प्रेक्षक एम.आई. पटेल ने कैमूर जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र (विधानसभा संख्या 206) में स्थित ईवीएम कलेक्शन सेंटर व मतगणना केंद्र का निरीक्षण कर निर्वाचन तैयारियों का विस्तृत आकलन किया। उनके साथ चैनपुर के जोनल अधिकारी, रिटर्निंग ऑफिसर/डीसीएलआर भभुआ तथा संबंधित औधोगिक पदाधिकारी और एसडीएम मोहनिया मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान प्रेक्षक ने केंद्र के प्रवेश-मुख, बैरिकेडिंग स्कीम, सीसीटीवी कैमरों की कवरेज और उनकी कार्यप्रणाली, नियंत्रण कक्ष की स्थिति, स्ट्रॉन्ग रूम व ईवीएम भंडारण स्थलों की सुरक्षा तथा बिजली आपूर्ति की स्वतंत्रता से जांच की। प्रेक्षक ने विशेष बलों की तैनाती, आपातकालीन संचार व्यवस्था, मॉक-ड्रिल्स और कंटिन्जेंसी प्लान पर भी सवाल उठाये ताकि मतगणना के दिन किसी भी प्रकार की तकनीकी या सुरक्षा विफलता से बचा जा सके। उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि सभी सुरक्षा उपकरण और निगरानी प्रणाली समय से पहले सक्रिय कर दी जाएँ तथा सीसीटीवी फुटेज रीअल-टाइम में कंट्रोल रूम से मॉनिटर किया जाना सुनिश्चित किया जाए ताकि किसी भी अनाधिकृत गतिविधि का त्वरित पता लग सके। प्रेक्षक ने यह भी कहा कि मतगणना केंद्र के अंदर और उसके आसपास बैरिकेडिंग का ऐसा समुचित वितरण रखा जाए कि सीमित मार्गों पर ही प्रविष्टि-निकासी हो और प्रवाह नियंत्रित रहे, साथ ही मीडिया और पर्यवेक्षकों के लिए अलग एप्रोच और प्रवेश बिंदु पूर्व निर्धारित किये जाएँ।
सुरक्षा, तकनीकी व्यवस्था और मतगणना संचालन के लिए दिए गए निर्देश
निरीक्षण के अवसर पर प्रेक्षक पटेल ने यह स्पष्ट किया कि निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए तकनीकी तथा मानवीय संसाधनों की पेशेवर तैनाती अपरिहार्य है। उन्होंने स्ट्रॉन्ग रूम की लॉकिंग, ईवीएम की सीरियल वेरिफिकेशन, कंट्रोल रूम में बैक-अप पावर तथा ईएमपी/साइबर सुरक्षा उपायों की डबल जाँच करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही मतगणना के दौरान निर्वाचन अधिकारियों, कर्मचारी और सुरक्षा बलों के बीच स्पष्ट रोल-डिस्ट्रिब्यूशन चाहिए ताकि किसी स्थिति में कन्फ्यूजन न हो। प्रेक्षक ने यह आग्रह भी किया कि मतगणना से पहले एक पूर्ण मॉक रन किया जाए जिसमें सीसीटीवी रेकॉर्डिंग, तैनात स्टाफ का रोल-प्ले और संभावित आपातकालीन परिदृश्यों का अभ्यास शामिल हो ताकि वास्तविक दिन पर सब कुछ सुचारु रूप से चल सके। मीडिया प्रतिनिधियों के प्रवेश, कैमरा पोजीशनिंग और दर्शनीय क्षेत्रों के लिए अलग कंट्रोल प्वाइंट बनाये जाने पर भी उन्होंने जोर दिया ताकि मतगणना के दौरान पारदर्शिता बनी रहे और साथ ही सुरक्षा मानकों का उल्लंघन न हो। प्रेक्षक ने यह भी निर्देश दिये कि गणना के स्थलों पर आवश्यक स्वास्थ्य-सुरक्षा प्रावधान और तोड़-फोड़ की रोकथाम के लिए तेज़ प्रतिक्रिया दलों को तैयार रखा जाए तथा स्थानीय पुलिस पीठ पर नियमित समन्वय बैठकों का आयोजन कर के सभी विभागों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान सुनिश्चित किया जाए।
समन्वय, समयसीमा और अंतिम तैयारियों पर जोर – अधिकारियों को कड़े निर्देश
प्रेक्षक ने निरीक्षण के अंतिम चरण में अधिकारियों को मतगणना केंद्र की सभी तैयारियों को समय पर समाप्त करने का कड़ा निर्देश दिया और कहा कि निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन होना चाहिए। उन्होंने सर्वसमावेशी समन्वय की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी, तकनीकी टीम, सुरक्षा बल और मेडिकल/लॉजिस्टिक सहायता दल एकीकृत योजना के अंतर्गत काम करें। प्रेक्षक ने यह भी कहा कि गणना के दिन किसी भी तरह की देरी या तकनीकी बाधा से बचने के लिए अंतिम तकनीकी चेकलिस्ट और टेस्टिंग रजिस्टर उपलब्ध होना चाहिए और चुनावी स्टाफ को तत्काल संपर्क हेतु एक स्पष्ट कम्युनिकेशन चैनल दिये जाने चाहिए। निरीक्षण के दौरान उपस्थित नोडल अधिकारी, अभियंतागण और अन्य पदाधिकारियों ने तैयारियों की स्थिति पर विस्तृत ब्रीफिंग दी, जिस पर प्रेक्षक ने संतोष जताया, परन्तु सभी ने मिलकर एक बार अंतिम टेस्टिंग व मॉक-ड्रिल पूरी करने पर सहमति दी। प्रेक्षक ने विशेष रूप से यह कहा कि मतगणना के दिन नागरिक सुविधा, मीडिया कवरेज और सत्यापन प्रक्रिया के बीच संतुलन बनाए रखा जाए ताकि प्रक्रिया की निष्पक्षता और जनता के भरोसे पर कोई आंच न आए। अंततः प्रेक्षक ने कहा कि यदि निरीक्षण के पश्चात किसी भी तकनीकी पहलू या सुरक्षा गेप की पहचान होती है तो उसे तुरंत दुरुस्त कर, पुनः जाँच कर के ही केंद्र को ऑपरेशनल घोषित किया जाए।




