भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है, जबकि उनकी पत्नी ज्योति सिंह काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। इस विषय पर भाजपा सांसद और अभिनेता मनोज तिवारी ने शुक्रवार को बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि पवन सिंह विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लेना चाहते, क्योंकि उनका लक्ष्य सांसद बनना है। मनोज तिवारी ने आगे बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पवन सिंह को आसनसोल से टिकट दिलवाया गया था और भविष्य में भी उन्हें सही सीट से चुनाव लड़वाया जाएगा। इस बयान के साथ यह साफ हो गया कि पवन सिंह का राजनीतिक फोकस फिलहाल विधानसभा पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर है।
ज्योति सिंह का चुनाव प्रचार और समर्थन
ज्योति सिंह काराकाट सीट पर घर-घर जाकर वोट मांग रही हैं। उन्होंने बिहार के लोकप्रिय भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव से मदद की गुहार भी लगाई है। खेसारी लाल ने अपने समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा कि जब भी आवश्यकता होगी, वह प्रचार में शामिल होंगे। इसके अलावा ज्योति ने 23 अक्टूबर को चुनावी खर्च के लिए जनता से आर्थिक मदद की अपील भी की थी, और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अकाउंट नंबर साझा किया। हालांकि इस अपील पर जनता का मिला-जुला रिएक्शन देखने को मिला। रोड शो के दौरान ज्योति सिंह को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिला, जिससे उनकी चुनावी तैयारी और प्रचार में तेजी आई।
पवन-ज्योति विवाद और उनके बयानों का परिप्रेक्ष्य
पवन सिंह और ज्योति सिंह के बीच पिछले महीनों में व्यक्तिगत और राजनीतिक तनाव देखने को मिला। 5 अक्टूबर को लखनऊ स्थित पवन सिंह के फ्लैट में ज्योति सिंह ने उनसे मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी परेशानियों का वीडियो साझा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पवन सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें नजरअंदाज किया और अन्य महिलाओं के साथ समय बिताया। पवन सिंह ने इसके जवाब में कहा कि परिवारिक मुद्दे घर के भीतर ही सुलझाए जाते हैं और मीडिया में जो कुछ दिखाया गया वह वास्तविकता का पूरा चित्र नहीं है। अभिनेता ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने ज्योति सिंह के सम्मान की दृष्टि से उन्हें बातचीत के लिए बुलाया और उनका कोई दुरुपयोग नहीं किया गया। इसके साथ ही उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस मामले में तथ्य और अफवाह में अंतर समझें। इस विवाद और खुलासों के बीच ज्योति सिंह चुनाव प्रचार जारी रख रही हैं, जबकि पवन सिंह इस चुनावी प्रक्रिया से दूर हैं।




