बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर शुक्रवार को एनडीए गठबंधन ने पटना के होटल मौर्या में अपना चुनावी घोषणापत्र ‘संकल्प पत्र 2025’ जारी किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, एचएएम (से) प्रमुख जीतन राम मांझी, आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और एलजेपी (रामविलास) अध्यक्ष चिराग पासवान मौजूद रहे। मंच से घोषणा की गई कि आने वाले पांच वर्षों में बिहार को रोजगार, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। एनडीए ने अपने घोषणापत्र में 1 करोड़ नई नौकरियों के सृजन का वादा किया है। साथ ही महिलाओं को 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने और एक करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने की योजना शामिल की गई है। गरीब परिवारों के बच्चों को KG से PG तक मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा भी इस बार के संकल्प पत्र में प्रमुखता से रखी गई है। संकल्प पत्र के अनुसार राज्य के चार प्रमुख शहरों में मेट्रो सेवा शुरू करने, धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने और विशेष रूप से मां जानकी मंदिर क्षेत्र को ‘सीतापुरम’ के रूप में तैयार करने की रूपरेखा दी गई है। कार्यक्रम के बाद सभी प्रमुख नेता चुनाव प्रचार के लिए रवाना हो गए, जबकि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने विस्तृत रूप से मीडिया को संकल्प पत्र के बिंदुओं की जानकारी दी।
विपक्ष का हमला: कांग्रेस ने कहा-26 सेकेंड में मेनिफेस्टो जारी कर रच दिया इतिहास
एनडीए का घोषणापत्र जारी होने के तुरंत बाद विपक्षी दलों ने इस पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तंज कसते हुए कहा कि “इतिहास में पहली बार किसी गठबंधन ने 26 सेकेंड में मेनिफेस्टो जारी किया।” उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए के नेताओं को अपने घोषणापत्र पर भरोसा नहीं है, इसलिए वे बिना कुछ पढ़े मंच छोड़कर चले गए। गहलोत ने कहा कि “नीतीश कुमार और जेपी नड्डा सिर्फ औपचारिकता निभाने आए थे, बाकी घोषणाएं उनके उपमुख्यमंत्री ने कीं।” वहीं राजद के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने भी एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि “रोजगार के मोर्चे पर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी टीम का रिकॉर्ड शून्य है। जनता को बार-बार झूठे सपने दिखाए जा रहे हैं।” दूसरी ओर, एनडीए नेताओं ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि गठबंधन का काम बोलता है। जेडीयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में अब तक 50 लाख नौकरियां दी जा चुकी हैं, और आने वाले पांच साल में यह आंकड़ा दोगुना होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिहार में सड़क, पुल और इंफ्रास्ट्रक्चर पर 5 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जो राज्य की प्रगति को नई दिशा देंगे।
महिला सशक्तिकरण और किसान कल्याण योजनाओं पर विशेष फोकस
एनडीए के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि संकल्प पत्र 2025 का मुख्य केंद्र “युवा, महिला, दलित, पिछड़ा और किसान वर्ग” है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के साथ-साथ एनडीए सरकार कर्पूरी ठाकुर योजना के तहत किसानों को अतिरिक्त 3000 रुपये की सहायता देगी। महिलाओं के लिए स्वावलंबन मिशन को और मजबूत बनाने की योजना है, जिसके तहत एक करोड़ महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। चौधरी ने कहा कि एनडीए सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में नई नीतियां लाकर बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। इसके अलावा, हर जिले में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले जाएंगे ताकि युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण मिल सके। एनडीए के नेता मनोज तिवारी ने कहा कि “हमारा गठबंधन अपराध मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त और विकासोन्मुख शासन का प्रतीक है। बिहार में जो परिवर्तन हुआ है, वह एनडीए की प्रतिबद्धता का परिणाम है।” उन्होंने दावा किया कि पहले जहां लोग रोज़गार के लिए बिहार छोड़ते थे, अब राज्य में अवसर पैदा हो रहे हैं और लोग वापस लौट रहे हैं। पार्टी का कहना है कि अगले कार्यकाल में ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ बिहार को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। एनडीए ने कहा कि उनका घोषणापत्र सिर्फ वादा नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य की ठोस रूपरेखा है, जिसमें विकास, विश्वास और संवेदना-तीनों का समन्वय है।




