प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अक्टूबर को समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम में अपनी चुनावी रैली का आयोजन किया, जिसमें हजारों की भीड़ ने हिस्सा लिया। करीब 45 मिनट तक चले भाषण में पीएम मोदी ने RJD पर आक्रामक हमला बोलते हुए जंगलराज, भ्रष्टाचार और परिवारवाद के मुद्दों को उठाया। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों और विकास परियोजनाओं का जिक्र भी किया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, कर्पूरी ग्राम का चुनाव इस दृष्टि से महत्वपूर्ण था कि यह बिहार में EBC और पिछड़े वर्गों के बड़े वोट बैंक का केंद्र है। पीएम मोदी ने भाषण में खुद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पिछड़े वर्ग और गरीब परिवारों से जुड़े नेता के रूप में प्रस्तुत करते हुए यह संदेश दिया कि NDA ही कर्पूरी ठाकुर की विरासत का वास्तविक उत्तराधिकारी है।
RJD पर निशाना और स्थानीय प्रतिक्रिया
भाषण में पीएम मोदी ने RJD पर कर्पूरी ठाकुर की विरासत छीनने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि RJD के नेता जननायक कर्पूरी बाबू की उपाधि का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं और बिहार के लोग इसे कभी सहन नहीं करेंगे। यह रणनीति EBC वोटों में सेंधमारी को रोकने और NDA के समर्थक गठबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई। वहीं स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई। कुछ बुजुर्ग इसे सम्मान का प्रतीक मानते हैं, जबकि कई इसे चुनावी राजनीति के रूप में देखते हैं। कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति ठाकुर ने भी अपने बयान में स्पष्ट किया कि असली सम्मान तब होगा जब समस्तीपुर की बंद मिलें खुलेंगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, न कि केवल चुनावी रैलियों के लिए उनके नाम का इस्तेमाल होगा।
भाषण के प्रतीक और चुनावी मायने
पीएम मोदी ने भाषण में स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दों का मिश्रण पेश किया। उन्होंने ‘लालटेन’ और ‘मोबाइल फ्लैशलाइट’ का विजुअल इस्तेमाल करके RJD और जंगलराज के खिलाफ संदेश दिया, वहीं मिथिला के मखाना उत्पाद और महिला रोजगार योजना को अपनी उपलब्धियों के रूप में दिखाया। हालांकि समस्तीपुर की बंद जूट मिल और भोला टॉकीज के जाम जैसे वास्तविक समस्याओं पर उन्होंने चुप्पी साधी। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह रणनीति दोहरी है: एक ओर EBC वोट बैंक को मजबूत करना और JDU के कमजोर पड़े क्षेत्र में NDA की एकजुटता दिखाना, वहीं दूसरी ओर स्थानीय मुद्दों की अनदेखी कर विपक्ष को आलोचना का अवसर देना। पीएम मोदी की इस रैली से स्पष्ट संदेश गया कि NDA कर्पूरी ठाकुर की विरासत और विकास की प्राथमिकता को जोड़कर चुनावी मैदान में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।




