लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को बिहार के नालंदा जिले के नूरसराय में आयोजित एक विशाल जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की गरिमा को कमजोर कर रही है और विदेशों में भारत की छवि गिराने के लिए जिम्मेदार है। राहुल ने कहा कि मोदी जी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से डरते हैं और उनके दबाव में निर्णय लेते हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “ट्रंप ने 50 बार कहा कि मैंने मोदी को एक फोन पर ऑपरेशन सिंदूर रुकवाया, और मोदी जी की हिम्मत नहीं हुई कि वे इसका खंडन कर सकें।” राहुल ने इसे देश के गौरव से जुड़ा सवाल बताया और कहा कि इंदिरा गांधी के समय में ऐसा नहीं होता था। इंदिरा जी ने अमेरिका को चुनौती दी थी और भारतीय सेना की ताकत को दुनिया के सामने स्थापित किया था। राहुल ने कहा कि आज के प्रधानमंत्री ने न सिर्फ ट्रंप के आगे झुककर देश की मर्यादा को ठेस पहुंचाई है, बल्कि विदेश नीति को भी व्यक्तिगत प्रचार का माध्यम बना दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक ऐसा व्यक्ति जो राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा करने में असमर्थ है, वह देश के विकास की बात कैसे कर सकता है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार को “डर और दिखावे की राजनीति” करने वाला बताते हुए कहा कि ऐसे नेतृत्व से न तो बिहार आगे बढ़ेगा और न ही भारत।
बिहार की शिक्षा, रोजगार और नीतीश सरकार पर हमला
सभा के दौरान राहुल गांधी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में आज भी युवाओं के सपने प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण अधूरे रह जाते हैं। उन्होंने पेपर लीक की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब राज्य का युवा ईमानदारी से परीक्षा की तैयारी करता है, तो परीक्षा के एक दिन पहले पेपर लीक हो जाता है और योग्य छात्रों का भविष्य अंधेरे में चला जाता है। राहुल ने सवाल उठाया कि “नीतीश कुमार 20 साल से सत्ता में हैं, लेकिन क्या बिहार में आज अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा या उद्योग हैं?” उन्होंने कहा कि बिहार के अस्पतालों की हालत ऐसी है कि लोग वहां इलाज कराने नहीं, बल्कि अंतिम उम्मीद लेकर जाते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर एक साथ हमला करते हुए कहा कि “नीतीश कुमार का रिमोट दिल्ली में है, पीएम मोदी और अमित शाह जब चाहें, राज्य की दिशा बदल देते हैं।” राहुल ने आरोप लगाया कि राज्य की नीतियां अब जनता के हित में नहीं, बल्कि बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे के अनुरूप चल रही हैं। उन्होंने कहा कि भागलपुर में अडाणी समूह को एक रुपये में जमीन देना बिहार के किसानों के साथ धोखा है और यह साबित करता है कि केंद्र और राज्य सरकारें उद्योगपतियों के हित में काम कर रही हैं। राहुल ने कहा कि बिहार के युवाओं में अपार क्षमता है, उन्होंने दुबई और बेंगलुरु जैसे शहरों के विकास में योगदान दिया, लेकिन अपने ही राज्य को पीछे छोड़ने पर मजबूर हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि “अगर बिहार के लोग दूसरे राज्यों को बना सकते हैं तो अपने बिहार को क्यों नहीं?” राहुल ने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने पर राज्य में स्थानीय रोजगार, शिक्षा सुधार और उद्योग नीति पर प्राथमिकता दी जाएगी ताकि युवाओं को पलायन न करना पड़े।
छठ पूजा, वोट की राजनीति और महागठबंधन की रणनीति
राहुल गांधी ने अपने भाषण के अंतिम हिस्से में प्रधानमंत्री मोदी पर छठ पूजा को राजनीतिक प्रचार का साधन बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “मोदी जी छठ पूजा का नाटक कर रहे हैं, असली आस्था जनता में होती है, प्रचार मंचों पर नहीं।” उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “मोदी जी यमुना नदी में नहीं, स्विमिंग पूल में स्नान करने गए थे।” राहुल ने कहा कि बीजेपी हर त्योहार को चुनावी अभियान में बदल देती है ताकि जनता के असली मुद्दे-रोजगार, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्यपृष्ठभूमि में चले जाएं। उन्होंने कहा कि अगर वोट चोरी नहीं की जाती तो आज देश में महागठबंधन की सरकार होती। महाराष्ट्र और हरियाणा में जिस तरह से चुनावी धांधली की गई, वही प्रवृत्ति अब बिहार में भी अपनाई जा रही है। राहुल ने दावा किया कि बीजेपी संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने मताधिकार की रक्षा करें और इस “वोट चोरी” के खिलाफ जागरूक रहें। राहुल ने कहा कि उनकी सरकार आने पर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर जाति, हर धर्म और हर वर्ग का प्रतिनिधित्व शासन में हो। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार नफरत नहीं, मोहब्बत पर चलेगी। बिहार के लोगों की राजनीतिक समझ बहुत गहरी है और अब समय आ गया है कि वे इस समझ को वोट के जरिए दिखाएं।” नालंदा की धरती से राहुल गांधी ने अपने भाषण को इस वाक्य के साथ समाप्त किया कि “यह लड़ाई केवल सत्ता की नहीं, संविधान और समानता की रक्षा की है।” उनकी रैली में भारी भीड़ उमड़ी, जहां उन्होंने युवाओं को विशेष रूप से संबोधित करते हुए कहा कि “अब वक्त है अपने भविष्य की बागडोर अपने हाथ में लेने का।” राहुल गांधी का यह दौरा आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में नई गर्माहट लेकर आया है और यह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि कांग्रेस राज्य में बीजेपी और जेडीयू के खिलाफ मजबूत मोर्चा खोलने जा रही है।




