बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस आज अपने उम्मीदवारों को सिंबल बांटने की प्रक्रिया पूरी कर सकती है। दिल्ली में दो दिन तक हाई कमान के साथ चली बैठक और उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा के बाद अब प्रदेश के वरिष्ठ नेता पटना पहुंचे हैं। पार्टी की कोशिश है कि चुनावी मैदान में उनके उम्मीदवार तैयार और मजबूत रूप से उतरें। जिन सीटों पर महागठबंधन के सहयोगियों के साथ बातचीत नहीं बन पाई है, वहां फ्रेंडली फाइट की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस इस बार सीटों की क्वालिटी और उम्मीदवारों की क्षमता को सर्वोपरि मान रही है और किसी भी प्रकार के समझौते के बजाय सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों पर ही दांव लगा रही है।
दिल्ली में हुई CEC बैठक और फैसले
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस की CEC बैठक में कुल 50 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगा दी गई। इनकी सूची आज बिहार में सार्वजनिक की जा सकती है। वहीं, बैठक में 25 और सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए गए हैं। पिछली बैठक में भी 25 सीटों के टिकट क्लियर हुए थे, लेकिन उनमें से 6-7 सीटों पर पुनः चर्चा करके उन्हें अंतिम रूप दिया गया। बैठक में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, अधीर रंजन चौधरी सहित प्रदेश के वरिष्ठ नेता शामिल थे।
राहुल गांधी की सुपर स्क्रीनिंग कमेटी की सलाह
बैठक में राहुल गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े और उन्होंने सुझाव दिया कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में दो-तीन संभावित उम्मीदवार हैं, उनके अंतिम चयन के लिए सुपर स्क्रीनिंग कमेटी बनाई जाए। इस कमेटी के माध्यम से यह तय किया जाएगा कि किस उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा जाए, ताकि किसी भी सीट पर विवाद या असहमति की स्थिति न बने।
क्वालिटी सीटों पर विशेष ध्यान
बैठक के बाद बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश राम ने कहा कि पार्टी के हिस्से की सभी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं। विशेष ध्यान क्वालिटी सीटों पर रखा गया है, जहां चुनावी जीत के लिए मजबूत और सक्षम उम्मीदवार आवश्यक हैं। पार्टी ने स्पष्ट किया कि किसी भी सीट पर उम्मीदवार के चयन में गुणवत्ता और चुनावी रणनीति को सर्वोपरि रखा गया है। राजेश राम ने उम्मीद जताई कि जल्द ही बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी उम्मीदवारों के नामों की सार्वजनिक घोषणा हो जाएगी।
संभावित चुनावी परिदृश्य
सिंबल वितरण के बाद पार्टी अपने उम्मीदवारों को तैयार करने में जुट जाएगी। जिन सीटों पर गठबंधन में आपसी समझौता नहीं हो पाया है, वहां संभावित रूप से फ्रेंडली फाइट देखने को मिल सकती है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस बार कांग्रेस का फोकस सिर्फ जीत की संभावना वाली सीटों पर रहेगा और हर उम्मीदवार को चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार किया जाएगा। पार्टी के रणनीतिकार और वरिष्ठ नेता प्रदेश में अपनी सक्रियता बनाए रखेंगे ताकि उम्मीदवारों की प्रचार और संगठनात्मक गतिविधियाँ सही दिशा में आगे बढ़ें।
कांग्रेस इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों की गुणवत्ता और उम्मीदवारों की क्षमता को ध्यान में रखते हुए चुनावी रणनीति बना रही है। दिल्ली में हुई हाई कमान की बैठक और राहुल गांधी की सुपर स्क्रीनिंग कमेटी की सलाह ने स्पष्ट किया है कि पार्टी हर सीट पर संतुलित और मजबूत उम्मीदवार उतारने के लिए प्रतिबद्ध है। सिंबल वितरण के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि किन सीटों पर महागठबंधन में विवाद रहेगा और किन जगहों पर फ्रेंडली फाइट सामने आएगी।