लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने नालंदा के नूरसराय में आयोजित जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “मोदी डरपोक हैं, इस मर्द से ज्यादा दम इंदिरा गांधी में था।” राहुल ने अपने संबोधन में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने खुद दावा किया था कि उसने मोदी को फोन करके ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रोकने के लिए कहा और इसके बाद भारत ने वह ऑपरेशन रोक दिया। राहुल ने मोदी पर विदेशी ताकतों के आगे झुकने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब ट्रंप सार्वजनिक रूप से भारत और हमारी सेना का अपमान करते हैं, तब भी प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने अमेरिका को उसकी औकात दिखाई थी, लेकिन आज मोदी की सरकार विदेशी नेताओं के सामने चुप्पी साध लेती है। राहुल ने यह भी चुनौती दी कि प्रधानमंत्री बिहार आकर जनता के सामने कहें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राहुल ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक और व्यक्तिगत टिप्पणी की है जो आचार संहिता का उल्लंघन है।
राहुल गांधी बोले- “नीतीश का रिमोट मोदी के पास, बिहार के युवाओं का भविष्य पेपर लीक में फंसा”
अपने भाषण में राहुल गांधी ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था और युवाओं की समस्याओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिहार के युवा डॉक्टर, इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं, लेकिन बार-बार पेपर लीक होने से उनकी मेहनत बेकार चली जाती है। राहुल ने नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे दावा करते हैं कि उन्होंने 20 साल में बिहार बदल दिया, जबकि हकीकत यह है कि बिहार के अस्पतालों में लोग इलाज कराने नहीं, मरने जाते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में सरकार अब नीतीश कुमार नहीं, बल्कि दिल्ली से मोदी और अमित शाह चला रहे हैं। “नीतीश सिर्फ नाम के मुख्यमंत्री हैं, उनका रिमोट मोदी के हाथ में है,” राहुल ने कहा। इसके अलावा राहुल ने देश के युवाओं से सवाल किया कि जब वे दुबई और बेंगलुरु जैसे शहरों को अपने परिश्रम से खड़ा कर सकते हैं, तो बिहार को क्यों नहीं बदल सकते। उन्होंने कहा कि एक समय था जब नालंदा विश्वविद्यालय ज्ञान का वैश्विक केंद्र था, लेकिन आज बिहार की यूनिवर्सिटियों की चर्चा सिर्फ पेपर लीक और भ्रष्टाचार के लिए होती है। राहुल ने कहा कि बिहार की प्रतिभा देश की ताकत बन सकती है, लेकिन वर्तमान शासन में युवाओं को सिर्फ धोखा और बेरोजगारी मिली है। उन्होंने अडाणी समूह को एक रुपये में जमीन देने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें किसानों से जमीन छीनकर उद्योगपतियों को सौंप रही हैं।
“छठ पूजा का ड्रामा और वोट चोरी का खेल”, राहुल के आरोपों से गरमाई सियासत
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी पर छठ पूजा के नाम पर “राजनीतिक ड्रामा” करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “मोदी जी यमुना नदी में नहीं, बल्कि एक स्विमिंग पूल में छठ पूजा का नाटक कर रहे थे। उन्हें बिहार की परंपरा या आस्था से कोई लेना-देना नहीं, उन्हें सिर्फ वोट चाहिए।” राहुल ने कहा कि मोदी वोट के लिए कुछ भी कर सकते हैं, यहां तक कि मंच पर नाचने तक को तैयार होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा केवल प्रचार में माहिर है, जनता की समस्याओं से उसे कोई सरोकार नहीं है। कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि अगर “वोट चोरी” नहीं होती तो आज देश में महागठबंधन की सरकार होती। उन्होंने महाराष्ट्र और हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा चुनावों में जनता की आवाज को दबा रही है और संविधान को कमजोर करने में लगी है। राहुल ने कहा कि बिहार के लोगों की राजनीतिक समझ गहरी है, लेकिन भाजपा उनकी एकता और जागरूकता से डरती है। उन्होंने वादा किया कि महागठबंधन की आने वाली सरकार हर जाति और धर्म के लोगों की होगी-पिछड़ों, अति पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और किसानों की सरकार होगी। राहुल ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि “मैंने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली है, क्योंकि नफरत से सिर्फ मोदी-शाह को फायदा होगा, जनता को नहीं।” नालंदा की इस सभा में राहुल गांधी के बयानों से बिहार का राजनीतिक माहौल अचानक गरम हो गया है और भाजपा ने इसे देश के प्रधानमंत्री का अपमान बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है।




