Hindi News / State / Bihar / अरियांव मामले में 6 RJD समर्थकों को जमानत, बक्सर में CPI (ML) विधायक का आरोप – ‘प्रशासन दबाव में काम कर रहा है’

अरियांव मामले में 6 RJD समर्थकों को जमानत, बक्सर में CPI (ML) विधायक का आरोप – ‘प्रशासन दबाव में काम कर रहा है’

भाजपा सांसद मनोज तिवारी के रोड शो में कथित व्यवधान के आरोप में गिरफ्तार छह युवकों को मिली राहत, MLA अजीत कुमार सिंह बोले – सरकार और NDA नेताओं के दबाव में हुई कार्रवाई

Buxar CPI (ML) leader Ajit Kumar Singh addressing media after 6 RJD supporters granted bail in Ariyanv case | Bihar News

बक्सर जिले के डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में भाजपा सांसद और भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी के रोड शो के दौरान हुए कथित “हमले” के मामले में गिरफ्तार छह आरजेडी समर्थकों को अदालत से जमानत मिल गई है। यह सभी युवक मंगलवार देर शाम जेल से रिहा हो गए। उनके घर लौटते ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई, वहीं राजनीतिक गलियारों में यह मामला एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गया। अदालत के इस फैसले के बाद विपक्षी दलों ने प्रशासन पर निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं।

शनिवार शाम अरियांव ब्रह्म स्थान के पास मनोज तिवारी के काफिले पर कथित हमले की कोशिश का दावा किया गया था। भाजपा सांसद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा था कि आरजेडी समर्थकों ने उनके रोड शो को रोकने और उन पर हमला करने की कोशिश की। इस मामले में कृष्णाब्रह्म थाना में 11 लोगों को नामजद और करीब 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए छह युवकों को गिरफ्तार किया था।

MLA अजीत कुमार सिंह ने लगाया ‘सरकारी दबाव’ का आरोप

छहों युवकों को जमानत मिलने के बाद CPI (ML) के निवर्तमान विधायक डॉ. अजीत कुमार सिंह ने प्रशासनिक कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “यह पूरा मामला सरकारी दबाव का परिणाम है। अधिकारियों ने सच्चाई को दबाने और राजनीतिक हित साधने के लिए गलत कार्रवाई की।” डॉ. सिंह ने दावा किया कि शुरुआत में जिला प्रशासन के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट किया गया था कि कोई हमला नहीं हुआ, लेकिन कुछ ही घंटों बाद दबाव में दूसरा पोस्ट जारी किया गया जिसमें “हमले की कोशिश” को स्वीकार किया गया। उन्होंने इसे सरकारी हस्तक्षेप और अधिकारियों पर पड़े दबाव का “स्पष्ट प्रमाण” बताया।

उन्होंने कहा कि “राज्य में लोकतंत्र की जगह डर और दबाव की राजनीति चल रही है। निर्दोष युवकों को जेल भेज दिया गया, जबकि सच्चाई को छिपा दिया गया। यह प्रशासनिक तंत्र पर राजनीतिक नियंत्रण का उदाहरण है।” डॉ. सिंह ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि तथ्यों को जनता के सामने लाया जा सके।

आरजेडी ने कहा ‘दमनकारी कार्रवाई’, भाजपा ने बताया ‘कानून व्यवस्था की सफलता’

जमानत मिलते ही इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। आरजेडी ने इसे “दमनकारी कार्रवाई” बताते हुए कहा कि एनडीए सरकार विरोधियों को डराने और राजनीतिक आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। पार्टी नेताओं ने कहा कि “मनोज तिवारी के रोड शो में किसी तरह की हिंसा नहीं हुई थी, फिर भी सरकार ने विपक्षी युवाओं को बलि का बकरा बना दिया।”

वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रशासन ने कानून के अनुसार कार्रवाई की और समय रहते स्थिति को नियंत्रण में लाकर हिंसा फैलने से रोका। उनका कहना है कि विपक्ष मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है, जबकि हकीकत यह है कि मनोज तिवारी के रोड शो में नारेबाजी और अव्यवस्था फैलाने की कोशिश की गई थी।

डुमरांव में आगामी मतदान से पहले यह मुद्दा राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील बन गया है। एक ओर आरजेडी और वाम दल इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बता रहे हैं, वहीं एनडीए इसे सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती का उदाहरण पेश कर रहा है। अब देखना होगा कि इस जमानत के बाद राजनीति की दिशा किस ओर मुड़ती है – क्या यह विपक्ष को नया मुद्दा देगा या फिर एनडीए इसे कानून व्यवस्था की उपलब्धि के रूप में पेश करेगा।

ये भी पढ़ें:  शाहपुर में पवन सिंह की चुनावी गर्जना: भाजपा प्रत्याशी राकेश ओझा के समर्थन में जुटी भीड़, एनडीए के लिए वोट अपील करेंगे पावर स्टार
Share to...