बिहार की राजनीति इन दिनों एक बार फिर गरमा गई है। वजह है उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का भोजपुरी कलाकार खेसारी लाल यादव पर दिया गया विवादित बयान, जिसने न केवल फिल्म जगत बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। इस बयान के विरोध में भोजपुरी गायक और अभिनेता रितेश पांडे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सासाराम में मीडिया से बात करते हुए पांडे ने सम्राट चौधरी को “सातवीं फेल” कहकर संबोधित किया और आरोप लगाया कि वे कलाकारों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बयान सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरे कलाकार समुदाय का अपमान है, जो अपने हुनर से बिहार का नाम देशभर में रोशन कर रहा है। पांडे ने कहा, “किसी के पेशे को गाली की तरह इस्तेमाल करना छोटी मानसिकता का प्रतीक है। अगर नाचना या गाना गलत होता, तो अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और रणवीर सिंह जैसे बड़े कलाकार भी ‘नचनिया’ कहलाते। नृत्य की शुरुआत तो स्वयं भगवान शिव ने नटराज रूप में की थी, इसलिए कला को नीचा दिखाना धर्म और संस्कृति दोनों का अपमान है।” उन्होंने आगे कहा कि राजनीति में बैठे लोगों को बोलने से पहले यह सोचना चाहिए कि उनके शब्द समाज में क्या संदेश दे रहे हैं।
‘सातवीं फेल’ बयान से बढ़ा विवाद, कानूनी कार्रवाई की मांग
रितेश पांडे ने सम्राट चौधरी पर सिर्फ शब्दों से हमला नहीं बोला, बल्कि उन्होंने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग भी की। उन्होंने कहा कि किसी भी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से ऐसी टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जाती। कलाकार समाज का आईना होते हैं और उन्हें गाली की तरह पेश करना बेहद शर्मनाक है। पांडे ने आरोप लगाया कि सम्राट चौधरी खुद कई गंभीर मामलों में आरोपी रह चुके हैं और छह महीने जेल में भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा, “जो व्यक्ति सात लोगों के नरसंहार के केस में आरोपी रहा हो, वह आज दूसरों की निंदा कर रहा है, यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।” पांडे ने यह भी कहा कि कलाकारों की मेहनत से ही भोजपुरी सिनेमा ने न सिर्फ बिहार बल्कि देश-विदेश में अपनी पहचान बनाई है, और ऐसे में इस इंडस्ट्री का अपमान करना बिहार की अस्मिता का अपमान है। उन्होंने कहा कि अब जनता ऐसे बयानों का जवाब चुनाव में देगी। “बिहार का डिप्टी सीएम अगर सातवीं फेल है तो उससे कला और संस्कृति की समझ की उम्मीद कैसे की जा सकती है?” उन्होंने तंज कसते हुए कहा। पांडे के अनुसार, बिहार की जनता अब हर उस नेता को सबक सिखाएगी जो कलाकारों की गरिमा को ठेस पहुंचाएगा।
जनता का सम्मान ही कलाकारों की असली ताकत
रितेश पांडे ने कहा कि भोजपुरी कलाकारों को जनता का भरपूर सम्मान और प्यार मिला है, और यही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने कहा कि कलाकार किसी जाति, धर्म या राजनीतिक विचारधारा के प्रतिनिधि नहीं होते, बल्कि समाज की भावनाओं का प्रतिबिंब होते हैं। “कलाकार तो वो दर्पण है जिसमें समाज अपनी खुशी, दुख और संघर्ष को देखता है,” पांडे ने कहा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राजनीति में कला का मजाक उड़ाने या उसे छोटा दिखाने की प्रवृत्ति खत्म होनी चाहिए, क्योंकि कला समाज को जोड़ती है, तोड़ती नहीं। पांडे ने जनता से अपील की कि वे ऐसे लोगों को पहचानें जो वोट की राजनीति के लिए दूसरों के पेशे का मजाक उड़ाते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में आज भी गांव-गांव में लोग भोजपुरी गानों पर झूमते हैं, यही इस संस्कृति की ताकत है। पांडे ने अंत में कहा, “हम कलाकार हैं, राजनीति में नहीं लेकिन समाज के दिलों में रहते हैं। हमारी ताकत जनता है और जनता ही ऐसे बयानों का जवाब देगी।” उनके इस बयान के बाद बिहार की सियासत में हलचल और तेज हो गई है और अब देखना होगा कि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी इस विवाद पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।




