दानापुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार यादव बनाम यादव की राजनीति देखने को मिल रही है। RJD के मौजूदा विधायक रीतलाल यादव फिलहाल जेल में हैं, जबकि BJP ने उनके खिलाफ पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके रामकृपाल यादव को मैदान में उतारा है। क्षेत्र में लगभग 22% आबादी यादवों की है, जो इस मुकाबले को और पेचीदा बना रही है। स्थानीय लोग कहते हैं कि रीतलाल यादव का जेल में होना उनके समर्थन को प्रभावित नहीं कर रहा, उनके काम और जमीन पर पकड़ के चलते कई लोग उनका समर्थन करना जारी रखेंगे। वहीं रामकृपाल यादव को बाहरी उम्मीदवार का टैग दिया जा रहा है। दानापुर में विकास, बेरोजगारी और जलजमाव मुख्य मुद्दे बने हुए हैं, और स्थानीय वोटर इन मुद्दों के आधार पर अपने वोट देने की तैयारी कर रहे हैं।
दानापुर के विभिन्न वार्डों के वोटर्स ने अपनी राय साझा की। वार्ड नंबर 7 के दीपक कुमार ने बताया कि क्षेत्र में रोजगार की कमी और विकास की धीमी गति से लोग परेशान हैं, लेकिन BJP के रामकृपाल यादव को बाहरी मानते हुए RJD को समर्थन देंगे। वहीं, पहली बार वोट डालने वाले युवा राजन कुमार ने नालियों, बिजली और सुरक्षा जैसी समस्याओं को प्राथमिकता बताते हुए तेजस्वी यादव की पार्टी को वोट देने की बात कही। कुछ युवा वोटर्स नोटा के विकल्प की ओर भी झुकाव दिखा रहे हैं। दूसरी ओर, बाजार के दुकानदार और मुस्लिम समुदाय के लोग रीतलाल यादव की जमीनी पकड़ और उनकी पहुंच को अहम मानते हैं। महिला वोटर्स महंगाई और सामाजिक सुविधाओं की कमी के बावजूद नीतीश कुमार और मोदी को समर्थन दे रही हैं, जबकि कुछ वरिष्ठ वोटर्स मिश्रित राय रखते हैं।
उम्मीदवारों का पक्ष और चुनाव की संभावना
RJD के पटना जिला प्रधान महासचिव अफरोज आलम ने कहा कि जेल में रहने के बावजूद रीतलाल यादव का प्रचार कार्यकर्ता संभालेंगे। उन्होंने बताया कि नगर परिषद का 2% टैक्स और जलजमाव सबसे बड़ी समस्या है, जिसे समाधान की आवश्यकता है। BJP के रामकृपाल यादव ने रीतलाल यादव पर गुंडागर्दी और रंगदारी के आरोप लगाए, साथ ही क्षेत्र के जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं को मुख्य मुद्दा बताया। चुनाव विशेषज्ञ चंद्रशेखर का मानना है कि इस बार का मुकाबला आसान नहीं है। शहरी क्षेत्रों में अपार्टमेंट बढ़ने और बाहरी लोगों के आने से वोट प्रतिशत में बदलाव हुआ है। उनका कहना है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार रीतलाल यादव के लिए जीत हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा, और दानापुर की राजनीति में कांटे की टक्कर की उम्मीद है।




