बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के लिए प्रचार अभियान रविवार शाम छह बजे आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया। इस चरण में कुल 122 विधानसभा सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रचार थमने के बाद अब किसी भी क्षेत्र में सार्वजनिक सभाएं, जुलूस, रोड शो या लाउडस्पीकर का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब प्रत्याशी सोमवार को केवल घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर सकेंगे। इस चरण में अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सुपौल, सहरसा सहित कई जिलों के निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से शाम तक मतदान प्रक्रिया चलेगी। चुनाव आयोग ने सभी जिलों के प्रशासन को निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। प्रत्येक जिले में मतदान केंद्रों की सुरक्षा, बिजली, पानी और आवश्यक सुविधाओं की समीक्षा पूरी कर ली गई है। इसके साथ ही मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से ‘मतदाता जागरूकता अभियान’ भी चलाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग लोकतंत्र के इस पर्व में भाग ले सकें।
एनडीए और महागठबंधन के बीच तीखा मुकाबला, प्रमुख नेताओं ने किया व्यापक प्रचार
प्रचार के अंतिम दिन रविवार को राज्यभर में सियासी सरगर्मी चरम पर रही। एनडीए और महागठबंधन दोनों गठबंधनों के प्रमुख नेताओं ने अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाओं, रोड शो और रैलियों के माध्यम से मतदाताओं तक पहुंचने की पूरी कोशिश की। एनडीए ने अपने प्रचार में केंद्र और राज्य सरकार की विकास योजनाओं, सुशासन और कानून व्यवस्था को प्रमुख मुद्दा बनाया। वहीं, विपक्षी महागठबंधन के नेताओं ने बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक न्याय को चुनावी केंद्र में रखा। राजद नेता तेजस्वी यादव ने पटना सहित कई जिलों में रोड शो और सभाओं के जरिए जनता से संवाद किया, जिनमें बड़ी संख्या में समर्थक शामिल हुए। इस चरण की 122 सीटों पर मुकाबला बेहद दिलचस्प माना जा रहा है, क्योंकि यह क्षेत्रीय समीकरणों और जातीय संतुलन के लिहाज से राजनीतिक रूप से अहम है। विश्लेषकों का मानना है कि दूसरे चरण का परिणाम राज्य की सियासत की दिशा तय कर सकता है।
सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता, 1 लाख से अधिक जवानों की तैनाती और ड्रोन से निगरानी
चुनाव आयोग और प्रशासन ने दूसरे चरण के मतदान को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। राज्यभर में एक लाख से अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। विशेष रूप से संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां लगाई गई हैं। मतदान केंद्रों की निगरानी के लिए वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है, जबकि बॉर्डर इलाकों और दूरदराज क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी। प्रशासन ने बताया कि सभी ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की जांच पूरी कर ली गई है और उन्हें सुरक्षित स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। फ्लाइंग स्क्वॉड और स्टैटिक सर्विलांस टीमें लगातार सक्रिय हैं ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी या आचार संहिता उल्लंघन पर तत्काल कार्रवाई की जा सके। प्रशासन मतदाताओं से अपील कर रहा है कि वे भयमुक्त होकर मतदान करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती दें। मतगणना 14 नवंबर को निर्धारित है, जिसके बाद नतीजे बिहार की नई राजनीतिक तस्वीर तय करेंगे। इस बीच आयोग और पुलिस विभाग लगातार संपर्क में हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि चुनाव पूरी तरह शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हों।




