बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग और गठबंधन की राजनीति को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। इस बीच, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि “सुशासन बाबू अब दुशासन और दुर्योधन के गोद में बैठ गए हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अब भाजपा के साथ मिलकर उन्हीं गलत नीतियों के हिस्सेदार बन गए हैं, जिनके खिलाफ वह कभी खुद बोलते थे। लोंढे ने कहा, “जब नीतीश बाबू अकेले थे या हमारे साथ थे, तब जनता के साथ थे। मगर अब जब वे भाजपा के साथ हैं, तो बड़े-बड़े व्यापारियों के साथ हैं।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर नीतीश कुमार आज भी जनता के हित में सोचते, तो बिहार के किसानों की 1050 एकड़ जमीन अदानी समूह को नहीं दी जाती।
‘ऐसा कोई सगा नहीं जिसे मोदी-शाह की भाजपा ने ठगा नहीं’- कांग्रेस का तंज
कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि “ऐसा कोई सगा नहीं जिसे मोदी-शाह की भाजपा ने ठगा नहीं।” उन्होंने एनडीए को “नेशनल धोखेबाज एलायंस” करार दिया और कहा कि यह गठबंधन जनता से झूठे वादे करने और फिर उन्हें भूल जाने के लिए कुख्यात है। लोंढे ने आरोप लगाया कि भाजपा और नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार को उद्योगों से वंचित कर दिया है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “भाजपा ने बिहार को फैक्ट्री नहीं दी, मगर ट्रेनें बहुत दीं- ताकि मजदूर बाहर जाकर काम करें, लेकिन राज्य में रोजगार न बने।” कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भाजपा केवल अपने दो दोस्तों और गुजरात के कुछ उद्योगपतियों को ही लाभ पहुंचाती है, जबकि बिहार की जनता विकास और अवसरों से वंचित रह गई है।
‘नीतीश कुमार नजरबंद कैद में हैं’, कांग्रेस ने कहा – अब सीएम अपने ही लोगों से नहीं मिल पाते
अतुल लोंढे ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वह अब अपने ही सहयोगियों के ‘नजरबंद’ हो चुके हैं। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार को विजय चौधरी, ललन सिंह और संजय झा जैसे नेताओं ने घेर रखा है। ये लोग मुख्यमंत्री को जनता से मिलने नहीं देते। छोटे कार्यकर्ताओं से तो मुलाकात दूर की बात है, अब तो सांसद और विधायक भी खाली हाथ लौटते हैं।” कांग्रेस ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने पुराने आदर्शों और जनता से जुड़ी नीतियों को भुला दिया है। लोंढे ने 2005 की महिला उद्यमी योजना का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में महिलाओं पर 1 लाख करोड़ रुपए का माइक्रोफाइनेंस कर्ज है, जिसका जवाब नीतीश कुमार को देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश अब न जनता की सुनते हैं और न ही जनप्रतिनिधियों की। कांग्रेस ने कहा कि बिहार की जनता इस बार सबक सिखाने को तैयार है और आने वाले चुनावों में ‘जनता का सुशासन’ बनाम ‘व्यापारियों का शासन’ का फैसला करेगी।