इस्तीफे की वजह और नाराजगी
भागलपुर से जेडीयू सांसद अजय मंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लोकसभा सदस्य पद से इस्तीफा भेजा है। अपने पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव 2025 में टिकट बंटवारे में उनकी सलाह नहीं ली गई और स्थानीय संगठन तथा जिला नेतृत्व ने उनकी अनदेखी की है। अजय मंडल ने यह भी लिखा कि 2019 में जिन सीटों पर उन्होंने उम्मीदवारों की सिफारिश की थी, उनकी जीत हुई थी, लेकिन अब उन पर उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने पार्टी में वर्षों से निभाई गई निष्ठा और ईमानदारी का हवाला देते हुए इसे दुखद स्थिति बताया।
पार्टी और स्थानीय नेतृत्व पर असंतोष
अजय मंडल ने पत्र में आगे कहा कि पार्टी के प्रति उन्होंने पूर्ण निष्ठा के साथ काम किया, लेकिन अब स्थानीय संगठन और जिला नेतृत्व उनके योगदान की अनदेखी कर रहा है। उन्हें यह देखकर निराशा हुई कि जो लोग वर्षों से वफादारी से काम कर रहे हैं, उन्हें दरकिनार किया जा रहा है, जबकि बिना किसी विशेष योगदान वाले कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जा रहा है। सांसद ने यह भी चेतावनी दी कि इस तरह का पक्षपात और मनमानी भविष्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को कमजोर कर सकता है।
राजनीतिक हलचल और संभावित परिणाम
अजय मंडल का इस्तीफा और उनके पत्र के सार्वजनिक होने के बाद भागलपुर की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। हालांकि उन्होंने अभी औपचारिक रूप से लोकसभा से इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन इस कदम ने जेडीयू के भीतर चल रही गुटबाजी और टिकट वितरण को लेकर असंतोष को उजागर कर दिया है। अजय मंडल ने अपने पत्र में पार्टी नेतृत्व से आग्रह किया है कि वफादार कार्यकर्ताओं के साथ न्याय किया जाए और उनके अनुरोध पर इस्तीफा देने की अनुमति प्रदान की जाए। इस घटना के बाद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पार्टी के भीतर संभावित मतभेद और रणनीतिक बदलाव पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना है।