किशनगंज के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से एनडीए के LJP(R) प्रत्याशी मोहम्मद कलीमुद्दीन ने सोशल मीडिया पर उनके नामांकन रद्द होने की खबरों को पूरी तरह से झूठा बताया। बुधवार देर रात क्षेत्र भ्रमण के दौरान उन्होंने बहादुरगंज की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने अपने नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली है और स्क्रूटनी के दौरान भी उनका नामांकन सफल रहा। कलीमुद्दीन ने यह स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता बहादुरगंज को अनुमंडल बनाने और क्षेत्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है।
नामांकन प्रक्रिया और सोशल मीडिया पर भ्रम
कलीमुद्दीन ने बताया कि नामांकन दाखिल करते समय कई प्रतियां जमा की जाती हैं, जिसमें से उनकी दो प्रतियां जमा हुई थीं। इनमें से एक प्रतिका स्वीकार की गई और दूसरी खारिज हो गई, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि उनका नामांकन असफल हुआ। उन्होंने सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों को विपक्षी दलों द्वारा जानबूझकर फैलाया गया भ्रम करार दिया। उनके अनुसार, यह स्थिति जनता को गुमराह करने के लिए बनाई गई थी, जबकि उनका उद्देश्य केवल क्षेत्र की भलाई और विकास है।
सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जनता के बीच सक्रिय भूमिका
मोहम्मद कलीमुद्दीन ने खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों के अनुभव ने उन्हें यह सिखाया है कि जनता ही असली मालिक है। इसी विश्वास के साथ वे अपने ‘मालिक’ यानी जनता के बीच जाकर उनके मुद्दों और समस्याओं को सामने रख रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका कोई व्यक्तिगत टकराव विपक्षियों से नहीं है और वे केवल क्षेत्र के विकास और लोगों के हित के लिए काम कर रहे हैं। कलीमुद्दीन ने जनता से अपील की कि वे उनके काम और दृष्टिकोण को समझते हुए भरोसे के साथ समर्थन दें।
मोहम्मद कलीमुद्दीन ने नामांकन रद्द होने की अफवाहों को पूरी तरह खारिज कर दिया और विपक्ष पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए अपनी चुनावी तैयारियों और जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।




