बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण से ठीक पहले दरभंगा जिले के जाले विधानसभा क्षेत्र में एक नया विवाद उभर कर सामने आया है। भाजपा की कानूनी टीम ने ‘वॉयस ऑफ जाले’ नामक फेसबुक पेज पर आचार संहिता उल्लंघन का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला जाले से एनडीए प्रत्याशी और राज्य सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा से जुड़ा हुआ है। भाजपा का कहना है कि उक्त पेज पर एक वीडियो प्रसारित किया गया, जिसमें मंत्री मिश्रा पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘दवा चोर’ कहा गया। पार्टी ने इस वीडियो को चुनावी माहौल को प्रभावित करने वाला बताते हुए इसे आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन बताया है। भाजपा प्रदेश कार्यालय की लीगल टीम ने इस मामले को लेकर 2 नवंबर 2025 को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार को लिखित शिकायत भेजी थी। शिकायत में कहा गया कि वीडियो जानबूझकर प्रसारित किया गया ताकि मतदाताओं के बीच गलत संदेश फैलाया जा सके और प्रत्याशी की छवि को नुकसान पहुंचे। इस शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी दरभंगा को जांच के निर्देश दिए।
जिला प्रशासन ने की कार्रवाई, जाले थाना में दर्ज हुई प्राथमिकी
भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग की ओर से तुरंत कार्रवाई की गई। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सेक्टर संख्या 06 के सेक्टर मजिस्ट्रेट रामचंद्र दास को मामले की जांच और विधिक कार्रवाई के निर्देश दिए। आदेश मिलने के बाद सेक्टर मजिस्ट्रेट ने जाले थाना में आवेदन दिया, जिसके आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली। यह मामला जाले थाना कांड संख्या 209/25 के तहत दर्ज हुआ है। एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि करते हुए थाना प्रभारी संदीप कुमार पाल ने बताया कि प्राप्त आवेदन के आधार पर कार्रवाई की गई है और जांच का दायित्व एसआई दीपांशु शेखर को सौंपा गया है। अब मामले की आगे की दिशा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के निर्णय पर निर्भर करेगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामले में सोशल मीडिया गतिविधियों की तकनीकी जांच भी कराई जा सकती है ताकि यह पता चल सके कि वीडियो का स्रोत क्या था और इसके पीछे किन लोगों की भूमिका रही। वहीं भाजपा की कानूनी टीम ने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि वीडियो के प्रसारण का समय आचार संहिता लागू होने की अवधि में था, जिससे यह मामला और गंभीर बन जाता है। उन्होंने इसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और आईटी अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा की शिकायत से बढ़ी सियासी गर्मी
इस प्रकरण के सामने आने के बाद दरभंगा और आसपास के इलाकों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा का कहना है कि विपक्षी गुट सोशल मीडिया के माध्यम से गलत प्रचार कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा दबाव बनाकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करना चाहती है। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ‘वॉयस ऑफ जाले’ पेज को संचालित कौन करता है और वीडियो का स्रोत कहां से आया। पुलिस ने इस दिशा में तकनीकी जांच शुरू कर दी है और फेसबुक पेज से जुड़े डेटा की जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं चुनाव आयोग इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है और कहा जा रहा है कि रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के सोशल मीडिया विवाद चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए आयोग को कड़े कदम उठाने चाहिए ताकि डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग न हो। जाले विधानसभा क्षेत्र में इस घटना ने न केवल चुनावी माहौल को गर्म कर दिया है बल्कि यह संदेश भी दिया है कि आगामी बिहार चुनाव में सोशल मीडिया का प्रभाव पहले से कहीं अधिक रहने वाला है। आने वाले दिनों में आयोग और पुलिस की कार्रवाई इस मामले की दिशा तय करेगी और यह भी स्पष्ट करेगी कि क्या सोशल मीडिया पर इस तरह के प्रचार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी उदाहरण स्थापित किया जाएगा या नहीं।




