बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार के बीच जमुई में शुक्रवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। जिले के बरहट प्रखंड के भालुका इलाके में कुछ अराजक तत्वों ने बीजेपी की प्रचार गाड़ी पर हमला कर तोड़फोड़ की। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, युवकों ने लाठी-डंडों से गाड़ी पर लगे पोस्टर और बैनर फाड़ दिए तथा वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें एक युवक को हाथ में डंडा लेकर वाहन के पीछे दौड़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के बैकग्राउंड में लालू प्रसाद यादव के एक पुराने गीत को एडिट कर चलाया गया है, जिससे राजनीतिक रंग और गहरा हो गया है। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है, वहीं पुलिस प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, भालुका यादव बहुल क्षेत्र है और वहां राजनीतिक ध्रुवीकरण लंबे समय से देखने को मिलता रहा है। वीडियो में एक स्थान पर “Only RJD Lover” लिखा हुआ भी नजर आ रहा है, जिससे इस घटना को राजनीतिक प्रतिशोध से जोड़कर देखा जा रहा है।
श्रेयसी सिंह ने जताई नाराजगी, कहा- “क्या यही बिहार की राजनीति का चेहरा है?”
जमुई से बीजेपी प्रत्याशी और अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह ने इस वायरल वीडियो को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, “क्या यही बिहार की राजनीति का चेहरा है? क्या 20 साल पुराने शासनकाल की याद दिलाई जा रही है? क्या सड़क नहीं है, पानी नहीं है, शिक्षा नहीं है, या पुल नहीं है? गलत व्यवहार का जवाब जनता जरूर देगी।” श्रेयसी सिंह ने आगे लिखा कि लोकतंत्र में विचारों से विरोध होना चाहिए, हिंसा से नहीं। उन्होंने इस घटना को राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने वाला बताया और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की। उनके इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर जमकर बहस छिड़ गई। समर्थक और विरोधी, दोनों ही पक्षों के लोग इस मामले पर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है, वहीं विपक्षी दलों के कुछ कार्यकर्ताओं ने इसे सामान्य झड़प करार दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं चुनावी माहौल को बिगाड़ सकती हैं और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जनता में भय का माहौल न बने।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, पुलिस ने शुरू की जांच
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। कई यूजर्स ने इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया, जबकि कुछ ने इसे चुनावी प्रतिस्पर्धा का परिणाम कहा। एक यूजर नीलेश कुमार ने कमेंट किया, “यह बेहद दुखद है, लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।” वहीं, एक अन्य यूजर राजा बाबू ने लिखा, “14 तारीख को जनता सबक सिखा देगी।” त्रिपुरी सिंह नाम के यूजर ने इस घटना को ‘जंगल राज की वापसी’ बताया। कई लोगों ने वीडियो को फेसबुक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए जमुई की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। जमुई पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है और इसमें शामिल लोगों की पहचान की कोशिश की जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और चुनावी माहौल में किसी भी प्रकार की अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल चुनावी छवि को प्रभावित करती हैं बल्कि जनता के बीच भय और असुरक्षा का माहौल भी पैदा करती हैं। जमुई में इस घटना के बाद अब कानून व्यवस्था और राजनीतिक शालीनता दोनों पर सवाल खड़े हो गए हैं। जनता की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन और राजनीतिक दल इस मामले में क्या कदम उठाते हैं, ताकि आने वाले दिनों में ऐसे घटनाक्रम दोबारा न दोहराए जाएं।




