या यह साबित करती है कि बिहार में आम नागरिक सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने नीतीश कुमार के उस बयान पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि वे न किसी को फंसाते हैं, न किसी को बचाते हैं। रौशन ने पलटवार करते हुए कहा, “सवाल यह है कि जब आपके शासन में निर्दोषों की हत्या हो रही है, तब आप किसे बचा रहे हैं और किसे सजा दे रहे हैं? बिहार आज फिर से अपराध की अंधेरी गलियों में जा रहा है।”
“दुलारचंद की हत्या से खुली सरकार की पोल”
राजद विधायक ने आरोप लगाया कि दुलारचंद यादव की हत्या किसी व्यक्तिगत विवाद का परिणाम नहीं बल्कि एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी, जिससे सत्ताधारी दल के नेताओं को खतरा महसूस हुआ। रौशन ने सीधे तौर पर मोकामा के बाहुबली आनंद सिंह और उनके समर्थकों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह घटना बिहार की वास्तविक स्थिति को दर्शाती है जहां सत्ता की हिफाजत में अपराध फल-फूल रहा है।
रौशन ने जनता से आह्वान किया कि वे अब ‘राक्षस राज’ को समाप्त करने के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग एक बार फिर उस दौर में नहीं जाना चाहते, जब डर, हत्या और अपहरण आम बात थी। “आज जरूरत है कि जनता इस दोहरे इंजन वाली सरकार को उखाड़ फेंके, जो विकास के नाम पर केवल भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा दे रही है,” उन्होंने कहा।
विधायक ने यह भी कहा कि आरजेडी हमेशा से गरीब, किसान और मजदूरों की आवाज रही है, लेकिन मौजूदा सरकार ने इन वर्गों को पूरी तरह से उपेक्षित कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में शिक्षा और रोजगार की हालत बदतर हो चुकी है। स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है और पुलिस तंत्र राजनीतिक आदेशों पर काम कर रहा है। “जब शासन अपराधियों के हाथों में आ जाए, तब जनता के अधिकारों की रक्षा कौन करेगा?” उन्होंने सवाल किया।
“बीजेपी और जेडीयू का एजेंडा विकास नहीं, विभाजन है”
मोकामा हत्याकांड ने जैसे ही राजनीतिक रंग लिया, मुकेश रौशन ने इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी नेतृत्व पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शाह बिहार के हर जिले में घूम रहे हैं, लेकिन जनता को पिछले 20 सालों के काम का हिसाब नहीं दे रहे। “वो मंदिर-मस्जिद, जात-पात और विभाजन की राजनीति में उलझे हुए हैं, जबकि बिहार की असली समस्या बेरोजगारी, शिक्षा और अपराध है,” रौशन ने कहा।
उन्होंने बीजेपी और जेडीयू गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि “ये सरकार विकास के नाम पर केवल दिखावा कर रही है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा और व्यापारी वर्ग लगातार भय के माहौल में है। अगर यही दोहरा इंजन सरकार है, तो बिहार के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता।”
रौशन ने जनता से अपील की कि वे इस बार सोच-समझकर मतदान करें। “यह चुनाव केवल विधायक या मुख्यमंत्री बदलने का नहीं, बल्कि बिहार के चरित्र और भविष्य को तय करने का है,” उन्होंने कहा। उन्होंने विश्वास जताया कि जनता अब सच को पहचान चुकी है और आने वाले समय में आरजेडी को बहुमत देकर राज्य में ‘जनता का राज’ फिर से स्थापित करेगी।
इस पूरे विवाद के बीच मोकामा की घटना ने न केवल चुनावी माहौल को गरमाया है बल्कि सत्ताधारी दल की छवि पर भी सवाल खड़े किए हैं। पुलिस प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है, लेकिन विपक्ष लगातार यह सवाल उठा रहा है कि क्या जांच निष्पक्ष होगी या सत्ता के दबाव में फिर से सच दबा दिया जाएगा।




