Hindi News / State / Bihar / पवन खेड़ा का बिहार में सियासी वार: बोले- नफरत नहीं, मोहब्बत से बदलेगा बिहार, एनडीए ने 20 साल में जनता को सिर्फ धोखा दिया

पवन खेड़ा का बिहार में सियासी वार: बोले- नफरत नहीं, मोहब्बत से बदलेगा बिहार, एनडीए ने 20 साल में जनता को सिर्फ धोखा दिया

नालंदा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर बोला हमला, कहा – बिहार को जानबूझकर पिछड़ा रखा गया

Pawan Khera addressing press conference in Nalanda Bihar | Bihar News

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार के आखिरी दिन नालंदा में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला। इस दौरान उनके साथ बिहार शरीफ विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी उमैर खान भी मौजूद थे। पवन खेड़ा ने कहा कि अब बिहार की जनता को 20 साल का हिसाब मांगना चाहिए, क्योंकि इतने वर्षों में राज्य की दिशा और दशा दोनों बिगड़ी है। उन्होंने कहा कि जब किसी के पास काम की उपलब्धियां नहीं होतीं, तो वह जनता का ध्यान भटकाने के लिए नफरत की राजनीति करने लगता है। पिछले दो दशकों से बिहार और केंद्र दोनों जगह एनडीए की सत्ता रही है, लेकिन राज्य आज भी बेरोजगारी, गरीबी और बदहाल इंफ्रास्ट्रक्चर से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारें बदलती रहीं, लेकिन बिहार की हालत जस की तस रही क्योंकि सत्ता में बैठे लोगों की मंशा ही विकास की नहीं थी। पवन खेड़ा ने कहा कि जब किसी के पास रिपोर्ट कार्ड नहीं होता तो वह गाली और घृणा की भाषा बोलता है। यही इस सरकार की पहचान बन चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में हर चुनाव के वक्त वही पुरानी बातें दोहराई जाती हैं, लेकिन जनता के जीवन में कोई सुधार नहीं हुआ। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि जब नफरत की राजनीति चरम पर थी, तब राहुल गांधी ने मोहब्बत की यात्रा शुरू कर देश को एकजुट करने का संदेश दिया। बिहार जैसे राज्य में भी अब यही संदेश फैलाना जरूरी है क्योंकि यहां जनता थक चुकी है झूठे वादों और खोखली घोषणाओं से।

एनडीए सरकार पर खेड़ा का प्रहार, कहा- घोटालों और भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है तंत्र

प्रेस वार्ता के दौरान पवन खेड़ा ने एनडीए सरकार के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र में 62 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है और सीएजी की रिपोर्ट में 70 हजार करोड़ रुपए के एक और भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि जनता का ध्यान हटाने के लिए आखिर में लोगों के खातों में 10-10 हजार रुपये डाल दिए जा रहे हैं ताकि आखिरी वक्त में वोट खरीदे जा सकें। उन्होंने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 वर्षों में दिल्ली पूरी तरह बदल गई थी, जबकि बिहार को 20 साल मिले फिर भी यहां कुछ नहीं बदला। यह दिखाता है कि सत्ताधारी दल ने बिहार को जानबूझकर पिछड़ा रखा ताकि लोग हमेशा सरकारी योजनाओं पर निर्भर रहें और सवाल न करें। पवन खेड़ा ने कहा कि बिहार में विकास की जगह राजनीतिक नाटक किए जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि अब तो खुद मुख्यमंत्री को भी बोलने नहीं दिया जा रहा। प्रधानमंत्री के रोड शो में उन्हें साथ नहीं बैठाया गया और मेनिफेस्टो लॉन्च की प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ 36 सेकंड में खत्म हो गई। नीतीश बाबू के मुंह पर कपड़ा बांध दिया गया है कि कहीं कुछ ऐसा न कह दें जो सत्ताधारी गठबंधन को असहज कर दे। उन्होंने कहा कि क्या बिहार को ऐसी सरकार चाहिए जहां मुख्यमंत्री खुद कैद में हों और फैसले दिल्ली से तय किए जाएं। उन्होंने कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकारों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जनता से किए गए वादों को हमने निभाया है। कांग्रेस की सरकारें अपनी गारंटियों पर अमल करती हैं और यही फर्क हमें बीजेपी से अलग बनाता है। उन्होंने घोषणा की कि अगर बिहार में कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनती है तो मकर संक्रांति के दिन से महिलाओं के खातों में तीन हजार रुपये मासिक राशि देना शुरू किया जाएगा।

पवन खेड़ा ने दिया एकता और मोहब्बत का संदेश, बोले- बिहार जब करवट लेता है तो देश बदलता है

पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में भावनात्मक अंदाज में कहा कि बिहार एक मृदुभाषी प्रदेश है, यहां के लोग कटुता नहीं बल्कि संवाद में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में जिस तरह की भाषा प्रधानमंत्री और सत्ताधारी नेताओं ने इस्तेमाल की है, वह बिहार की संस्कृति के खिलाफ है। बिहार कभी नफरत की राजनीति को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता बदलने का नहीं बल्कि सोच बदलने का चुनाव है। अब बिहार को तय करना होगा कि वह नफरत की राह चुनेगा या मोहब्बत की। पवन खेड़ा ने एनडीए नेताओं पर राजनीतिक परिवारों को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जय शाह, राजनाथ सिंह के पुत्र, अनुराग ठाकुर और वसुंधरा राजे के बेटे सभी राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन जब कांग्रेस के किसी नेता का परिवार राजनीति में आता है तो ये लोग परिवारवाद का आरोप लगाने लगते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या अमित शाह गृह मंत्री नहीं होते तो जय शाह बीसीसीआई में होते? उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा संविधान के रास्ते पर चलती है और हर समाज के लोगों को समान अवसर देने में विश्वास रखती है। कांग्रेस ने ही बिहार को अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री दिया था और राजस्थान में बरकतुल्लाह साहब को नेतृत्व सौंपा था। यही हमारी विचारधारा है – समानता और समावेशिता। उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी धार्मिक गुरु से इस तरह की भाषा की उम्मीद नहीं की जाती। अगर कोई खुद को ‘जोगी’ कहता है तो उसे अपने शब्दों में संयम रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार अब करवट ले रहा है और जब बिहार बदलता है, तो उसका असर पूरे देश पर पड़ता है। इसलिए अब समय आ गया है कि बिहार के मतदाता इतनी बड़ी जीत दें कि किसी को चोरी करने की गुंजाइश तक न मिले। 20 साल का जो धोखा हुआ है, अब उसका जवाब लोकतंत्र के माध्यम से देना होगा और बिहार को नफरत नहीं, मोहब्बत से बदलना होगा।

ये भी पढ़ें:  Bihar News : चनपटिया के पूर्व विधायक प्रकाश राय ने नामांकन वापस लिया, अब बदल सकते हैं चुनावी समीकरण
Share to...