बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के मतदान के बीच पटना में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गईं। मंगलवार को जब राज्य की 122 सीटों पर वोटिंग जारी थी, उसी दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में जदयू के केंद्रीय नेतृत्व से मिलने पहुंचे। उन्होंने पहले केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से उनके आवास पर मुलाकात की और फिर सीधे जदयू के प्रदेश कार्यालय पहुंचे। पार्टी कार्यालय में मुख्यमंत्री ने वॉर रूम की तैयारियों का जायजा लिया जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और अन्य प्रमुख रणनीतिकार पहले से मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में अब तक हुई वोटिंग की समीक्षा और अंतिम चरण की रणनीति पर चर्चा की गई। मतदान के बीच मुख्यमंत्री का यह दौरा पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने वाला कदम माना जा रहा है। वहीं पटना की दीवारों पर सोमवार से लगे नए पोस्टर-“25 से 30, फिर से नीतीश”-ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है।
विजय चौधरी का बयान – राज्यपाल नीतीश को ही दिलाएंगे शपथ, विपक्ष के दावे पर तंज
जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विपक्ष के दावों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। तेजस्वी यादव के ‘शपथ ग्रहण’ संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि यह विपक्ष की कल्पना मात्र है। चौधरी ने कहा, “उनकी मर्जी जब चाहे शपथ ले लें, लेकिन बिहार के राज्यपाल मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार को ही शपथ दिलाएंगे।” इस बयान से स्पष्ट है कि जदयू अपनी जीत को लेकर आत्मविश्वास से भरी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए गठबंधन को जनता का भारी समर्थन मिला है और दूसरे चरण में भी एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में मजबूत मतदान देखा जा रहा है। चौधरी ने कांग्रेस और राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के नेता हार के डर से पहले ही हताश हो चुके हैं। उन्होंने कहा, “जहां जदयू के प्रत्याशी नहीं हैं, वहां लालटेन छाप को वोट देने की बात कांग्रेस कैसे तय कर सकती है? हमारी पार्टी अपने सिद्धांतों और फैसलों में पूरी तरह स्वतंत्र है।”
वोटिंग के बीच बढ़ा राजनीतिक तापमान, एनडीए में उत्साह और विपक्ष में असमंजस
दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान पूरे बिहार में राजनीतिक माहौल बेहद गर्म रहा। राजधानी पटना से लेकर सीमांचल और मगध क्षेत्रों तक मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं। एनडीए और जदयू के कार्यकर्ता मतदाताओं को जागरूक करने में जुटे रहे। वहीं, सीएम नीतीश कुमार का वॉर रूम दौरा चुनाव के मध्य एक अहम संकेत माना जा रहा है, जिससे पार्टी संगठन और उम्मीदवारों को मनोबल मिला है। जदयू ऑफिस के भीतर कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार के आगमन पर नारे लगाए और “फिर से नीतीश सरकार” के जयकारे लगाए। पार्टी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जिलेवार रिपोर्ट ली और मतदाता टर्नआउट का विश्लेषण किया। इस दौरान उन्होंने पार्टी के डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम को भी देखा जहां से बूथ-स्तरीय आंकड़े एकत्र किए जा रहे थे। दूसरी ओर, विपक्षी महागठबंधन में मतदाता रुझानों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सोशल मीडिया पर चल रहे पोस्टरों और नारों ने दोनों पक्षों के बीच मनोवैज्ञानिक जंग को और तेज कर दिया है। अब सभी की नजरें 25 से 30 नवंबर के बीच होने वाले शेष चरणों और मतगणना की तारीख पर टिकी हैं, जब यह स्पष्ट होगा कि क्या सचमुच बिहार की जनता “फिर से नीतीश” के नारे को साकार करेगी या विपक्ष को नई ताकत मिलेगी। फिलहाल, मतदान के बीच सीएम नीतीश की सक्रियता ने राजनीतिक हलचल को चरम पर पहुंचा दिया है और एनडीए खेमे में जीत का भरोसा पहले से कहीं अधिक मजबूत दिख रहा है।




