बिहार विधानसभा चुनाव के बीच समस्तीपुर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी चेतना झांब पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला सर्किल ऑफिसर (सीओ) सलोनी करण के बयान के आधार पर दर्ज कराया गया। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि 2 नवंबर की दोपहर चेतना झांब ने अपने समर्थकों के साथ नगर निगम क्षेत्र में बिना प्रशासनिक अनुमति के जुलूस और रैली का आयोजन किया था। शिकायत मिलने के बाद प्रशासन ने मौके पर जांच की, जिसमें पुष्टि हुई कि रैली के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी। जांच रिपोर्ट में कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी शामिल हैं, जिनके अनुसार चेतना झांब ने समर्थकों के साथ शहर के प्रमुख इलाकों से होते हुए जुलूस निकाला। इसे आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन माना गया। इसके बाद सीओ की ओर से औपचारिक रूप से प्राथमिकी दर्ज कराई गई। अधिकारी बताते हैं कि चुनावी माहौल में इस तरह की गतिविधियों पर सख्ती से नजर रखी जा रही है ताकि कोई भी उम्मीदवार नियमों का उल्लंघन न कर सके।
फिल्म निर्माता से राजनीति तक का सफर और जन सुराज से नाराजगी
चेतना झांब, जो पहले एक फिल्म प्रोड्यूसर के रूप में जानी जाती थीं, कुछ महीने पहले पटना में तामझाम के साथ जन सुराज अभियान से जुड़ी थीं। लेकिन जब उन्हें समस्तीपुर से पार्टी का टिकट नहीं मिला तो उन्होंने नाराज होकर निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया। उन्होंने समर्थकों के साथ बैठक कर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। चेतना ने कहा था कि वे समस्तीपुर की बेटी हैं और क्षेत्र के विकास के लिए राजनीति में आई हैं। उनका आरोप था कि जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने उन्हें विश्वास दिलाया था कि वे इस क्षेत्र से टिकट देंगें, लेकिन अंतिम समय में टिकट किसी बाहरी उम्मीदवार को दे दिया गया। इससे उन्हें गहरा आघात पहुंचा। चेतना झांब के मुताबिक, वे पिछले कई महीनों से क्षेत्र में सक्रिय हैं और लोगों की समस्याओं को उठाने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा था कि जनता के समर्थन से वे किसी राजनीतिक दल पर निर्भर हुए बिना चुनाव जीतकर समस्तीपुर को एक नया मॉडल देना चाहती हैं।
रोसड़ा में जन सुराज पर भी कार्रवाई, प्रशासन ने बढ़ाई सख्ती
चेतना झांब का मामला दर्ज होने के साथ ही जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर की टीम पर भी आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है, जहां उनकी पार्टी के रोड शो को निर्धारित समय से काफी देर बाद शुरू किया गया और तय रूट से हटकर दूसरे मार्ग से ले जाया गया। प्रशासन ने पहले पूरे मामले की जांच कराई, जिसके बाद रिपोर्ट के आधार पर रोसड़ा थाना में एफआईआर दर्ज की गई। अधिकारियों का कहना है कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोई भी उम्मीदवार या दल बिना पूर्व अनुमति के सार्वजनिक कार्यक्रम या जुलूस नहीं निकाल सकता। समस्तीपुर और रोसड़ा दोनों जगह हुई इन घटनाओं ने प्रशासनिक हलकों में सतर्कता बढ़ा दी है। जिले के चुनाव अधिकारी ने सभी प्रत्याशियों को चेतावनी दी है कि आचार संहिता का उल्लंघन करने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चेतना झांब का मामला केवल एक कानूनी कार्रवाई नहीं, बल्कि यह इस बात का संकेत है कि चुनावी माहौल में नए चेहरे भी नियमों की कठोरता से अछूते नहीं हैं। प्रशासन अब पूरी तरह सक्रिय है ताकि आगामी मतदान निष्पक्ष और शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न कराया जा सके।




