बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के तहत मधुबनी की बाबूबरही विधानसभा सीट पर महागठबंधन के भीतर लंबे समय से चल रही असमंजस की स्थिति आखिरकार खत्म हो गई है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की उम्मीदवार बिंदु गुलाब यादव ने सोमवार को अपना नामांकन वापस लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी। अब इस सीट से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अरुण कुशवाहा को महागठबंधन का आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया गया है।
दरअसल, शुरुआत में यह सीट वीआईपी के हिस्से में आई थी, जिसके बाद पार्टी ने गुलाब यादव की पुत्री बिंदु गुलाब यादव को प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने 21 अक्टूबर को नामांकन दाखिल किया था। लेकिन उसी दिन राजद की ओर से भी अरुण कुशवाहा ने महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में नामांकन कर दिया, जिससे स्थिति जटिल हो गई थी।
गठबंधन के दोनों घटक दलों के बीच सीट पर अधिकार को लेकर असहमति थी। वीआईपी इसे अपनी परंपरागत सीट मान रही थी, जबकि राजद कार्यकर्ता इस पर अपनी दावेदारी ठोक रहे थे। इस टकराव को खत्म करने के लिए महागठबंधन के शीर्ष नेतृत्व के बीच कई दौर की बातचीत हुई, जिसके बाद अंततः वीआईपी ने सीट राजद को देने पर सहमति जताई।
“गठबंधन की एकता सर्वोपरि”- बिंदु गुलाब यादव
नामांकन वापस लेने के बाद बिंदु गुलाब यादव ने अपने बयान में कहा कि महागठबंधन की एकजुटता और जनता की सेवा उनके लिए सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, “गठबंधन की मजबूती हमारी प्राथमिकता है। मैं सदैव महागठबंधन की विचारधारा के साथ खड़ी रहूंगी और जनता के हित में कार्य करती रहूंगी।”
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, बिंदु गुलाब यादव का यह कदम न केवल परिपक्व राजनीतिक सोच को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वह व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से ऊपर उठकर गठबंधन धर्म निभा रही हैं। बिंदु, वीआईपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गुलाब यादव की बेटी हैं। उन्हें शिक्षित, युवा और ऊर्जावान चेहरा माना जाता है। उनके इस कदम से गठबंधन की छवि मजबूत हुई है और संदेश गया है कि महागठबंधन किसी भी कीमत पर एकजुट होकर मैदान में उतरना चाहता है।
वीआईपी सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेतृत्व ने बिंदु यादव को समझाया कि सीट तालमेल और जीत की रणनीति के लिए त्याग जरूरी है। उन्होंने इसे सम्मानपूर्वक स्वीकार करते हुए कहा कि संगठन और गठबंधन हित में यह निर्णय सही है।
अब मुख्य मुकाबला RJD बनाम NDA
नामांकन वापसी के बाद अब बाबूबरही सीट पर चुनावी तस्वीर स्पष्ट हो गई है। इस सीट से राजद के अरुण कुशवाहा महागठबंधन के अधिकृत प्रत्याशी होंगे, जबकि एनडीए की ओर से पहले से ही प्रत्याशी तय हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मुकाबला अब सीधा एनडीए बनाम महागठबंधन का हो गया है।
बाबूबरही सीट मधुबनी जिले की एक राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है, जहां पिछले चुनावों में मतदाताओं का झुकाव कभी राजद तो कभी जेडीयू की ओर रहा है। इस बार गठबंधन के तालमेल और स्थानीय समीकरणों को देखते हुए मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है।
स्थानीय स्तर पर बिंदु गुलाब यादव के समर्थक भी इस फैसले को सकारात्मक रूप में देख रहे हैं। एक स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा, “उनका यह कदम राजनीतिक परिपक्वता का उदाहरण है। इससे पार्टी के साथ-साथ गठबंधन की छवि भी मजबूत हुई है।”
गठबंधन के नेताओं का कहना है कि बाबूबरही से लेकर पूरे मधुबनी क्षेत्र में अब एकजुट होकर प्रचार किया जाएगा। वहीं, राजद के उम्मीदवार अरुण कुशवाहा ने बिंदु यादव का धन्यवाद करते हुए कहा कि “यह त्याग भाव गठबंधन की जीत की नींव बनेगा।”




