96% नए चेहरे और पंचायत नेताओं को मौका
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में 51 उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिनमें 49 यानी 96% नए चेहरे हैं। यह लिस्ट राज्य के 38 में से 26 जिलों को कवर करती है, जिससे लगभग 70% बिहार की आबादी चुनावी कवरेज में शामिल हो रही है।
पार्टी ने खास तौर पर पंचायत और प्रखंड स्तर के नेताओं को मौका दिया है, जिनमें 16 मुखिया, 2 प्रखंड प्रमुख, 4 जिला परिषद सदस्य, 1 मेयर और 2 डिप्टी मेयर शामिल हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पंचायत प्रतिनिधियों की लोकल राजनीति में गहरी समझ होती है और इनके पास पैसा और लोगों को जुटाने की क्षमता भी होती है।
प्रशांत किशोर ने नए उम्मीदवारों को मौका देकर यह संदेश दिया है कि पार्टी स्थानीय स्तर के लोगों के लिए तैयार है और विधानसभा में फ्रेश चेहरों के साथ उतर रही है।
बड़े नाम और सामाजिक पैठ रखने वाले उम्मीदवार
जनसुराज की लिस्ट में केवल नए चेहरे ही नहीं, बल्कि समाज में प्रतिष्ठित और लोकप्रिय लोग भी शामिल हैं। इनमें भोजपुरी सिंगर रितेश पांडेय, 7 डॉक्टर, 2 वकील, 2 पूर्व IPS अफसर, 2 IAS अफसरों के रिश्तेदार, एक गणितज्ञ और सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति के भतीजे जैसे नाम हैं।
पार्टी ने वाईबी गिरि, जेपी सिंह, प्रो. केसी सिन्हा, आरके मिश्रा, जागृति ठाकुर और लता सिंह जैसे अनुभवी और समाज में प्रतिष्ठित उम्मीदवारों को टिकट दिया है। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि इन बड़े नामों को शामिल करने का उद्देश्य यह दिखाना है कि पार्टी के पास उम्मीदवारों की कमी नहीं है और साथ ही यह लोगों में भरोसा जगाता है कि चुनाव में उम्मीदवार योग्य और प्रतिष्ठित होंगे।
हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लोकप्रियता वोट में कन्वर्ट होगी, इसकी गारंटी नहीं है, लेकिन यह कदम पार्टी की छवि को मजबूती देता है।
जातीय समीकरण में बदलाव और आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी
जनसुराज पार्टी की पहली लिस्ट में 26 ऐसे उम्मीदवार हैं जो परंपरागत जातीय समीकरण को चुनौती देते हैं। इसमें 7 सवर्ण विधायकों की सीट पर OBC-EBC को मौका दिया गया है। जैसे बेगूसराय, परबत्ता, आरा और नवीनगर सीटों पर बदलाव किया गया है। पार्टी ने EBC समुदाय से 17 उम्मीदवार चुने हैं, जबकि पिछड़ा वर्ग से 11, मुस्लिम 7 और SC-ST 7 उम्मीदवारों को मौका मिला है।
यह वितरण राज्य की आबादी और वोट बैंक के हिसाब से संतुलित किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने इस लिस्ट के जरिए नीतीश कुमार और अन्य प्रमुख दलों को चुनौती देते हुए पारंपरिक समीकरणों को तोड़ा है और नए वोट बैंक बनाने का प्रयास किया है।
साथ ही, इसमें परिवारवाद भी दिखता है, जैसे RCP सिंह की बेटी और पूर्व सांसद सीताराम यादव की बहू का शामिल होना। इस लिस्ट से साफ है कि जनसुराज पार्टी चुनाव में नए चेहरे और परंपरागत समीकरणों के संतुलित मिश्रण के साथ मैदान में उतर रही है।