बिहार विधानसभा आम चुनाव 2025 के दूसरे चरण के मतदान को लेकर सुपौल जिले में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रविवार शाम जिलाधिकारी सावन कुमार और पुलिस अधीक्षक शरथ आर.एस. ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर जिले की चुनावी व्यवस्था की विस्तृत जानकारी दी। डीएम ने बताया कि जिले की सभी पांच विधानसभा सीटों-निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज (अ.जा.) और छातापुर-पर 11 नवंबर को मतदान होगा। मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चलेगा। इस दौरान प्रशासन ने मतदाताओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम कर लिए हैं। डीएम ने कहा कि जिले के मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए सड़क और परिवहन की व्यवस्था की समीक्षा की गई है ताकि किसी भी मतदाता को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत सभी मतदान कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है और पोलिंग पार्टियां मतदान से पहले अपने-अपने बूथों पर पहुंच जाएंगी। मतगणना 14 नवंबर को बी.एस.एस. कॉलेज, सुपौल में की जाएगी, जिसके लिए भी तैयारी अंतिम चरण में है। प्रशासन ने साफ किया है कि निष्पक्षता और पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता होगी और मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या आचार संहिता उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
शांतिपूर्ण मतदान के लिए भारत-नेपाल बॉर्डर सील, सुरक्षा बलों की तैनाती
सुपौल जिला नेपाल की सीमा से सटा होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से हमेशा संवेदनशील रहा है। इस बार भी चुनाव को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने विशेष सतर्कता बरती है। पुलिस अधीक्षक शरथ आर.एस. ने बताया कि भारत-नेपाल बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अवैध आवाजाही, तस्करी या संदिग्ध गतिविधि पर रोक लगाई जा सके। सीमावर्ती क्षेत्रों में सशस्त्र बलों और एसएसबी के जवानों को अतिरिक्त रूप से तैनात किया गया है। बॉर्डर पर सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन सर्विलांस और पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में बाहरी तत्वों को जिले की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इसके अलावा मतदान वाले दिन शराबबंदी सख्ती से लागू रहेगी, सभी होटलों, ढाबों और सार्वजनिक स्थानों पर जांच अभियान जारी रहेगा। पुलिस ने अब तक सैकड़ों संदिग्ध वाहनों और लोगों की जांच की है और कई इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया गया है। एसपी ने स्पष्ट किया कि सुपौल जिला प्रशासन पूरी तरह सजग है और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
प्रचार थमा, अब मतदान पर फोकस, प्रशासन की अपील- घर से निकलें और करें मतदान
रविवार शाम प्रचार अवधि समाप्त होने के साथ ही अब उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों पर आचार संहिता के नियम पूरी तरह लागू हो गए हैं। जिलाधिकारी सावन कुमार ने कहा कि अब किसी भी प्रकार का प्रचार-प्रसार या रैली करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और इसके लिए विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन का लक्ष्य अधिकतम मतदान सुनिश्चित करना है। इसके लिए मतदाताओं को जागरूक करने के उद्देश्य से कई अभियान चलाए गए हैं, जिनमें युवा मतदाताओं और पहली बार वोट डालने वालों की विशेष भागीदारी रही। प्रशासन ने महिला मतदान केंद्रों, दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था और सुरक्षा कर्मियों के मतदान हेतु पोस्टल बैलेट की व्यवस्था भी की है। सभी बूथों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और निगरानी टीमों को सक्रिय किया गया है ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। डीएम ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे मतदान के दिन घर से निकलकर लोकतंत्र के इस पर्व में भाग लें और अपने मताधिकार का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने मतदाताओं की सुरक्षा, सुविधा और निष्पक्षता की पूरी गारंटी दी है, अब जिम्मेदारी नागरिकों की है कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाएं। सुपौल में अब चुनावी माहौल पूरी तरह शांत है और मतदाता 11 नवंबर को अपने प्रतिनिधियों के चयन के लिए मतदान करने को तैयार हैं।




