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Bihar News : चनपटिया के पूर्व विधायक प्रकाश राय ने नामांकन वापस लिया, अब बदल सकते हैं चुनावी समीकरण

Bihar news in hindi : निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे थे, 2015 में BJP के टिकट पर जीते थे, अब क्षेत्र की राजनीति में नया मोड़

Former MLA Prakash Rai withdraws nomination from Chanpatia assembly constituency | Bihar News

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पश्चिम चंपारण जिले की चनपटिया विधानसभा सीट पर गुरुवार को बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला। क्षेत्र के चर्चित नेता और पूर्व विधायक प्रकाश राय ने अपना नामांकन वापस लेकर सबको चौंका दिया। उन्होंने इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल किया था। प्रकाश राय का यह कदम क्षेत्रीय राजनीति में एक अप्रत्याशित मोड़ लेकर आया है।
प्रकाश राय का राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। वर्ष 2015 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर चनपटिया से जीत दर्ज की थी। वे अपने क्षेत्र में विकास कार्यों और मजबूत जनसंपर्क के लिए जाने जाते रहे हैं। हालांकि 2020 और 2025 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिससे नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया था।
लेकिन नामांकन वापसी के बाद अब उनके चुनाव लड़ने की संभावना खत्म हो गई है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व और स्थानीय समीकरणों को देखते हुए उन्होंने यह निर्णय विचारपूर्वक लिया। कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह फैसला न केवल भाजपा बल्कि पूरे क्षेत्र के मतदाता गणित पर गहरा असर डालेगा।

रणनीतिक बदलाव और राजनीतिक संदेश

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, प्रकाश राय का नामांकन वापस लेना महज एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं बल्कि एक रणनीतिक संकेत भी है। राजनीति विशेषज्ञ रोहित शेट्टी का कहना है कि इस कदम से भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ हो सकता है, क्योंकि उनके निर्दलीय रूप में मैदान में उतरने से वोटों का विभाजन संभव था। अब उनके हटने से मुख्य दलों के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना बढ़ गई है।
इस घटनाक्रम ने यह भी स्पष्ट किया है कि बागी नेताओं के निर्णय किस तरह से क्षेत्रीय राजनीति की दिशा बदल सकते हैं। चनपटिया विधानसभा क्षेत्र पहले से ही राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता है। यहां 2015 से लगातार चुनावी मुकाबले बेहद नजदीकी रहे हैं, और मतदाता जातीय व सामाजिक समीकरणों के आधार पर अपना रुख बदलते रहे हैं।
स्थानीय राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि प्रकाश राय का यह फैसला उनके समर्थकों के लिए अप्रत्याशित था। कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम किसी उच्चस्तरीय बातचीत का परिणाम हो सकता है, जबकि अन्य इसे व्यक्तिगत रणनीति बता रहे हैं। बावजूद इसके, क्षेत्र में राजनीतिक चर्चाएं तेज हैं कि इस नामांकन वापसी से चुनावी हवा का रुख बदल सकता है

क्षेत्रीय राजनीति में नए समीकरणों की संभावना

प्रकाश राय के नामांकन वापस लेने के बाद चनपटिया विधानसभा क्षेत्र में अब प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच सीधा मुकाबला तय माना जा रहा है। निर्दलीय उम्मीदवारों के विकल्प सीमित हो गए हैं, जिससे अब मुकाबला और अधिक तीव्र होने की उम्मीद है।
स्थानीय विश्लेषकों का मानना है कि राय के पास अच्छी खासी जनाधार वाली छवि थी, और उनके चुनावी मैदान से हटने के बाद उनके समर्थक किस ओर रुख करेंगे, यह आने वाले दिनों में चुनावी तस्वीर तय करेगा। कई मतदाता उन्हें एक साफ-सुथरी छवि वाले नेता के रूप में देखते हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में विकास की पहल की थी।
यह घटना सिर्फ एक नामांकन वापसी नहीं, बल्कि चनपटिया के चुनावी परिदृश्य में राजनीतिक पुनर्संयोजन की शुरुआत मानी जा रही है। अब देखना होगा कि उनके निर्णय का असर किस दल को लाभ या नुकसान पहुंचाता है। गुरुवार को हुई यह घटना न केवल प्रकाश राय के राजनीतिक करियर में अहम मोड़ लेकर आई है, बल्कि आने वाले विधानसभा परिणामों पर भी इसका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ सकता है।

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